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Bhawana Pandey
ज़िन्दगी का सफर ये जिन्दगी है कहाँ इतनी आसानी से मानती हैं कभी हसीन ख्वाब दिखाकर बहुत हँसाती है तो कभी खौफनाक मंजर को दिखाकर बहुत रुलाती हैं यही इसकी फितरत हैं इसकी बातो में मत आना क्योकि ये हर पल आजमाती हैं रुठ जाओ अगर तुम इससे तो दुसरे पल में उम्मीद दिखा देती है यही तो इसका हनुर हैं ये जिन्दगी हैं कहाँ इतनी आसानी से मानती हैं. #life#bhawanapandey#poetry#nojoto
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read moreARJEET PATEL
जिंदगी में बेशक़ नही है वो मेरे थोडी सी मोहब्बत दिखाकर गया है यक़ीन है एकदिन लौट आएगा वो इतना तो हक़ मुझसे जता के गया है कोई और नही बस हम दों हो वहां कुछ ऐसा जहां वो सजाकर गया है देखो हिज्र की बातें छेड़कर भी वो वस्ल के सपने दिखाकर गया है 💔Chiwu💔 Smrutirekha Dash Deepika Dubey Shalu Kumari Monika secret shine #nojoto #love #intejaar
Anand Panday
तुम क्या रुठे इस दुनिया के सब संकट साकार हो गए| ऐसी हवा चली नगरी के दीपक भी अंगार हो गए| जिस ने मुझको ठुकराया है मैं तो उसका भी आभारी जिस ने गले लगाया वह है मेरे प्राणों का अधिकारी जाने क्या अपराध हो गया अनुमानों को खबर नहीं है| तूफानों से रिश्वत लेकर मांझी भी मझधार हो गऍ पवन उड़ा सकती है मुझको पानी नहीं डूबा पाएगा| मैं तृण हूं मेरा हल्का पन मुझको लेकर तर जाएगा| मैंने किए समर्पण अब तक सहयोगो की भीख मांगी| फिर क्यों बगिया की चंदन पर विषधर पहरेदार हो गऍ| मैंने जिन की पीड़ाओ पर नित आंसू के अर्ध्य चढ़ाऐ| आश्वासन देकर कि मुझको वह मेरे कुछ काम ना आए| बनकर सुमन हाथ पतझड़ के सौ सौ बार लुटा उपवन में उसी सुमन की आज्ञा के अब पालन भी इंकार हो गए| जग सूरज का ताज दिखाकर मुझसे आंखें मांग रहा है| चांद गगन का राज दिखाकर मुझसे पाखे मांग रहा है| खुशियों पर अधिकार नहीं तो फिर कैसे उपहार लुटाउ जीवन में मधुमास सभी जब मरघट के त्यौहार हो गए|
moh (Manjari)
अगर हाथों की रेखा दिखाकर लोग पता लगा लेते हैं, कि उनकी जिन्दगी में क्या होने वाला है। तो फिर बीमार होने पे वो डॉक्टर की बजाय अपने हाथो को दिखाकर हीं पता लगा लेते की मरीज कब तक ठीक होने वाला है।।
Söñú Shãrmä
गलत करने बाले ,किस मुहँ से सच बोलेंगे कारनामे बड़े इनके,हजारों चेहरे हैं कपड़ो से ज्यादा ये अपना रंग बदलते हैं हर काम के लिए एक नया चेहरा चुनते हैं काम हो इनका तो पैरों में गिर जाते हैं सपने बड़े बड़े दिखाकर काम निकलबाते हैं दो दिन साथ दिखाकर नाम तक भूल जाते हैं चेहरे पर हँसी झूठी हँसी लेकर बड़ी हमदर्दी जताते हैं सच में देश बहुत तरक़्क़ी कर रहा हैं हर कोई नित नये चेहरे का प्रयोग कर रहा हैं नकली चेहरो से व्यापार बढ़ता जा रहा हैं लोंगों का लोंगों में विश्वास घटता जा रहा हैं दुनिया में कोई गूँगा ते कोई बहरा है सब के पास अपना एक बदलता नया चेहरा हैं #चेहरे
Abhay Srivastava
एहसान एहसान किया उसने मुझे अपना बताकर एहसान किया उसने मुझे सपना दिखाकर वो तो धीरे धीरे दूर हो गए एहसान किया उसने मुझे बेगाना दिखाकर ^√Ghost¥writer^™ Indrajeet Writes Prachi Agarwal Mohammad साकिब عثمانی (ALIG) Supriya Pandey
^√Ghost¥writer^™ Indrajeet Writes Prachi Agarwal Mohammad साकिब عثمانی (ALIG) Supriya Pandey
read moreAbhay Srivastava
एहसान एहसान किया उसने मुझे अपना बताकर एहसान किया उसने मुझे सपना दिखाकर वो तो धीरे धीरे दूर हो गए एहसान किया उसने मुझे बेगाना दिखाकर ^√Ghost¥writer^™ Indrajeet Writes Prachi Agarwal Mohammad साकिब عثمانی (ALIG) Supriya Pandey
^√Ghost¥writer^™ Indrajeet Writes Prachi Agarwal Mohammad साकिब عثمانی (ALIG) Supriya Pandey
read moresumer singh rajput
मैंने कोई सुरज कोई तारा नही देखा किस रंग का होता है उजाला नही देखा ना जाने मुझें क्यों सताती है आँखे ना जाने मुझें क्यों सताती है आँखे,,, ना जाने मुझें क्यों सताती है आँखे, खुसी हो या गम ये भर आती हैं आँखे
read moreKiran Bala
वादा नहीं चाहिए कोई तुमसे वादा... पहले सपनों के पंख लगाकर उड़ना सिखाओगे पर फैलाकर साहस की नई उम्मीद जगाकर सतरंगी जग का मोह दिखाकर फिर कुतरोगे एक - एक पर गिन- गिन के तुम मूषक बन अहसानों का बोझ दिखाकर लौटोगे स्वाभिमान मिटाकर हाँ, नहीं चाहिए कोई ऐसा वादा #nojoto #nojotohindi #WOD #वादा #poetry #life #truth #tst #kiranbala
nojoto #nojotohindi WOD #वादा #Poetry #Life #Truth #TST #kiranbala
read moreSanjeev Kumar Bansal
मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल 1 *उड़ान अभी बाकी है* कभी बोलने की कीमत चुकाता है आदमी तो कभी चुप रहने की सजा पाता है आदमी। कभी ज़माने से नज़रें चुराता है आदमी, तो कभी सागर की भी लहरें झुकाता है आदमी। देर से ही सही, पर ध्वजा अपनी लहराकर, एक पहचान बनाता है आदमी। सही राह दिखाकर औरों को, आंखों में सबकी, आशा की ज्योति जलाता है आदमी। कभी बोलने की कीमत चुकाई हमने, तो कभी चुप रहने की सजा पाई हमने। कभी ज़माने से नज़रें चुराई हमने, तो कभी सागर की भी लहरें झुकाई हमने। देर से ही सही, पर ध्वजा अपनी लहराकर, एक पहचान बनाई हमने। सही राह दिखाकर औरों को, आंखों में सबकी, आशा की ज्योति जलाई हमने। सब वक्त वक्त की बात है हुज़ूर, क्योंकि बुरा वक्त भी यकीनन- देता है आपको मौका भरपूर, अपने आपको तराशने का, गढ़ने का। नए वक्त के साथ, नई उपलब्धियों के हाथ, नज़रिया बदलता है लोगों का यकीनन, आपको देखने का, आपको पढ़ने का। वक़्त भी देता है मौका आपको जरूर, बेवकूफियों पर समाज की- हँसने का, इक नया इतिहास रचने का ।। यह आपके ऊपर करता है निर्भर, वक़्त द्वारा दिए मौके का - फायदा उठाते हो कैसे? अपने आपको बनाते हो कैसे? दूजों को दिखाकर सही राह, दुनिया का सर झुकाते हो कैसे? विपरीत धारा का रुख अपनी तरफ, घुमाते हो कैसे? रखकर धैर्य अपनी मेहनत से, कुछ वर्षों की कठिन साधना के बाद- पाता है जब कोई अपना मुकाम, तो कोई नहीं कहता उसे नाकाम। गर चाहिए जीवन का अच्छा अंजाम, तो समझो आराम को हराम, करके निर्धारित आज ही लक्ष्य अपना लग जाओ इसको भेदने में तब तक, न मिले तुम्हें तुम्हारा पायदान जब तक, और ना हो ऊँचा, चाँद सितारों सा- आपका नाम।। अपने सफर पर चल रहा हूँ अकेला ही अभी, छोड़ता हूँ- ना मैं कल पर बात कभी, पहुंचूंगा जरूर मैं भी कभी- औरों की तरह कहीं न कहीं। बात होगी अब तभी, प्रशंसा करेंगे जब सत्य की सभी। मंज़िलों की तो अभी शुरुआत ही हुई है मेरे दोस्तों! आसमानों की असल ऊंची उड़ान अभी बाकी है, अभी तो नापी है बस दो ही ग़ज़ जमीं...... लेखक: संजीव कुमार बंसल ©©©©©©©© मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल 1 *उड़ान अभी बाकी है* कभी बोलने की कीमत चुकाता है आदमी तो कभी चुप रहने की सजा पाता है आदमी। कभी ज़माने से नज़रें चुराता है आदमी, तो कभी सागर की भी लहरें झुकाता है आदमी।
मेरी कविता: संजीव कुमार बंसल 1 *उड़ान अभी बाकी है* कभी बोलने की कीमत चुकाता है आदमी तो कभी चुप रहने की सजा पाता है आदमी। कभी ज़माने से नज़रें चुराता है आदमी, तो कभी सागर की भी लहरें झुकाता है आदमी।
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