Find the Best पहुँचने Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutपहुँचने meaning in english,
SUPRIYA S DEEKSHIT
मुश्किलों से कह दो अभी मैं ठहरी नही हु बढ़ रही हु निरंतर अपनी मंजिल की ओर माना है लाख मुश्किलें सफर ऐ राहे में मेरी मगर फिर भी में हारी नही हू भले लाख रोड़े भी आये राहों में मेरी मजबूत हो गए है अब इरादे मेरे मुश्किलों से कह दो अभी मैं ठहरी नही हु। लाख धोखे ही सही लाख चोटें ही सही लाख झूठे वायदे ही सही अपनों के बीच मे रंगे सियार भी सही ना झुकी हु ना रुकी हु ना टूटी हु अभी मंजिल को पाए बिना ना ठहरूंगी कभी।। ©SUPRIYA S DEEKSHIT #मंजिलों_से_कह_दो #बस #पहुँचने #मेरे_अल्फाज #मेरे_शब्द #मेरी_कलम_से✍️ #lost
#मंजिलों_से_कह_दो #बस #पहुँचने #मेरे_अल्फाज #मेरे_शब्द मेरी_कलम_से✍️ #lost
read moreNeha
कई बार जिंदगी में आगे बढ़ने पर हमारे कदम लडखडा जरूर जाते हैं, तब वक्त रहते संभलना जरूरी होता है..., मंजिल तक पहुँचने में बहुत सी मुश्किल आयेगी, कई बार लगता है, हम सब कुछ हार गये.., पर एक बात जरूर याद रखो जो परेशानी, तकलीफ, दर्द, हर तरफ का त्याग कर आज यहा पहुँचे है, तब वो दिन याद करने से हमे आगे बढ़ने मे हिम्मत और हौसला खुद मिलेगा...,जब हम उस इम्तहान से निकल आये.. तो आज भी हम मंजिल पर पहुँचने के लिए सब से निपट सकते हैं.., कयूकिं जो दिन आज है, वो हमेशा नही रहता है..., #Nojoto Hindi #Har din or waqt Ek sa nhi ##...👍👍
Hindi Har din or waqt Ek sa nhi ##...👍👍
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 5 - स्वस्थ समाज आज की घटना नहीं है, लगभग 35 वर्ष हो चुके इसे। उस वर्ष हिमालय में हिमपात अधिक हुआ था। श्रीबद्रीनाथजी के मन्दिर के पट वैसे सामान्य स्थिति में अक्षय तृतीया (वैशाख शुक्ल 3) को खुल जाया करते हैं, किन्तु मैं जब जोशीमठ पहुँचा तो यात्री वहीं रुके थे। पट तब तक भी खुले नहीं थे। मैं अक्षय तृतीया वृन्दावन ही करके चला था। मार्ग में तीन-चार दिन तो ऋषिकेश तक में ही रुकते-रुकाते लगे थे और तब मोटर बस केवल देवप्रयाग तक जाती थी। आगे का मार्ग
read moreSweta Baisla
मंजिल तक पहुँचने की राह में अगर नजारे खूबसूरत है तो मंजिल से ज्यादा मंजिल तक पहुँचने की राह खूबसूरत है #NojotoQuote
Ajay Amitabh Suman
बिछिया अनिमेश आठवीं कक्षा का विद्यार्थी था । बचपन से हीं अनिमेश के पिताजी ने ये उसे ये शिक्षा प्रदान कर रखी थी कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक आदमी का योग्य होना बहुत जरुरी है। अनिमेश अपने पिता की सिखाई हुई बात का बड़ा सम्मान करता था । उसकी दैनिक दिनचर्या किताबों से शुरू होकर किताबों पे हीं बंद होती थी । हालाँकि खेलने कूदने में भी अच्छा था। नवम्बर का महिना चल रहा था। आठवीं कक्षा की परीक्षा दिसम्बर में होने वाली थी। परीक्षा काफी नजदीक थी। अनिमेश अपनी किताबों में मशगुल था। ठण्ड पड़नी शुरू हो गय
बिछिया अनिमेश आठवीं कक्षा का विद्यार्थी था । बचपन से हीं अनिमेश के पिताजी ने ये उसे ये शिक्षा प्रदान कर रखी थी कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक आदमी का योग्य होना बहुत जरुरी है। अनिमेश अपने पिता की सिखाई हुई बात का बड़ा सम्मान करता था । उसकी दैनिक दिनचर्या किताबों से शुरू होकर किताबों पे हीं बंद होती थी । हालाँकि खेलने कूदने में भी अच्छा था। नवम्बर का महिना चल रहा था। आठवीं कक्षा की परीक्षा दिसम्बर में होने वाली थी। परीक्षा काफी नजदीक थी। अनिमेश अपनी किताबों में मशगुल था। ठण्ड पड़नी शुरू हो गय
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited