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Best लहरा Shayari, Status, Quotes, Stories

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Deepak Kumar 'Deep'

JAINESH KUMAR ''ज़ानिब''

सु मधुर #छत्तीसगढ़ी_गीत #Chhattisgarh #chhattisgarhi #लहरा के आवत हस, #बलखा के जावत हस, मन म #समावत हस, दिल ल तड़पावत हस, छिन भर आके, छिन म उड़ जावत हस, #दीदार दे, दीदार दे, दीदार दे #मौसमें बहारा ।।

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छत्तीसगढ़ी गीत
मौसमें बहारा

लहरा के आवत हस, बलखा के जावत हस,
मन म समावत हस, दिल ल तड़पावत हस,
छिन भर आके, छिन म उड़ जावत हस,
दीदार दे, दीदार दे, दीदार दे मौसमें बहारा ।।

तैं जो एक बार खिलखिला के कहीं मुश्कुरा दे,
आसमान म चमकत सितारा सरमा जाये,
झुकती नज़र के इशारा कहीं तीर बन जाथे,
पलकें जो उठे कहीं जवां धड़कन के सहारा बन जाथे ।।

लहरा के आवत हस, बलखा के जावत हस,
मन म समावत हस, दिल ल तड़पावत हस,
छिन भर आके, छिन म उड़ जावत हस,
दीदार दे, दीदार दे, दीदार दे मौसमें बहारा ।।

बरस जा सावन के पहली फुहार बन के,
छागे हस कईसे मन म खुंमार बन के,
हुस्न के गुलाम बनगे हे ये क़ायनात ह तोर,
तभेच हर मौसम म ख़ुशबू बसे रहिथे तोर ।।

लहरा के आवत हस, बलखा के जावत हस,
मन म समावत हस, दिल ल तड़पावत हस,
छिन भर आके, छिन म उड़ जावत हस,
दीदार दे, दीदार दे, दीदार दे मौसमें बहारा ।।
 सु मधुर #छत्तीसगढ़ी_गीत
#chhattisgarh
#chhattisgarhi
#लहरा के आवत हस, #बलखा के जावत हस,
मन म #समावत हस, दिल ल तड़पावत हस,
छिन भर आके, छिन म उड़ जावत हस,
#दीदार दे, दीदार दे, दीदार दे #मौसमें बहारा ।।

Jiten rawat

nojoto #कमर #मटका_कर वो अपना,#दुपट्टा #लहरा कर चलते  हैं, लोगों  को  #पागल करने का, ख़ुद ही #तरक़ीब करते हैं। लगा कर #आग सिने में, वो #जुल्फें लहरा कर चलते  हैं, इज़हार-ए-इश्क़  जो करदे कोई, तो #ऐतराज़ करते हैं। #आवारगी ख़ुद वो करते हैं, और  लोगों को  आवारा कहते हैं,

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कमर मटका कर वो अपना,दुपट्टा लहरा कर चलते  हैं,
लोगों  को  पागल करने का, ख़ुद ही तरक़ीब करते हैं।

लगा कर आग सिने में, वो जुल्फें लहरा कर चलते  हैं,
इज़हार-ए-इश्क़  जो करदे कोई, तो ऐतराज़ करते हैं।

आवारगी ख़ुद वो करते हैं, और  लोगों को  आवारा कहते हैं,
तमीज़ ख़ुद नहीं उनको, और  लोगों को  बत्तमीज़  कहते हैं।

इन हसीनाओं का भी जवाब नहीं, गुनाह ख़ुद वो करते हैं,
और  बेक़सूर,बेगुनाह   लोगों को  ही  गुनहगार  कहते हैं। #nojoto
#कमर #मटका_कर वो अपना,#दुपट्टा #लहरा कर चलते  हैं,
लोगों  को  #पागल करने का, ख़ुद ही #तरक़ीब करते हैं।

लगा कर #आग सिने में, वो #जुल्फें लहरा कर चलते  हैं,
इज़हार-ए-इश्क़  जो करदे कोई, तो #ऐतराज़ करते हैं।

#आवारगी ख़ुद वो करते हैं, और  लोगों को  आवारा कहते हैं,

Jiten rawat

आज-कल की हसीनाएं

लगा कर आग सिने में, वो जुल्फें लहरा कर चलते  हैं,
इज़हार-ए-इश्क़  जो करदे कोई, तो ऐतराज़ करते हैं।

निगाहों   से   अपनें   वो,  लोगों    को   घायल   करते  हैं, 
बनाकर मरीज-ए-इश्क लोगों को,ख़ुद ही इलाज़ करते हैं।

कमर मटका कर वो अपना, दुपट्टा लहरा कर चलते  हैं,
लोगों  को  पागल करने का,  ख़ुद ही तरक़ीब करते हैं।

कोई पागल जो  हो जाएतो, ख़ुद पागलखाने  साथ  चलते हैं, 
एक  नज़र  देखे जो कोई  उनको तो, आँखों से वार करते हैं।

देख कर लोगों को, वो खुद ही मुस्कुरा  कर  चलते हैं,
कोई उन्हें  देख कर  मुस्कुरादे  तो,  एतराज़ करते  हैं।

आवारगी ख़ुद वो करते हैं  और  लोगों को  आवारा कहते हैं,
तमीज़ ख़ुद  नहीं उनको, और  लोगों को  बत्तमीज़ कहते हैं।

इन हसीनाओं का भी जबाव नहीं, गुनाह ख़ुद वो करते हैं,
और  बेकशूर-बेगुनाह   लोगों को  ही  गुनहगार  कहते हैं।

                                                 #nojotoghajal #nojotoshayri #nojotopoetry #hasinayein #nojotowriter #jitenrawat 
#jitendrakumarrawat

Maya Dewangan

बारिश की बूंदें

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#बारिश -#की -#बूंदें

कितनी प्यारी लगती है बारिश की बूंदों की आवाज ....कभी रिमझिम ...कभी टिप टिप .....

कितना कुछ कहती है 
यह बारिश हमसे ......

हंसते हैं 
तो बूंदें खिलखिलाते हैं 

रोते हैं 
तो आंसू बन जाते हैं 

बड़ी लंबी दूरी 
तय करके आती हैं ये बूंदें 

छूकर धरा को 
कुछ यू गुनगुनाते हैं 

मानों तृप्त करके 
धरती को 
प्रेम गीत गाते हैं 

लहरा -लहरा कर 
पेड़ों के पत्ते 
खुशियों से झूम जाते हैं 

था इंतजार
इसी क्षण का कब से 
लो ...आ गई बारिश 
चलो उठो ! अब थोड़ा भीग जाते हैं

#माया बारिश की बूंदें

Maya Dewangan

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#बारिश -#की -#बूंदें

बारिश की बूंदे अपने आप में अनेक भावनाएं समेटे रहती है ...जिसका जैसा मन होता है ...वह वैसे ही नजर आती है...... सिंचाई के लिए मेघों का मुंह ताकते किसानों के लिए यह अमृत वर्षा की तरह वरदान है ....वहीं अगर किसी के विवाह दिन बारिश हो जाए तो अभिशाप से कम नहीं लगता 

कहीं प्रेमबस नायक नायिका के लिए बारिश प्रेम बढ़ाता है ....तो कहीं विरह वेदना से पीड़ित मन को और भी जलाता है ......बारिश शुरू से ही कवियों  के लिए श्रेष्ठ विषय रहा है 

महाकवि कालिदास जी ने अपनी महान रचना मेघदूत  में बादलों को ही अपना संदेशवाहक बनाया |

यूं तो पानी का कोई रंग नहीं होता परंतु हजार रंग बिखेर देती है दुनिया में .........ढल जाती है हर रंग में और मिल जाती है इस तरह की अलग नहीं होती.....

कितनी प्यारी लगती है बारिश की बूंदों की आवाज ....कभी रिमझिम ...कभी टिप टिप .....

कितना कुछ कहती है 
यह बारिश हमसे ......

हंसते हैं 
तो बूंदें खिलखिलाते हैं 

रोते हैं 
तो आंसू बन जाते हैं 

बड़ी लंबी दूरी 
तय करके आती हैं ये बूंदें 

छूकर धरा को 
कुछ यू गुनगुनाते हैं 

मानों तृप्त करके 
धरती को 
प्रेम गीत गाते हैं 

लहरा -लहरा कर 
पेड़ों के पत्ते 
खुशियों से झूम जाते हैं 

था इंतजार
इसी क्षण का कब से 
लो ...आ गई बारिश 
चलो उठो ! अब थोड़ा भीग जाते हैं

#माया

Sujal ki Mehfil

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हुजूर इस कदर भी ना इतराके चलिये
खुले आम आँचल ना लहरा के चलिये
--
बहोत खूबसूरत है हर बात लेकिन
अगर दिल भी होता, तो क्या बात होती
लिखी जाती फिर दास्ताँ-ए-मोहब्बत
एक अफसाने जैसी मुलाक़ात होती
हुजूर इस कदर भी ना इतराके चलिये
खुले आम आँचल ना लहरा के चलिये.
#SJL #NojotoQuote

सौरभ सिंह गिर्दाब

*गणतंत्र_दिवस_पर_तिरंगा*

मेरे पूरे देश मे तिरंगा लहरा रहा है, 
मुझे हरेक रंग बंटता नजर आ रहा है, 
केसरिया किसी का हरा किसी और का, 
बीच का सादा रंग नजर नही आ रहा है, 
*मेरे पूरे देश मे तिरंगा लहरा रहा है*, 

चक्र की जगह चक्रव्यूह ने लिया है, 
कुरूक्षेत्र सा माहौल देश का किया है, 
राजतंत्र में अब शड़ियंत्र बसा रहा है, 
नेता इस देश को पल-पल जला रहा है, 
*मेरे पूरे देश मे तिरंगा लहरा रहा है*, 

संविधान के नाम पर बलिदान हुए हैं, 
मेहनत कर भी गरीब यहाँ किसान हुए है, 
चालाकी मक्कारी इन्हे बलवान बना रहा है, 
युवाओ में हिंदू-मुसलमान करा रहा है, 
*मेरे पूरे देश मे तिरंगा लहरा रहा है*, 

गर हो सके तो आज अब हाथ उठाओ, 
देश को जलने से सब मिल कर बचाओ, 
अशफाक, भगत, सुभाष अवतार रहा है, 
ये भूमि उन्हे आज भी पुकारा रहा है, 
*मेरे पूरे देश मे तिरंगा लहरा रहा है*, 

इस देश को हम सबने प्राणों से गढ़ा है, 
कहीं भाई, कहीं पती, कहीं पुत्र मरा है, 
संविधान इस देश के ढांचे की रीढ़ है, 
उस रीढ़ को कोई जड़ से हिला रहा है, 
बावजूद इसके कि कोई मुझे मिटा रहा है, 
*मेरे देश मे तिरंगा लहरा रहा है*, 

*गिर्दाब* #NojotoQuote #गिर्दाब

Abhishek Singh

Jai Hind Bharat Mata ki jai #happyrepublicday

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India quotes  ये मेरा प्यारा वतन, ये मेरा प्यारा वतन...
सागर लहरा कर के इसके धुले चरन धुले चरन...
ये मेरा प्यारा वतन, ये मेरा प्यारा वतन...
गंगा यमुना जैसी नदियाँ उर अंतर में बहती इसके,
हिमगिरि जैसी पर्वतमाला माथे पर है सजती इसके,
सारे धर्म जातियाँ सारी प्रेम से रहती हैं संग संग,
ये मेरा प्यारा वतन, ये मेरा प्यारा वतन...
सागर लहरा कर के इसके धुले चरन धुले चरन...

पशु पक्षी भी पूजे जाते प्रकृति से इसके गहरे नाते,
शरणार्थी जो यहाँपे आते आत्मसात कर गले लगाते,
स्वर्ग से बढ़ के देश मेरा यहाँ देव जन्म लेके इठलाते,
निर्मल यहाँ धरा है सारी पावन इसके हैं कण कण,
ये मेरा प्यारा वतन, ये मेरा प्यारा वतन...
सागर लहरा कर के इसके धुले चरन धुले चरन...
ये मेरा प्यारा वतन, ये मेरा प्यारा वतन.. #NojotoQuote Jai Hind Bharat Mata ki jai
#HappyRepublicDay

Suraj Singh

ये जो खुशबू हवाओ में है आरही, क्या तुम अपनी ज़ुल्फ़ हो लहरा रही? ज़रा हाले-दिल इधर का भी तो जानो, क्यों फिर से अपनी अघोष में हो डूबा रही? मेने भूला दिया था इन खुशबुओं को, मेने नज़र अंदाज़ किया इन बदलियों को, ये बरसात कुछ याद मुझे है दिला रही, क्या फिर से तुम इन बूंदों में हो नहा रही?

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 ये जो खुशबू हवाओ में है आरही,
क्या तुम अपनी ज़ुल्फ़ हो लहरा रही?
ज़रा हाले-दिल इधर का भी तो जानो,
क्यों फिर से अपनी अघोष में हो डूबा रही?
मेने भूला दिया था इन खुशबुओं को,
मेने नज़र अंदाज़ किया इन बदलियों को,
ये बरसात कुछ याद मुझे है दिला रही,
क्या फिर से तुम इन बूंदों में हो नहा रही?
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