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Rafik Diwan

Diya A. S. Shivam-The Untold S

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वो महलो की रानी थी, मैं मुफ़लिस इक बंजारा था,
गाना बजाने गलियों में उसकी, मेरा आना जाना था।
ऐसे ही क़भी हम राहों में, एक दूजे से टकरा ही गए,,
कितना खुशनुमा उसका मुझसे, मेरा उससे नैना का टकराना था।।

वो महलो की रानी थी, मैं मुफ़लिस इक बंजारा था।।


चाहत नही थी उसको, जैसे खेल कोई पुराना था,
वक़्त रहते मैंने क़भी भी, उसको नही पहचाना था।
वो तो थी इस दुनियाँ में, मुझ मुफ़लिस की सारी दुनियाँ,,
उसकी नज़र में मुझसे पहले, शायद सारा ही ज़माना था।।

वो महलो की रानी थी, मैं मुफ़लिस इक बंजारा था।।

होगी जुदाई में इश्क़ यारो, इस बात से मैं अनजाना था,
क़िस्मत ने भी कितना कठिन, लिखा दर्द का अफसाना था।
हकीकत सोच भागा किया मैं, जिसके पीछे उम्रभर,,
सच्चाई नही कोई "रफ़ीक़", प्यार का इक फ़साना था।।

वो महलो की रानी थीं, मैं मुफ़लिस इक बंजारा था,,
गाना बजाने गलियों उसकी, मेरा आना जाना था।।

#Nashad💔👉👀 Diya A. S. Shivam-The Untold S

प्रिन्शु लोकेश तिवारी

#gajal

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*______गजल______*
पुराने आशियाने का गम भुलाने का मन करता है।
इश्क़ में शीटी नहीं सरगम बजाने का मन करता है।

अब तक तू केवल इन हाथों मे गुलाब देखा है
अब तेरी आंखों को बम दिखाने का मन करता है।

पटाखें बहुत बजाए यारो बचपन कि दिवली में
अबकी दिवाली में बम बजाने का मन करता है।

जो सरगम कि गम कि बात करते है ना लोग
अब उन्हें भी कुछ दम दिखाने का मन करता है।

जिन्हें मेरी जिंदगी में बहुत ही सीधापन दिखा
उन्हें भी जिंदगी का ख़म दिखाने का मन करता है।
*_प्रिन्शु लोकेश* #gajal

Bambhu Kumar (बम्भू)

आओ थोड़ी मस्ती तो कर लो #firstdate

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वैसे तो खाना बनाना
मेरे लिए चुटकी बजाने जैसा है,
पर चुटकी बजाने का
मेरा मन ही नहीं करता।
😂😂 आओ थोड़ी मस्ती तो कर लो
#firstdate

Sonuswrites

#ऐसी लागि लगन

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ऐसी लागि लगन  प्रेमधुन में थी वो मगन,
लागी ऐसी अगन ,मन में छाई थीं कैसी मिलन की पवन
ऐसी लागि लगन, लागी लागी रे लगन
सब तो छोड़ चली ,मैं कहा थी पलि सुद बुद खो के रहीं ।
थी ये कैसी  लगन वो तो प्रेम गीत धुन कोई बजाने लगीं 
ऐसी लागि लगन बावरी मैं मगन 
लागी लागी रे लगन , लागी लागी रे लगन
जग से नाता न कोई, आस तुमसे थी जुड़ी 
फिर भी जोड़ चली,वो तो प्रेम पाठ सबको पढ़ाए पड़ी
ऐसी लागी लगन, लागी लागी रेे लगन लागी लागी र लगन
बीते दिन ना कोई, जिनमे तुम न हुए, 
थी दीवानी भई, ख़ुद को खोती रहीं 
वो प्रेम धुन मधुर कोई बजाने लगीं 
ऐसी लागी लगन प्रेम धुन में मगन,
 वो तो प्रेम धुन म सुदबुद गवाने लगीं
ऐसी लागी लगन प्रेम धुन में थी वो मगन
वो तो गली गली प्रेम गीत गाने लगी
 ऐसी लागी रे लगन लागी लागी रे लगन ।।2।। #ऐसी लागि लगन

smriti srivastava

अभी कुछ दिनों पहले में कही किसी काम से गया था वहा मेने देखा कि एक खेल दिखाने वाला परिवार खेल दिखा रहा था मेने देखा कि खेल दिखाने वाला वो इंसान उस परिवार का ख़ास हैं वो एक पिता था वो खेल दिखाने वाला अपने बच्चो को खेल दिखाने को बोल रहा था और वो बच्चे उसके एक इशारे पर खेल दिखाने लगते वो पिता बोलता

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 अभी कुछ दिनों पहले में कही किसी काम से गया था
वहा मेने देखा कि 
एक खेल दिखाने वाला परिवार खेल दिखा रहा था
मेने देखा कि खेल दिखाने वाला वो इंसान 
उस परिवार का ख़ास हैं वो एक पिता था
वो खेल दिखाने वाला अपने बच्चो को खेल 
दिखाने को बोल रहा था और वो बच्चे उसके 
एक इशारे पर खेल दिखाने लगते वो पिता बोलता

Ajay Amitabh Suman

नमक बेईमानी का अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब

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 नमक बेईमानी का


अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्री में कपड़ों को बनवा कर चीन भेज देते। इस काम में अरोड़ा साहब को बहुत मुनाफा होता था। उनकी इंपोर्ट और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट में बहुत बड़ी पहुंच थी। अरोड़ा साहब इस बात का बराबर ख्याल रखते कि दिवाली या नए वर्ष के समय एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट के सरकारी कर्मचारियों के पास बख्शीश समय पर पहुंच जाए। ये अरोड़ा साहब

Anil Siwach

28 - शिक्षण || श्री हरि: ||

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28 - शिक्षण 
 || श्री हरि: ||

Anil Siwach

9 - गायन || श्री हरि: ||

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9 - गायन 
 || श्री हरि: ||

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