Find the Best बनाऊंगा Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutतुझको ही दुल्हन बनाऊंगा, बनाऊंगा तेरी पूजा करूंगा, घर बनाऊंगा, बनाऊंगा मंदिर, तुझको बनाऊंगा,
Aziz Khan
पराई आग से रोटी नहीं बनाऊंगा मैं भीग जाऊंगा छतरी नहीं बनाऊंगा अगर खुदा ने बनाने का इख्तियार दिया तो अलम बनाऊंगा बरछी नहीं बनाऊंगा गली से कोई गुजरे तो चौक उठता हूं मैं नए मकान में खिड़की नहीं बनाऊंगा फरेब देकर तेरा जिस्म जीत लू लेकिन मैं पेड़ काट के कश्ती नहीं बनाऊंगा मैं दुश्मनों से अगर जंग जीत भी जाऊं तो उनकी औरतें कैदी नहीं बनाऊंगा
Kavi Swaroop Dewal Kundal
मुझको क़बूल कर मेरे महबूब सातों जनम चाहूंगा तुझको लगा कर सीने से मैं उम्र सारी बिताऊंगा खुद को मैं तेरे कदमों मैं डाल दुं मंजूर है मुझे जमाने को छोड़कर मैं तुझको अपना बनाऊंगा तेरे इक इशारे पर मैं ज़िन्दगी कुर्बान कर देता हूँ तेरी जुल्फों की छांव में आशियां अपना बनाऊंगा तेरे हर ख्वाब को हक़ीकत की जमीन का वादा है तुझसे जुदा होकर मैं इक पल भी ना रह पाऊँगा तुझसे मुझे ऐसा नेह लग गया है मत पूछ नेहा तूं जो ना मिली तो अब खा के जहर मर जाऊंगा मर जाऊंगा
मर जाऊंगा
read moreMac Prajapati
जिंदा हु में कुछ करने के लिए चुप बेटा हु में कुछ करने के लिए एक नया इतिहास बनाऊंगा करूँगा में ऐसा काम जिसको दुनिया रखेगी याद बनाऊंगा में अपनी नई पहेचान जाऊंगा में देश की सेवा करने हो जाऊंगा में इस देश पे कुर्बान #जिंदा हु में #शायरी
Masumwriter
इक ख्वाब है मेरा मै उसे अपना बनाऊंगा अपने महबूब कि जुल्फों को फूलों से सजाऊंगा मै और सिर्फ वो होंगे इक साथ लोगो के नज़रों से दूर इक ऐसा आशियां बनाऊंगा उसके आंखों में आने नहीं दूंगा कभी आंसू वो जो रूठ जाएगी मै उसको मनाऊंगा वो जो चाहेगी वहीं करूंगा सिर्फ मै वो जैसा चाहेगी मै वैसा बनजाऊंगा Masum tv YouTube channel
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read moreDiL-e-Nadan
गली से कोई भी गुजरे तो चौंक उठता हूं , नए मकान में खिड़की नहीं बनाऊंगा... फरेब दे कर तो तेरा जिस्म जीत लूं लेकिन पेड़ काट कर कश्ती नहीं बनाऊंगा...।
मनोज भरतपुरी
कारवाँ कोई भी हो उसे अपना बनाऊंगा हर कमजोरी में एक सपना सजाऊंगा खुदा मुझसे रूठे हैं तो क्या गम है सबसे पहले खुदा को ही मैं अपना बनाऊंगा #khuda#sapna#hakikat
Arun G Gupta
मैं कभी मंदिर नहीं बनाऊंगा मैं कभी मस्जिद नहीं बनाऊगा अगर मौका दिया खुदा ने जहा हर कोई पड़ पाए मैं एक स्कूल बनाऊंगा मैं बच्चो को डॉक्टर नहीं बनाऊंगा इंजीनियर नहीं बनाऊंगा मैं उन्हें अच्छा इंसान बनाऊंगा वो थोड़ा कम कमाएंगे लेकिन किसी के हिस्से का न खाएंगे मैं उन्हें ऐसा बनाऊगा मैं उन्हें ऐसा बनाऊगा उन्हें न किसी के आगे हाथ फैलाना पड़े उन्हें ऐसा बनाऊंगा मैं उनमे से किसी को नेता नहीं बनाऊंगा उन पर सभी बिस्वास करे उन्हें ऐसा बनाऊंगा दिया मौका अगर खुदा ने तो गरीबी मिटाऊंगा मैं नए नए कारखाने लगाऊंगा नए नए रोजगार लाऊंगा मैं गरीब को नहीं उसकी गरीबी को मिटाऊंगा मिल जाये अगर मौका तो अस्पताल बनवाऊंगा मुफ्त दबा दिलाऊंगा मैं सिर्फ शौचालय नहीं बनबाउंगा मैं उन्हें सच बोलना सिखाऊंगा हर बात जुमला नहीं होती आदमी की जुबान की कीमत होती ये सिखाऊंगा मौका दिया खुदा ने तो नया भारत बनाऊगा My thought
My thought
read moremr. javed
नीलाम कर दो मुझे मैं कहीं न जाऊंगा, टूटी हुई कश्ती है दरिया पार करना है मरम्मत न करवाऊंगा। प्यासा हूं मुद्दतों पर समंदर तेरे बस में है, खुद्दारी हम में भी है एक कतरे की अर्जी न लगाऊंगा। महफ़िल में तेरे चाहने वालों के पैर कट गये है, फ़ुरसत में हूं पर बैसाखियां न बनाऊंगा। महफूज हूं बस्तियों में शहर की चाहत नहीं, विरासत में बुजुर्गों की जमीन है पर ईमारत न बनाऊंगा। तिनके चुन रहे थे आशियाने के लिए, शैलाबों का डर है यहां ठिकाना न बनाऊंगा। mr javed
Rustam Ali Anjum
अब तेरे बाद किसी और को जरिया नहीं बनाऊंगा मै ! फिर से उमीदो का आशिया नहीं बनाऊंगा मै ! मिटने नहीं दूंगा तेरे कदमो के निशान अपनी जिंदगी की राहो से, कोइ पहुंचे मैरे दिल तक अब वो रास्ता नही बनाऊंगा मै ! जिस दिन लगेगा की अब तेरे बिना मै जि नही सकता, मर जाऊंगा मगर किसी और को अपना नही बनाऊंगा मै ! शायर Rmk मैरे नये alfaz
मैरे नये alfaz
read moreꢺᖙᎥקαk..✍
#OpenPoetry हुं चिटी सा, जिद्द है चींटी सी, रोक मुझे ना रोक पाएगा.... हौसले है, उड़ान भरूगा, संघर्ष कर फल ले आऊंगा.... समंदर की लहरों सा शत्रु मेरा, लहरों को चीर नौका पार कर जाऊंगा... ना हार माना हु, ना हार मानूंगा, प्रयासो के ईटो से विजय घर बनाऊंगा....! है चुनौती, चुनौती स्वीकार कर, संघर्ष पर निकल जाऊंगा.... वाणी नहीं, कलम की धार से, विजय गीत लिख खाऊंगा.... जब संकट हो अंधेरों सा, तब दीपक सा चमक जाऊंगा.... ना हार माना हु, ना हार मानूंगा, प्रयासो के ईटो से विजय घर बनाऊंगा....! लोगों की आंखें खोल, इंसानियत क्या है दिखलाऊंगा.... मां है, बेटी है, बहन है, आखे खोल, ये भी बतलाऊंग.... धर्मीय, जातियों को छोड़ कर, भारतीय हूं समझाऊंगा.... ना हार माना हु, ना हार मानूंगा, प्रयासो के ईटो से विजय घर बनाऊंगा....! #OpenPoetry