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Dimple Kumar
बिन मांगे जूते ही मिलेंगे आखिर में, बिन मांगें मदद करने जो जाओगे l ©Dimple Kumar #डायरी_के_पन्ने #मदद #बिन #मांगे #जूते #आखिर #जाओगे गुड मॉर्निंग कोट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स लाइफ कोट्स success मोटिवेशनल कोट्स पॉजिटिव गुड मॉर्निंग कोट्स
पूर्वार्थ
न जूते बिखरे होंगे न टॉफियों के रैपर मिलेंगे न खिलौने पड़े होंगे न तोतली बातों की झड़ी होगी धीरे धीरे समझदार होके अपने पैरों खड़े हो जाएंगे सलीके हज़ार होंगे जब बच्चे बड़े हो जाएंगे। गले से लग कर झूला कौन झूलेगा नए नए व्यंजन पर नखरे कौन करेगा सूना आंगन चहक उठा जब रुनझुन दौड़ लगाएंगे सलीके हज़ार होंगे जब बच्चे बड़े हो जाएंगे। माँ माँ कह के छोर कौन थामेगा गोद मे उठा लो जिद कौन करेगा गोद मे आकर चैन की नींद सो जाएंगे सलीके हज़ार होंगे जब बच्चे बड़े हो जाएंगे।। एक खिलोने के लिए आसमान सिर उठा लेने वाले बड़े होकर जिम्मेदारियों को उठाएंगे फिर.... सलीके हज़ार होंगे बच्चे बड़े हो जायँगे। ©पूर्वार्थ #बच्चे #जूते #बड़े
Sarita Shreyasi
सितारोँ की जमीं पर जब कोई कंकड़ चुन रहा होता है, पत्थर के सिरहाने पर नन्हीं आँखों में कोई ख्वाब बुन रहा होता है। उन्होंने कहा कि जूते फटे पहनकर वो आसमान पर चढ़े थे, किस्सा मैं सपनों की ज़िद का क्या कहूँ, नंगे पैर जो चाँद तक चले थे। #सितारोँ की जमीं पर जब कोई कंकड़ चुन रहा होता है, पत्थर के सिरहाने पर नन्हीं आँखों में कोई ख्वाब बुन रहा होता है। उन्होंने कहा कि जूते फटे पहनकर वो आसमान पर चढ़े थे, किस्सा मैं सपनों की ज़िद का क्या कहूँ, नंगे पैर जो चाँद तक चले थे। #जूते फटे पहनकर वो आसमान पर चढ़े थे(पंक्ति, मनोज मुंतशिर जी की हैं)
#सितारोँ की जमीं पर जब कोई कंकड़ चुन रहा होता है, पत्थर के सिरहाने पर नन्हीं आँखों में कोई ख्वाब बुन रहा होता है। उन्होंने कहा कि जूते फटे पहनकर वो आसमान पर चढ़े थे, किस्सा मैं सपनों की ज़िद का क्या कहूँ, नंगे पैर जो चाँद तक चले थे। #जूते फटे पहनकर वो आसमान पर चढ़े थे(पंक्ति, मनोज मुंतशिर जी की हैं)
read moreNammy S
आज भी जूतों के दाग धुले नही मैंने आज भी तेरे कदम तो नही लेकिन तेरे निशां साथ है। #जूते #साथ #निशान #प्रेम #दोस्ती #इश्क़ #दाग #nammy27
Preeti Karn
जूते भी कम आरामतलबी नहीं रखते मुश्किलों में पांव के छाले भी बोल पड़ते हैं। सूकून तब तक सूकून रहता है जबतक मुआफिक माहौल उन्हें देते हैं। प्रीति #जूते# माहौल# Yqbaba#yqdidi
#जूते# माहौल# Yqbabayqdidi
read moreMADAN LAL
#अमेरिका के अमेरिका #बनने की एक छोटी सी #कहानी #अब्राहम_लिंकन के पिता #जूते बनाते थे, जब वह #राष्ट्रपति चुने गये तो अमेरिका के अभिजात्य वर्ग को बड़ी ठेस पहुँची! सीनेट के समक्ष जब वह अपना पहला #भाषण देने खड़े हुए तो एक सीनेटर ने ऊँची आवाज़ में कहा- #मिस्टर_लिंकन याद रखो कि तुम्हारे पिता मेरे और मेरे परिवार के जूते बनाया करते थे! इसी के साथ सीनेट भद्दे अट्टहास से गूँज उठी! #लेकिन_लिंकन_किसी और ही #मिट्टी के बने हुए थे! 👇👇👇👇👇👇 उन्होंने #कहा कि, मुझे मालूम है कि मेरे पिता जूते बनाते थे! सिर्फ आप के ही नहीं यहाँ बैठे कई माननीयों के जूते उन्होंने बनाये होंगे! वह पूरे #मनोयोग से जूते बनाते थे, उनके बनाये जूतों में उनकी #आत्मा बसती है! अपने काम के प्रति पूर्ण समर्पण के कारण उनके बनाये जूतों में कभी कोई #शिकायत नहीं आयी! क्या आपको उनके काम से कोई शिकायत है? उनका पुत्र होने के नाते #मैं स्वयं भी जूते बना लेता हूँ और यदि आपको कोई शिकायत है तो मैं उनके बनाये जूतों की #मरम्मत कर देता हूँ! मुझे अपने पिता और उनके काम पर #गर्व है! सीनेट में उनके ये #तर्कवादी भाषण से #सन्नाटा छा गया और इस भाषण को अमेरिकी सीनेट के इतिहास में बहुत #बेहतरीन भाषण माना गया है और उसी भाषण से एक थ्योरी निकली "Dignity of Labour" यानी '#श्रम के #महत्व की #थ्योरी'. इसका ये #असर हुआ की जितने भी कामगार थे उन्होंने अपने पेशे को अपना #सरनेम बना दिया जैसे कि - कोब्लर, शूमेंकर, बुचर, टेलर, स्मिथ, कारपेंटर, पॉटर आदि। अमरिका में आज भी श्रम को महत्व दिया जाता है इसीलिए वो दुनिया की सबसे बड़ी #महाशक्ति है। वहीं हमारे देश भारत में जो श्रम करता है उसका कोई #सम्मान नहीं है वो छोटी जाति का है। यहाँ जो बिलकुल भी श्रम नहीं करता वो ऊंचा है। जो यहाँ #सफाई करता है, उसे हेय (नीच) समझते हैं और जो गंदगी करता है उसे ऊँचा समझते हैं। ऐसी गलत मानसिकता के साथ हम दुनिया के नंबर एक देश बनने का #सपना सिर्फ देख तो सकते है, लेकिन उसे पूरा कभी नहीं कर सकते। जब तक कि हम श्रम को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखेंगे।जातिवाद और ऊँच नीच का भेदभाव किसी भी राष्ट्र निर्माण के लिए बहुत बड़ी #बाधा है। ©MADAN LAL #thought
Abundance
#shoelaces #जूते के फीते मै अक्सर हार जाती हूँ बड़े शायरों से जूते के फीते बाँधने नहीं आते ना ही लगाने आते है जज़्बात क्या खाक बांधूँगी....... ©Mallika #Glow
Balwant Mehta
चप्पल ने जूते से हंसते हुए कहा मैंने तेरी तरह गुलामी को नहीं सहा कदमों में बड़ी मस्ती से मैं जीया तेरी तरह कभी फीतों से नहीं बंधा मेरी सादगी का बड़ा नाज़ है मुझे हर बार पानी से साफ सुथरा किया क्रीम पालिश के दिखावे में तेरी तरह मैं कभी ना उलझा लेडिज जेंट्स सभी ने चाहा अमीर गरीब सबने मुझे निभाया सडे जुराबों में तू कैसे रहता है जूते! ऐसे में दम नहीं घुटता है? - बलवंत मेहता ©Balwant Mehta #हास्य #हास्यकविता #कविता #Nojoto #नोजोटो #चप्पल #जूते
Sanjeev Jha
हमेशा बेशऊरों से बच कर रहना जरूरी है पॉलिश वाले जूते कीचड़ पर नहीं चला करते ©संजीव इज्जत से बढ़ कर कुछ नहीं #बेशऊरों #जूते #कीचड़
Vijendra Bajiya
एक कहानी अपनी सी बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया .. इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ... जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है .....
एक कहानी अपनी सी बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया .. इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ... जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है .....
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