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Best आदम Shayari, Status, Quotes, Stories

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manju Ahirwar

#आदम गोंडवी #chamron की गली

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LOL







©KaushalAlmora

 #कला 
#ठहराव 
#रोजकाडोजwithkaushalalmora 
#kaushalalmora 
#life 
#आदम 
#coronaeffects
#yqdidi

Gurdeep Kanheri

#आदम बाघ

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Umar Shaikh

#नफस फरमाने इलाही - अल्लाह ने जो हज़रत आदम को जन्नत में एक पेड़ के करीब जाने और इस का फल खाने मना किया था हुकमे इलाही - अल्लाह ने जो फरिश्तों और इब्लिस को आदम को सजदा करने का हुक्म दिया था #Nafs ,

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 #नफस
फरमाने इलाही - अल्लाह ने जो हज़रत आदम को जन्नत में एक पेड़ 
                       के करीब जाने और इस का फल खाने मना किया था

हुकमे इलाही - अल्लाह ने जो फरिश्तों और इब्लिस को आदम को 
                    सजदा करने का हुक्म दिया था

#Nafs , #Nojoto

umar SHAIKH

#नफस फरमाने इलाही - अल्लाह ने जो हज़रत आदम को जन्नत में एक पेड़ के करीब जाने और इस का फल खाने मना किया था हुकमे इलाही - अल्लाह ने जो फरिश्तों और इब्लिस को आदम को सजदा करने का हुक्म दिया था #Nafs ,

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 #नफस
फरमाने इलाही - अल्लाह ने जो हज़रत आदम को जन्नत में एक पेड़ 
                       के करीब जाने और इस का फल खाने मना किया था

हुकमे इलाही - अल्लाह ने जो फरिश्तों और इब्लिस को आदम को 
                    सजदा करने का हुक्म दिया था

#Nafs , #Nojoto

*alf@z-e-dil* (Akash Singh)

क्या ऐसे ही आंखों में सबको वो हूर मिलता है
क्या ऐसे ही, बन के इश्क़ आदम को कोहिनूर मिलता है

क्या ऐसे ही आंखों में खोने लगते है सब ये
क्या ऐसे ही उस एक के होने का फितूर मिलता है
क्या ऐसे ही, बन के इश्क़ आदम को कोहिनूर मिलता है

क्या इन्हीं आंखों से वो ख्वाब सजते हैं जमाने के
क्या इन्हीं आंखों में डूब जाने का डर हुज़ूर मिलता है
क्या ऐसे ही, बन के इश्क़ आदम को कोहिनूर मिलता है

क्या ऐसे ही आंखें शर्म से झुकती हैं उनके होने से
क्या ऐसे ही उनके होने का गुरूर मिलता है
क्या ऐसे ही, बन के इश्क़ आदम को कोहिनूर मिलता है

क्या ऐसे ही आंखों आंखों में बातें होती है
क्या ऐसे ही होठों को मुस्कुराने का सुरूर मिलता
क्या ऐसे ही, बन के इश्क़ आदम को कोहिनूर मिलता है.. #hindipoetry #hindiwriters #kavitayein

anoop dhaval

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कुछ  कहते गर , तो वो रूठ जाते यूँ अंजीर आदम के फूल सा 
पर ख़ता उनकी भी तो नही -२
उन्हें क्या पता हमें मनाना नही आता ।।

अंजीर आदम -गूलर(एक ऐसा फल जिसमें फूल अविद्यमान रहता है )

Rajesh Raana

हर #शख्स अपनी #नाक पर बैठा हुआ हैं , ज्यों #उल्लू कोई #शाख़ पर बैठा हुआ हैं । (१) #बाजार में #तगादियों की कमी नही है कोई , #धन्ना सेठ भी इसी #धाक पर बैठा हुआ है । (२) #दिखता ही नही उसके #सिवा कोई और मुझे,

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हर शख्स अपनी नाक पर बैठा हुआ हैं ,
ज्यों  उल्लू कोई शाख़ पर बैठा हुआ हैं । (१)

बाजार में तगादियों की कमी नही है कोई ,
धन्ना सेठ भी इसी धाक पर बैठा हुआ है । (२)

दिखता ही नही उसके सिवा कोई और मुझे,
दिलबर मेरा, मेरी आँख पर बैठा हुआ है। (३)

तेरी गली में आऊं और क़त्ल हो जाऊ,
रक़ीब मेरा बस इसी ताक पर बैठा हुआ है । (४)

इतनी जल्दी से न खुद को कमतरी से देख,
कुज़ागर तेरा अभी तो चाक पर बैठा हुआ है । (५)

ज़मी का होकर आसमाँ को नापने चला "राणा"
आदम तू तो अभी अपनी राख़ पर बैठा हुआ है । (६) हर #शख्स अपनी #नाक पर बैठा हुआ हैं ,
ज्यों  #उल्लू कोई #शाख़ पर बैठा हुआ हैं ।
(१)

#बाजार में #तगादियों की कमी नही है कोई ,
#धन्ना सेठ भी इसी #धाक पर बैठा हुआ है । (२)

#दिखता ही नही उसके #सिवा कोई और मुझे,

Deepansh Mittal

सुन आदम, ओ रे आदम;आदम की, औलाद तू तू जो सोचे, तो तू मिट्टी; जो सोचे तो, फौलाद तू है दुनिया ये, अंश-विष्णु; विष्णु इसका, रखवाला तू जो कोसे, तो तू रावण, जो पूजे तो, प्रहलाद तू इंसान से, इंसानियत है; है इंसान से, हैवानियत तू जो चाहे, तो तू ब्राह्मण; जो चाहे तो, जल्लाद तू

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सुन आदम, ओ रे आदम;आदम की, औलाद तू
तू जो सोचे, तो तू मिट्टी; जो सोचे तो, फौलाद तू

है दुनिया ये, अंश-विष्णु; विष्णु इसका, रखवाला
तू जो कोसे, तो तू रावण, जो पूजे तो, प्रहलाद तू

इंसान से, इंसानियत है; है इंसान से, हैवानियत
तू जो चाहे, तो तू ब्राह्मण; जो चाहे तो, जल्लाद तू

है आत्मा तो, बुद्ध जीवी; मरके भी मरती नहीं
तू जो देखे, तो तू जीवित; जो देखे तो, नाशाद तू

अच्छा हुआ खो दिया, जिसे पाके, दिल था रो दिया
तू जो माने, तो तू जीता; जो माने, तो बरबाद तू

जीवन मृत्यु, मृत्यु जीवन; एक सिक्के के, दो पहलू हैं
तू जो चाहे तो, अनुवाद बन; जो चाहे तो, अपवाद तू

माँ शब्द में, वो ममता है; विधाता, जिसमे रमता है
जो तू पलता तो तू बेटा है; जो पाले तो, दामाद तू

ये सलाखें तो बेकसूर हैं; देख कोसों तुझसे दूर हैं
जो 'मन माने' तो तू बंदी है, जो 'मन ठाने' तो आज़ाद तू सुन आदम, ओ रे आदम;आदम की, औलाद तू
तू जो सोचे, तो तू मिट्टी; जो सोचे तो, फौलाद तू

है दुनिया ये, अंश-विष्णु; विष्णु इसका, रखवाला
तू जो कोसे, तो तू रावण, जो पूजे तो, प्रहलाद तू

इंसान से, इंसानियत है; है इंसान से, हैवानियत
तू जो चाहे, तो तू ब्राह्मण; जो चाहे तो, जल्लाद तू

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