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#Lifechanger
जो मुझे समझते वो समझ गए और जो नही समझे। वो कहते आप कितना बदल गए ©#Lifechanger #Photography #होटल #बदल #मौसम #नोजोटो #nojotoapp #हिंदी #लेखक
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read moreAnamika
लॉकडाउन हुई उसकी कोम्बोपैक कहानी, घर में झूठ और होटल में शाम बिता रहा था। #लॉक_डाउन #कोम्बोपैक #दोहरा_चरित्र #होटल 😀😀😀 #तूलिका
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read moreRahul
Saurav Das
#FourLinePoetry ज़िन्दगी जीते-जीते अगर कोई मिल गया! तो मिल गया! ज़िन्दगी कोई होटल थोड़े ही है! कि ये चाहिए वो नहीं!! ©Saurav Das #ज़िन्दगी #होटल #fourlinepoetry
#ज़िन्दगी #होटल #fourlinepoetry
read moreFarid Alam
Farid Alam
Gulam Mustafa
छोटू होटल का गिरीराज मालिक हो गया होटल का नौकर गरीब छोटू १० साल बाद भी छोटू ही है ।😢😢
Pravin Kumar
Safar एक नौजवान अपने बूढ़े मां-बाप के साथ किसी महंगे होटल में खाना खाने गया- मां बाप तो नहीं जानते थे, लेकिन बेटे की ख्वाहिश थी कि वो उन्हे किसी महंगे होटल में ज़रूर खाना खिलाएगा, इसलिए उसने अपनी पहली तन्ख्वाह मिलने की खुशी में मां बाप जैसी अज़ीम हस्तियों के साथ शहर के महंगे होटल में लंच करने का प्रोग्राम बनाया- बाप को रेशे (जिससे बदन कांपता रहता है) की बीमारी थी,उसका जिस्म हर लम्हा कंपकंपाहट में रहता था, और ज़ईफा मां को दोनों आंखों से कम दिखाई देता था- ये शख्स अपनी खस्ताहाली और बूढ़े मां-बाप के हमराह जब होटल में दाखिल हुआ तो वहां मौजूद अमीर लोगों ने सर से पैर तक उन तीनों को यूं अजीब व गरीब नज़रों से देखा जैसे वो गलती से वहां आ गए हों- खाना खाने के लिए बेटा अपने मां बाप के दरमियान बैठ गया- वो एक निवाला अपनी ज़ईफा मां के मुंह में डालता और दूसरा निवाला बूढ़े बाप के मुंह में- खाने के दौरान कभी कभी रेशे की बीमारी के बाइस बाप का चेहरा हिल जाता तो रोटी और सालन के ज़र्रे बाप के चेहरे और कपड़ों पर गिर जाते- यही हालत मां के साथ भी थी,वो जैसे ही मां के चेहरे के पास निवाला ले जाता तो नज़र की कमी के बाइस वो अनजाने में इधर उधर देखती तो उसके भी मुंह और कपड़ों पर खाने के दाग पड़ जाते थे- इर्द गिर्द बैठे लोग जो पहले ही उन्हे हक़ीर निगाहों से देख रहे थे,वो और भी मुंह चिढ़ाने लगे कि "खाना खाने की तमीज़ नहीं है और इतने महंगे होटल में आ जाते हैं-!" बेटा अपने मां बाप की बीमारी और मजबूरी पर आंखों में आंसू छुपाए, चेहरे पर मुस्कराहट सजाए- इर्द गिर्द के माहौल को नज़र अंदाज़ करते हुए,एक इबादत समझते हुए उन्हे खाना खिलाता रहा- खाने के बाद वो मां बाप को बड़ी इज़्ज़त व एहतराम से वॉश बेसिन के पास ले गया, वहां अपने हाथों से उनके चेहरे साफ किए,कपड़ों पर पड़े दाग धोए और जब वो उन्हें सहारा देते हुए बाहर की जानिब जाने लगा तो पीछे से होटल के मैनेजर ने आवाज़ दी और कहा: "बेटा ! तुम हम सबके लिए एक क़ीमती चीज़ यहां छोड़े जा रहे हो-!" उस नौजवान ने हैरानगी से पलट कर पूछा : " क्या चीज़-?" मैनेजर अपनी ऐनक उतार कर आंसू पोंछते हुए बोला-! *#नौजवान_बच्चों_के_लिए_सबक़* *#और_बूढ़े_मां_बाप_के_लिए_उम्मीद_!*