Find the Best पहिले Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutजाए से पहिले ससुराल, जाए से पहिले, जाये से पहिले ससुराल, जाये से पहिले ससुरवा, पिवा से पहिले हमार रहलू गाना,
Ram Kumar
#पहिले बता दे रहे है #जल्दी2 टिकट हों #जाना चाहिए #इस बार कोई #बहाना नही #चलेगा सबको #बिहार आना ही #आना है 😍😘 ख्वाहिश 😘😍 OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) ~Nik...jat✓ Chief of Staff Kajal_meshram
😍😘 ख्वाहिश 😘😍 OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) ~Nik...jat✓ Chief of Staff Kajal_meshram
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 12 - भगवान ने क्षमा किया ऊँट चले जा रहे थे उस अन्धड़ के बीच में। ऊपर से सूर्य आग बरसा रहा था। नीचे की रेत में शायद चने भी भुन जायेंगे। अन्धड़ ने कहर बरसा रखी थी। एक-एक आदमी के सिर और कपड़ों पर सेरों रेत जम गयी थी। कहीं पानी का नाम भी नहीं था और न कहीं किसी खजूर का कोई ऊँचा सिर दिखायी पड़ रहा था। जमाल को यह सब कुछ नहीं सूझ रहा था। उसके भीतर इससे भी ज्यादा गर्मी थी। इससे कहीं भयानक अन्धड़ चल रहा था उसके हृदय में। वह उसी में झुलसा जा रहा था।
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 9 - सेवा का प्रभाव 'या खुदा, अब आगे को रास्ता भी नहीं है।' सवार घोड़े से कूद पड़ा। प्यास के मारे कण्ठ सूख रहा था। गौर मुख भी अरुण हो गया था। पसीने की बूदें नहीं थी, प्रवाह था। उसके जरी के रेशमी वस्त्र गीले हो गये थे। ज्येष्ठ की प्रचण्ड दोपहरी में जरी एवं आभूषणों की चमक नेत्रों में चकाचौंध उत्पन्न कर रही थी। वे उष्ण हो गये थे और कष्ट दे रहे थे। भाला उसने पेड़ में टिकाया, तरकश एवं म्यान खोल दी। कवच जलने लगा था और उसे उतार देना आवश्यक हो गया
read moreAanshi Ajit
एगो चाँद ऊगे से पहिले बादल छा गईल, एगो फूल खिले से पहिले कलियाँ मुरझा गईल, ऐ जिन्दगी बनाये वाला विधाता ,ई कईशन जिन्दगी बनवल, एगो दोस्त मिले से पहिले बिछड़ गईल। #NojotoQuote Happy frndship day advance
Happy frndship day advance
read more#tushu
एका खेडे गावात एक आई आणि तिचा १०-१२ वर्षाचा मुलगा राहत होते, उद्या आपला मुलगा जत्रेला जाणार त्याच्या हातात १० रुपये तरी असावे, पण घरात १० रुपये नाही म्हणून त्या माऊलीने बाजूच्या शेतात राबायला गेली संध्याकाळी मजुरीचे पैसे आणले,
read moreVikalp Dongre
पहिला पाऊस पहिली आठवण पहिल घरटं पहिल आंगण पहिले माती पहिला गंध पहिल्या मनातला पहिलाच बंद पहिला आभाळ पहिलाच रान पहिल्या जोडीत पहिले पान पहिले तळहात पहिलाच प्रेम पहिल्या सरीचा पहिलाच थेंब पहिला पाऊस पहिलीच आठवण पहिल्याच घरट्याच्या पहिला अंगण ( शब्द काही तुझे काही माझे) सौमित्र शब्द काही तुझे काही माझे
शब्द काही तुझे काही माझे
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 16 - राजस त्याग दु:खमित्येव यत्कर्म कायक्लेशभयात्यजेत्। स कृत्वा राजसं त्यागं नैव त्यागफलं लभेत्।। (गीता 18।8)
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 8 - सुहृदं सर्वभूतानाम् 'सावधान!' हवाईजहाज के लाउडस्पीकर से आदेश का स्वर आया। यह अंतिम सूचना थी। वह पहले से ही द्वार के सम्मुख खड़ा था और द्वार खोला जा चुका था। उसकी पीठ पर हवाई छतरी बँधी थी। रात्रि के प्रगाढ़ अंधकार में नीचे कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा था। केवल आकाश में दो-चार तारे कभी-कभी चमक जाते थे। मेघ हल्के थे। वर्षा की कोई सम्भावना नहीं थी। बादलों के होने से जो अंधकार बढा था, उसने आश्वासन ही दिया कि शत्रु छतरी से कूदने वाले को देख नह
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 15 - कलियुग के अन्त में आपने यदि वैज्ञानिक कही जाने वाली कहानियों में से कोई पढी हैं तो देखा होगा कि किस प्रकार दो-चार शती आगे की परिस्थिति का उनमें अनुमान किया जाता है और वह अनुमान अधिकांश निराधार ही होता है। यह कहानी भी उसी प्रकार की एक काल्पनिक अनुमान मात्र प्रस्तुत करती है; किंतु यह सर्वथा निराधार नहीं है। पुराणों में कलियुग के अन्त समय का जो वर्णन है, वह सत्य है; क्योंकि पुराण सर्वज्ञ भगवान् व्यास की कृति है। उनमें भ्रम, प्रमाद सम्भव न
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 7 – धर्म-धारक 'आज लगभग तेंग का पूरा परिवार ही नष्ट हो गया।' बात मनुष्यों में नही, देवताओं में चल रही थी। 'वह कृष्णवर्णा दीर्धांगी कंकालिनी लताकण्टकभूषणा चामुण्डा किसी पर कृपा करना नहीं जानती। उसने मेरी अनुनय को उपेक्षा के निष्करुण अट्टहास में उड़ा दिया। आप सब देखते ही हैं कि किस शीघ्रता से वह प्राणियों के रक्त-माँस चाटती जा रही है।' 'तुम्हारे यहाँ तो अद्भुत सुइयाँ एवं ओषधियाँ लेकर एक पूरा दल चिकित्सकों का आ गया है।' दूसरे देवता ने अधिक खिन
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