Find the Best समूह Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutनिर्देशों का समूह कहलाता है, उल्लुओं का समूह in english, स्वयं सहायता समूह योजना क्या है, समूह ग क्या है, कॉलेजों में से acmt समूह,
Balram Gupta
लोग लोग एक शब्द नहीं है,यह पहचान है समूह की , समूह जिसमे गुम हो जाती है पहचान अकेले की , बन जाते हैं सब साथी एक साथ चलने वाले, एक दूसरे के सुख दुख में शामिल तो क्या मैं खो दूँ अपने आप को लोगों के बीच और कर दूं अपने फैसलों को समूह के हवाले या बनाऊं एक नया रास्ता जो मेरी पहचान को गुम न होने दे मैं लोगों जैसा होकर भी भीड़ का हिस्सा नही हूँ।।। #लोग
Jay Shankar Singh Bhadauriya
भदौरिया दर्पण ________ समूह के नियम 3: किसी भी तरह के फूहड़, अश्लील, अफवाह ,एवम भगवान और शैतान से संबंधित संदेश नहीं डालें। 4: आपत्तिजनक स्थिति में किसी भी सदस्य को बिना सूचना के समूह से निष्कासित किया जा सकता है। आदेशानुसार समूह प्रशासक
Jay Shankar Singh Bhadauriya
भदौरिया दर्पण ------------- समूह के नियम 1: सभी भदौरिया आमंत्रित हैं। 2: भदौरिया इतिहास, इनकी वर्तमान सामाजिक,आर्थिक स्थिति; महत्त्वपूर्ण उपलब्धि एवम ज्ञानवर्धक,रोचक वो साहित्यिक संदेश ही डालें। 3:किसी भी तरह के फूहड़,अफबाह, अश्लील, भगवान और शैतान से संबंधित संदेश नहीं डालें। 4: आपत्तिजनक स्थिति में किसी भी सदस्य को बिना किसी सूचना के समूह से निष्कासित किया जा सकता है। आदेशानुसार समूह प्रशासक।
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 15 - कलियुग के अन्त में आपने यदि वैज्ञानिक कही जाने वाली कहानियों में से कोई पढी हैं तो देखा होगा कि किस प्रकार दो-चार शती आगे की परिस्थिति का उनमें अनुमान किया जाता है और वह अनुमान अधिकांश निराधार ही होता है। यह कहानी भी उसी प्रकार की एक काल्पनिक अनुमान मात्र प्रस्तुत करती है; किंतु यह सर्वथा निराधार नहीं है। पुराणों में कलियुग के अन्त समय का जो वर्णन है, वह सत्य है; क्योंकि पुराण सर्वज्ञ भगवान् व्यास की कृति है। उनमें भ्रम, प्रमाद सम्भव न
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 7 – धर्म-धारक 'आज लगभग तेंग का पूरा परिवार ही नष्ट हो गया।' बात मनुष्यों में नही, देवताओं में चल रही थी। 'वह कृष्णवर्णा दीर्धांगी कंकालिनी लताकण्टकभूषणा चामुण्डा किसी पर कृपा करना नहीं जानती। उसने मेरी अनुनय को उपेक्षा के निष्करुण अट्टहास में उड़ा दिया। आप सब देखते ही हैं कि किस शीघ्रता से वह प्राणियों के रक्त-माँस चाटती जा रही है।' 'तुम्हारे यहाँ तो अद्भुत सुइयाँ एवं ओषधियाँ लेकर एक पूरा दल चिकित्सकों का आ गया है।' दूसरे देवता ने अधिक खिन
read moreAnil Siwach
।।श्री हरिः।। 38 - तुलसी-पूजन मैया तुलसी-पूजन कर रही है। गौर श्रीअंग, रंत्न-खचित नील कौशेेय वस्त्र कटि में कौशेय रज्जु से कसा है। चरणों में रत्ननूपुर हैं। कटि में रत्न जटित स्वर्णकाञ्ची है। करों में चूड़ियाँ हैं, कंकण हैं। रत्न जटित अंगूठियाँ हैं। भुजाओं में केयूर हैं। कंठ में सौभाग्य-सूत्र, मुक्तामाल, रत्नहार है और है नील कञ्चुकी रत्नखचित्त लाल कौशेय ओढनी। मोतियों से सज्जित माँग, मल्लिका-मालय-मंडित वेणी। आकर्ण-चुम्बित कज्जल-रञ्जित लोचन, कर्णों में रत्न-कुण्डल, भालपर सिन्दूर-बिन्दु, मैया ब्रजेश
read moreManaswin Manu
#nojotohindi #insecurity #Fear #Religion #buisness ये पूरी सभ्यता, इसका विकास, किसी भी प्रकार का, किसी भी आयाम में, केवल एक ही उपाय से संभव है, पहले जनसामान्य के मन में असुरक्षा और भय के बीज बोए जाते हैं,
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || 11 - गोपाल 'कनूँ तू देवता है?' 'तू देवता है।' कुछ चिढे स्वर में इस प्रकार कन्हाई ने कहा जैसे कोई किसी को गाली के बदले गाली दे दे। पता नहीं क्या बात है कि इस श्रीदाम से कन्हाई खटपट करता ही रहता है! इसी को चिढाने-खिझाने पर उतारु रहता है। इतने पर भी श्रीदाम रहेगा इसी के साथ। इससे लडेगा, झगड़ेगा, खीझेगा; किन्तु इस व्रजराजतनय का साथ तो नहीं छोडा जा सकता।
read moreVinay Kumar
#nojoto #storytellingday #stars #birds #airpollution #humangreed #doomsday (Caption..) मैं महज़ 10 साल का था। स्कूल की छुट्टियाँ चल रही थी, और वो दिन आ गया था जिसके लिए मैं पुरे साल इंतज़ार करता था क्योंकि मैं दादा के घर जाने वाला था। उनके साथ जब भी मैं होता तो कोई भी मुझे अपनी मन मानी करने से नही रोकता, पुरे दिन मैं उनके साथ घूम सकता था, अपना मन चाह पहन सकता मन चाह खा सकता था । लेकिन उस सब से भी ज्यादा मुझे दो चीज़े प्यारी थी सुबह सुबह पार्क में घूमना और रात को उनके सिरहाने सर रख तारो की बातें करना। दादा के घर सुवह सुबह जल्दी उठना होता। तो घड़ी की सुईयां 5:30 पर पहुची दादा ने मुझे शर
मैं महज़ 10 साल का था। स्कूल की छुट्टियाँ चल रही थी, और वो दिन आ गया था जिसके लिए मैं पुरे साल इंतज़ार करता था क्योंकि मैं दादा के घर जाने वाला था। उनके साथ जब भी मैं होता तो कोई भी मुझे अपनी मन मानी करने से नही रोकता, पुरे दिन मैं उनके साथ घूम सकता था, अपना मन चाह पहन सकता मन चाह खा सकता था । लेकिन उस सब से भी ज्यादा मुझे दो चीज़े प्यारी थी सुबह सुबह पार्क में घूमना और रात को उनके सिरहाने सर रख तारो की बातें करना। दादा के घर सुवह सुबह जल्दी उठना होता। तो घड़ी की सुईयां 5:30 पर पहुची दादा ने मुझे शर
read moreVikas Rawal
my last day in benaras -A letter to the holy city varanasi☝ प्रिय बनारस, 6 जून, 2017 ये केवल एक तारीख नहीं है। एक तरफ यह वो दिन है जब मैं यहाँ पर आखिरी बार हूँ, वहीं दूसरी तरफ यह एक नई शुरुआत लिए हुए हैं। एक तरफ तीन बरस का सुनहरा अतीत है और एक तरफ बेहतर भविष्य की योजनाएं हैं। जब मैं यहां आया था तो बस अपनी पढ़ाई का एक हिस्सा पूरा करने आया था...और...और ये आज पूरा हो चुका हैं, इसके लिए खुश हूँ। तो फिर ऐसा क्या है जो ये सब लिखनें को मजबूर कर दे रहा??? इसके पीछे कोई एक वजह नहीं बल्कि वजहों का पूरा समूह है और वो समूह है...तुम....बनारस। बनारस तुम मेरे लिए बस एक
प्रिय बनारस, 6 जून, 2017 ये केवल एक तारीख नहीं है। एक तरफ यह वो दिन है जब मैं यहाँ पर आखिरी बार हूँ, वहीं दूसरी तरफ यह एक नई शुरुआत लिए हुए हैं। एक तरफ तीन बरस का सुनहरा अतीत है और एक तरफ बेहतर भविष्य की योजनाएं हैं। जब मैं यहां आया था तो बस अपनी पढ़ाई का एक हिस्सा पूरा करने आया था...और...और ये आज पूरा हो चुका हैं, इसके लिए खुश हूँ। तो फिर ऐसा क्या है जो ये सब लिखनें को मजबूर कर दे रहा??? इसके पीछे कोई एक वजह नहीं बल्कि वजहों का पूरा समूह है और वो समूह है...तुम....बनारस। बनारस तुम मेरे लिए बस एक
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