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Dharmendra
ख्वाहिशों का #मोहल्ला बहुत बड़ा होता है, बेहतर है हम #जरूरतों की गली में मुड़ जाएं।✍️ 🍁 🌿 🍁 @everyone ©Dharmendra #happycouple
gourav
ख्वाइशों का मोहल्ला बहुत बड़ा था हम जरूरतों की गलियों मैं मुड़ गए #ख्वाइशों #मोहल्ला #जरूरतों #गलियों #yqbaba #yqdidi #yqquotes #gourav_writes
Raj Sabri
#जरूरतों को मैं पढ़ता था जिसके चेहरे से वो हो सका ना कभी मेरे हाल से वाकिफ Chouhan Saab Parvaiz Ahmed Sajid kashmiri shayar ki duniya
read moreVivek Singh
हमें धर्म के नाम पर बाटने वाले, ऑक्सीजन वाले की जात नहीं पूछ रहें हैं। हमें वोटो के लिए लड़ने वाले, हमारी जिंदगी के हालात नहीं पूछ रहे हैं। हमें विरोध प्रदर्शन में उकसाने वाले, आज हमारी जरूरतों पर साथ नहीं दे रहे हैं। कभी वक्त मिले तो सोचना हमारे साथ कौन है? मदत करने वाला न किसी धर्म का होता है और न किसी पार्टी का होता है। वो बस एक इंसान होता है, ©Vivek Singh #Nodiscrimination हमें #धर्म के नाम पर बाटने वाले, ऑक्सीजन वाले की जात नहीं पूछ रहें हैं। हमें वोटो के लिए #लड़ने वाले, हमारी #जिंदगी के #हालात नहीं पूछ रहे हैं। हमें #विरोध प्रदर्शन में उकसाने वाले, आज #हमारी #जरूरतों पर साथ नहीं दे रहे हैं। कभी वक्त मिले तो सोचना हमारे साथ कौन है?
Anurag Vishwakarma
ख्वाहिशें अब भूल गया हूं जो पिता के पैसे से पूरे होते थे अब जरुरते पूरी करते दिन बीत जाता है सुकून नही है जिंदगी में जरूरतों ने सुकून छीन लिया है शिकायत भी अब किससे करें सुनने वाला भी मैं ही हूं ऐ वक्त जरा थम कर चल कुछ एहसान चुकाने बाकी जरूरतों ने एहसान मंद बना दिया ©Anurag Vishwakarma #जरूरतों ने #एहसानमंद बना दिया शिकायत भी अब किससे करें #मालिक भी मैं हूं #नौकर भी मैं हूं
PoetrywithAmar
सब जरूरतों का खेल_है ....साहेब जरूरत_अपनी_हो_तो सब_अपने_है नहीं_तो सब_मोह_माया_है ... अमरजीत कुशवाहा #सब #जरूरतों #का #खेल_है ....#साहेब #जरूरत_अपनी_हो_तो #सब_अपने_है #नहीं_तो #सब_मोह_माया_है ...
#सब #जरूरतों #का #खेल_है ....#साहेब #जरूरत_अपनी_हो_तो #सब_अपने_है #नहीं_तो #सब_मोह_माया_है ...
read more।।अनाम।।
ख्वाहिशें जरा दब सी गई है, जरूरतों के बोझ तले..... #ख्वाहिशें जरा दब सी गई है, #जरूरतों के #बोझ तले.....
#ख्वाहिशें जरा दब सी गई है, #जरूरतों के #बोझ तले.....
read moreHardik Verma
खुद को न जाने कितने तकलीफो में रखकर हमें पाला है खुद भूखे रहकर हमें खिलाया है आज तक वो अपने चेहरे का ख्याल नहीं रखीं फिर भी आज तक हमने उसका सबसे खूबसूरत चेहरा पाया है खुद की जरूरतों को पूरा न कर उसने हमारी जरूरतों को पूरा किया है बिना बताए हर एक बात समझ जाती है उससे हम लाख छिपाये लेकिन वो हर एक बात जान जाती है आखिर करे भी तो क्या आखिर वो हमें हमसे ज्यादा जानती है हमारे लिए वो खुद की जरूरतों को पूरा न कर पैसे बचाती है वो खुद से ज्यादा हमें मानती है बिना कुछ मांगे बेपनाह मोह्हबत करती है हमें डाट कर वो बाद में खुद आकर समझाती है इतने साफ़ दिल से कोई और प्यार नही करता ऐसी बस माँ होती है । #माँ
Hariom Suryawanshi
जब तक तू सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए भागेगा तब तक सिर्फ तेरी जरूरत पूरी होगी। मगर जब तू लोगो की जरूरतों के लिये भागेगा उस दिन तेरे सपने पूरे होंगे ।
Rekha Mewada
अपनी जरूरतों जरूरतों को भुलाकर मेरी जरुरतों को देखा है। खुद का पेट खाली रखकर मेरे पेट को भरा है। खुद का वर्तमान खराब कर मेरे भविष्य की सोचा है। मां तुने मेरे लिए इतनी तकलीफो को झेला है i love you mom love you mom
love you mom
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