Find the Best सन Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutतू मेरा है सनम, दीपावली की शुभकामना सन्देश, निगाहें फिल्म सनी देओल की, सुबह का सन्देश, तेरे दर पर सनम,
snowy_secret71
पूरी रात का इंतजार,मिलने की बेताबी,ऐसा लग रहा था मानों आज रात बहुत लम्बी हो गई हो 😇 ,थोड़ी उलझन,थोड़ी घबराहट,थोड़ी शरारत भरी निगाहें और सुबह की सन सन करती वो हवाएँ..... मन अजब सी कशमकश में था 🙁 पर ये दिल💜❤ इसने तो जोरों से धडकना शुरू कर दिया था। 5-7 कदम की दूरी पर वो purple colour की shirt और black jeans में खड़ा था। ये आंखें भीड़ में उसे देख ही रही थी कि वो अचानक सामने आ खड़ा हुआ ☺ ऐसा लगा जैसे अचानक पूरी दुनिया थम सी गई है 🤗 दिल ने जिसे दुआओं में मांगा वो आज मेरे सामने था।समझ में नहीं आ रहा था कि ऊपर वाले को शुक्रिया अदा करूँ या उसे सीने से लगाऊं। अंजाम जाने बगैर ही चल पडे थे दोनों हाथों में हाथ लिए। #firstdate सभी पंक्तियाँ काल्पनिक हैं । अपने विचार प्रकट करे ।
#firstdate सभी पंक्तियाँ काल्पनिक हैं । अपने विचार प्रकट करे ।
read moreShree cutie
ख़ामोशियों से मेरी कुछ ख़ास यारी है मैं चुप कर के सब कह भी देती हूँ ये सन सन कर सब छिपा लेती है। मैं कहे गए शब्दों को समझ कर भी नज़रअंदाज़ करती हूँ यह सब कह सुन कर भी मुझसे तकरार करती है। ......मेरी कलम से यूँ ही by-@Shree #khaamoshiyaan_aur_main
राघव रमण
#OpenPoetry सब रंग मे रंगायल मोनक प्रीत बिसरल भटकायल जग केर सब रीत अहाँ बिना जिनगी विरान भ गेलै चली आऊ सजनी राति जवान भ गेलै ।। ठोर परहक लाली चैन चुरावय आँखि के काजर हिया धडकावय पातर कमर हमर मोन ललचावय हाथक मेंहदी हमर आगि धधकावय देखु देखु सेजों आब सयान भ गेलै चली आऊ सजनी राति जवान भ गेलै ।। छै पसरल सौंसे स्नेहक ई झोल किछ अलगे आवाज मचेने अछि घोल हवा सन सन अपन देखावैत अछि रूप घाम पसेना सँ महकैत अछि अपन रूप देखु देखु आब मिलन केर अवसान भय गेलै चली आऊ सजनी राति जवान भ गेलै ।। भेलै मिलन के ई राति दीप सगरो जरल वस्त्र आभुषण आ चुडी अछि सौंसे बिखरल ठोरक लाली मिटायल अछि केश बिखरल सौंसे चेहरा पर काजर केर रेस छितरल देखु चादर बिछावन के हैवान भ गेलै चली आऊ सजनी राति जवान भ गेलै ।।
beyond infinity खुद से खुद तक का सफर
Safar कब तक दुनिया की कीचढ़ से खुद को बचाएगा , पैर नंगे उतरा है ज़मीन पर , आज नही तो कल सन ही जाएगा , रह दुनिया में , पर दुनिया को न रख खुद में , ये एक बात समझ गया तो , सन कर भी तू पवित्र हो जाएगा ।। #motivation
Mr. J
Shopping with Girlfriend मैं ने पहने नहीं हैं ऐसे कभी तू ने कपड़े लिए हैं जैसे अभी कीमतें सुन के मेरे कानों से खून गिरनेे लगा है मेरा सभी ऐसा लगता सरे बाज़ार मुझे खुद ही को बेचना पड़ेगा अभी गर गुज़ारा नहीं हैं सन डे से सुनिए पतली गली पकड़िए अभी सन डे (लखनऊ की सन डे मार्केट) #love #funny #girlfreind #nojothindi #shayri
सन डे (लखनऊ की सन डे मार्केट) #Love #Funny #girlfreind #nojothindi #shayri
read moreअमित ओझा
भारत महापुरषों का देश है जहाँ एक से बढ़कर एक महापुरुष पैदा हुए, जिनमे वीर कुंवर सिंह भी एक थे. बिहार की माटी के लाल बाबू वीर कुंवर सिंह को बिहार का बच्चा बच्चा भी जानता है,क्योंकि उनकी आन बान शान और सम्मान में हम सब बचपन से होली और अन्य लोकगीतों में देश के लिए उनके त्याग और बलिदान की कथा सुनते आ रहे हैं. जिन्होंने 80 वर्ष की उम्र में भी ब्रिटिश हुकूमत से लड़कर उनके दांत खट्टे कर दिए थे. जी हां आज में 1857 भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार का नेतृत्व करने वाले वीर सपूत वीर कुंवर सिंह जी की जीवनी के बारे में बताने जा रहा हूँ. जी हाँ जैसा की आप सभी अब जानने लगे है की आजादी के बाद कई दशकों तक एक शाजिश के तहत हमारे देश के विभिन्न राज्यों के स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा को दबाने और महज कुछ जो सत्ता के आस पास रहने वाले थे उनका नाम ऊपर लेन की साजिशें चली और उसका परिणाम ये हुआ की जो जीर शहीद वास्तव में स्मरणीय होना चाहिए उन्हें भुला दिया गया और उन्ही में से एक है हमारे वीर कुंवर सिंह जिनका शौर्य शहीदी दिवस23 अप्रैल को था. वीर कुंवर सिंह का जन्म सन 1777 में बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम बाबू साहबजादा सिंह और माता का नाम महारानी पंच रतन देवी था. इनके पूर्वज मालवा के प्रसिद्ध शासक महाराजा भोज के वंशज थे. बचपन से ही कुंवर सिंह अपने पूर्वजों की भांति कुशल यौद्धा थे. इनके पास बड़ी जागीर थी लेकिन एस्ट इंडिया कम्पनी ने जबरन कुंवर सिंह की जागीर को हड़प लिया था. जिससे कुंवर सिंह अंग्रेज और ईस्ट इंडिया कंपनी से खफा थे. वीर कुंवर सिंह की शादी राजा फ़तेह नारायण सिंह की बेटी से हुई जोकि मेवारी सिसोदिया राजपूत थे जो गया जिले के ज़मींदार थे. जागीरदार साहेबजादा सिंह के घर पैदा हुए कुंवर सिंह बचपन से ही वीरता एवं साहस का परिचय दे रहे थे. सन 1848-49 ई• डलहौजी की विलय नीति ने राजों- रजवाड़ो में भय पैदा कर दिया था, जिससे कुंवर सिंह अपनी वीरता दिखाने को आतुर हो उठे.रही- सही कसर नई इनफील्ड रायफलों ने पूरी कर दी, जिससे हिंदुओ एवं मुसलमानों दोनों की धामिॅक भावनाएं आहत हो रही थी. उस समय अंग्रेजों ने जो किसानों पर अत्याचार किया उससे किसान और आम जनता में अत्यंत ही रोष पैदा हो गया था जिसे वीर कुंवर सिंह ने नेतृत्व प्रदान किया,जिसकी तपिश ने सरकार की चूलें हिला दी. 1857 में अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर कदम बढ़ाया. मंगल पाण्डे की बहादुरी ने सारे देश में विप्लव मचा दिया. बिहार की दानापुर रेजिमेंट, बंगाल के बैरकपुर और रामगढ़ के सिपाहियों ने बगावत कर दी. मेरठ, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, झांसी और दिल्ली में भी आग भड़क उठी. ऐसे हालात में बाबू कुंवर सिंह ने भारतीय सैनिकों का नेतृत्व किया. 27 अप्रैल 1857 को दानापुर के सिपाहियों, भोजपुरी जवानों और अन्य साथियों के साथ आरा नगर पर बाबू वीर कुंवर सिंह ने कब्जा कर लिया. अंग्रेजों की लाख कोशिशों के बाद भी भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र रहा. जब अंग्रेजी फौज ने आरा पर हमला करने की कोशिश की तो बीबीगंज और बिहिया के जंगलों में घमासान लड़ाई हुई. बहादुर स्वतंत्रता सेनानी जगदीशपुर की ओर बढ़ गए. आरा पर फिर से कब्जा जमाने के बाद अंग्रेजों ने जगदीशपुर पर आक्रमण कर दिया.।
अमित ओझा
कहते हैं एक उमर होती, दुश्मन से लड़ भिड़ जाने की कहते हैं एक उमर होती, जीवन में कुछ कर जाने की। लेकिन है ये सब लफ़्फ़ाज़ी, कोई उम्र नहीं कुछ करने की गर बात वतन की आये तो, हर रुत होती है मरने की। ये सबक हमें है सिखलाया, इक ऐसे राजदुलारे ने सन सत्तावन की क्रांति में, जो प्रथम था बिगुल बजाने में। अस्सी की आयु थी जिसकी, पर लहू राजपूताना था थे कुँवर सिंह जिनको सबने, फिर भीष्म पितामह माना था। जागीरदार वो ऊँचे थे, अंग्रेजों का मन डोला था उस शाहाबाद के सिंहम पर, गोरों ने हमला बोला था। फ़रमान मिला पटना आओ, गोरे टेलर ने बोला था पटना ना जाकर सूरा ने, खुलकर के हल्ला बोला था। सन सत्तावन की जंग अगर, इतनी प्रचंड हो पाई थी था योगदान इनका महान, जमकर हुड़दंग मचाई थी। नाना टोपे मंगल पांडे, वो सबके बड़े चहेते थे भारत माता की अस्मत के, सच्चे रखवाले बेटे थे। चतुराई से मारा उनको, गोरे बर्षों कुछ कर ना सके छापेमारी की शैली से, अंग्रेज फ़िरंगी लड़ ना सके। वन वन भटका कर लूटा था, सालों तक उन्हीं लुटेरों को है नमन तुम्हें हे बलिदानी, मारा गिन गिन अंग्रेजों को। बाबू कुँवर सिंह
बाबू कुँवर सिंह
read moreRohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
श्री मनोहर पर्रिकर जी का जन्म 13 दिसम्बर 1955 को हुआ था। उन्होंने सन 1978 में IIT मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करी। भारत के किसी राज्य के वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने IIT से स्नातक किया था। सन 2001 में IIT मुम्बई ने उन्हें विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि से सम्मानित किया। गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के वह पहले नेता थे। बीजेपी को गोआ में सत्ता दिलाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। भारतीय अन्तराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को गोआ लाने का तथा किसी भी अन्य सरकार से कम समय में एक अन्तराष्ट्रीय स्तर का मूलभूत ढ़ांचा खड़ा करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। कई समाज सुधार योजनाओं जैसे 'दयानन्द सामजिक सुरक्षा योजना', जोकि वरिष्ट नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसी तरह से 'साइबरएज योजना', 'CM रोजगार योजना' इत्यादि में भी उनका प्रमुख योगदान रहा है। उन्हें कई प्रतिष्ठित प्रतिभाओं जैसे डॉo अनुपम सराफ और R. C. सिन्हा इत्यादि को सरकार में सलाहकार के तौर पर शामिल करने का श्रेय भी जाता है। प्लानिंग कमिशन ऑफ़ इंडिया व इंडिया टुडे के द्वारा सर्वेक्षण के अनुसार उनके कार्यकाल में गोआ लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश रहा। कार्यशील तथा सिद्धान्तवादी श्री पर्रिकर को गोवा में मि. क्लीन के नाम से जाना जाता है। वे उत्तर प्रदेश से सांसद भी रहे। वे गोवा के चार बार मुख्यमंत्री रहे। देश के रक्षामंत्री भी रहे। वे बीमार होने के बावजूद भी अपने राज्य की सेवा करते रहे। 17 मार्च 2019 को 63 वर्ष की उम्र में वे इस दुनिया से छुट्टी लेकर सबके मनो को हर गये। _बधाई हो छुट्टी की by रोहित थपलियाल श्री मनोहर पर्रिकर जी का जन्म 13 दिसम्बर 1955 को हुआ था। उन्होंने सन 1978 में IIT मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करी। भारत के किसी राज्य के वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने IIT से स्नातक किया था। सन 2001 में IIT मुम्बई ने उन्हें विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि से सम्मानित किया। गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के वह पहले नेता थे। बीजेपी को गोआ में सत्ता दिलाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। भारतीय अन्तराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को गोआ लाने का तथा किसी भी अन्य सर
श्री मनोहर पर्रिकर जी का जन्म 13 दिसम्बर 1955 को हुआ था। उन्होंने सन 1978 में IIT मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करी। भारत के किसी राज्य के वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने IIT से स्नातक किया था। सन 2001 में IIT मुम्बई ने उन्हें विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि से सम्मानित किया। गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के वह पहले नेता थे। बीजेपी को गोआ में सत्ता दिलाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। भारतीय अन्तराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को गोआ लाने का तथा किसी भी अन्य सर
read moreप्रियदर्शन कुमार
--------------------------------------- यहां दीवारों के भी कान होते हैं --------------------------------------- जरा-सा धीरे बोलो / कहीं कोई सन न ले/ यहां दीवारों के भी कान होते हैं / हर तरफ साजिशें चल रही हैं / चारों ओर सन्नाटा पसरा है /
--------------------------------------- यहां दीवारों के भी कान होते हैं --------------------------------------- जरा-सा धीरे बोलो / कहीं कोई सन न ले/ यहां दीवारों के भी कान होते हैं / हर तरफ साजिशें चल रही हैं / चारों ओर सन्नाटा पसरा है /
read more₹inkU
world poetry day प्रकृति ही कविता है हवा कि सन सन पत्तों के सर सर चिड़ियों कि चूं चूं झरनों का झर झर पानी का कल कल कविता ही तो है
प्रकृति ही कविता है हवा कि सन सन पत्तों के सर सर चिड़ियों कि चूं चूं झरनों का झर झर पानी का कल कल कविता ही तो है
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