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Varun Raj Dhalotra
हैवानियत भीड़ का चेहरा लिये आयी, गिद्धों की तरह उन्हें नोंच गयी, सजा दे दी जाएगी, घर फूंक दिया, पर क्या मन की पीड़ा मिट पाएगी..!! ©Varun Raj Dhalotra #मणिपुर #घटना #writing #thought #Women #Pain #story #merikalamse
Vicky Tiwari
#ब्रेकिंग #अपडेट #कालामाजन की #घटना #अपरिहार्य #कारणों से #कुदरगढ_महोत्सव के #दूसरे_दिवस का #कार्यक्रम_निरस्त, #रेस्क्यू_में_डटी_संयुक्त_टीम
read moreRaja Kiran
Break up quotes हमनें जिसे खुदा माना वह अपना दिल तोड़ गई .. हमसे बात करना तो दूर वह अपना मुंह मोड़ गई .. जाते-जाते वह मेरी आसुओं को भी जोड़ गई .. क्या गुनाह किया था की ऐसे हमें वह छोड़ गई? • वह 💔 गई..✍🏻राजा किरण🗣️ ©Raja Kiran वह अपना दिल तोड़ गई..✍️राजा किरण💔 #मेरी_कलम_से✍️💔🗣️ #दिल#टूटना#वह#प्यार#गुनाह#खुदा#मोह#बात#घटना
सागर पाल
अंत का भी अंत होता है कुछ भी कहा अनंत होता है पतझड़ भी एक घटना है बारह महीने कहा बसंत होता है ©सागर पाल #अंत का भी अंत होता है कुछ भी कहा #अनंत होता है #पतझड़ भी एक #घटना है #बारह महीने कहा #बसंत होता है
Ankit Ghosh
लहर खुशी की आते ही चली जाती है, घड़ी गम की जाते जाते जाती है...! ©Ankit Ghosh Internet Jockey #घटना
Internet Jockey #घटना
read moreKishore Nallanchakravartula
एक घटना ये तब की बात है जब मैं दिल्ली में कार्यरत था। अपनी घरवाली और बच्चे को ससुराल से लेकर आ रहा था। हम दिल्ली सेंट्रल स्टेशन पहुंचने वाले थे। मेरी पत्नी फ्रेश होने बाथरूम गई थी और अचानक मेरा छोटा सा हीरो मेरे करीब आया और उसने पूछा "केला खाओगे"। मैने कहा "अभी नहीं बेटा घर जाने के बाद खाऊंगा"! वो चुपचाप खिड़की से बाहर देखने लगा । थोड़ी देर के बाद वो फिर मेरे करीब आया और बोला "केला खाओगे"। मैने कहा नहीं बेटा अभी नहीं घर जाके खाऊंगा। इस तरह तीन चार बार उसने यही सवाल किया और मैंने भी वही जवाब दिया। अंत में उसने दो उंगलियां अपने मुंह की तरफ दिखाई और बोला "केला खाओगे"। और मेरी समझ में आया कि केला उसको खाना था। भूख लगी थी और उसे केला खाओगे ही बोलना आता था। ©Kishore Nallanchakravartula ,#घटना
Rajesh Raana
आप राइट साइड चल रहे हो , तब भी आपको रॉंग साइड चलने वाला बड़ा नुकसान दे सकता है , निजी जिंदगी से मिला बढ़ा सबक सुने ....... #inspirational , #Motivational #MyThoughts #Thinking #Life #Lessons #सबक #घटना #myvoice
read morePREM HANS KUMAR
प्रेम हंस कुमार जिला 🙏🙏2 मिनिट निकाल कर ज़रूर पढ़े 🙏🙏 ससुर के आखिरी शब्द थे," मेरी बहु नहीं ,तुम मेरा बेटा हो"! भारतीय समाज में नारी की स्थिति अधिक संतोषजनक नहीं है, शादी के बाद यदि स्त्री को किसी कारणवश पति द्वारा त्याग दिया जाता है तो, या तो ससुराल वाले भी उसे त्याग देते हैं, या वह स्त्री ही ससुराल छोड़ कर चली जाती है। ऐसे में यह किस्सा बहुत ही प्रेरणादायक और अपनेआप में अनोखा है।यह कहानी है, करनाल के न्यू चार चमन निवासी नीतू अरोड़ा जी की, जिन्होंने पुत्रवधू होते हुए भी पुत्र से अधिक कर्तव्य निभा कर साबित कर दिया कि रिश्ते केवल नाम और खून के नही अपितु प्यार और अपनेपन के भी होते हैं।मंगतराम जी के पुत्र एवं नीतू जी के पति हर्षदीप ने अपने पिता, पत्नी और दो बेटियों को छोड़कर दूसरी स्त्री के चक्कर में परिवार से किनारा कर लिया, लेकिन पुत्रवधू ने ससुर की बेटे की तरह सेवा कर रिश्तों की दिल छू लेने वाली कहानी लिख दी। नीतू ने तय किया वह बुजुर्ग को अकेला और निराश्रित छोड़कर नहीं जाएगी। वहीं रहेगी। उनके साथ। बेटा बन कर। वह अपनी दो बेटियों के साथ बुजुर्ग ससुर के साथ ही रहीं।नीतू जी अपने ससुर मंगतराम जी की पिछले दस वर्ष से सेवा सुश्रूषा कर रही थीं। मंगतराम जी का बेटा हर्षदीप जब दूसरी महिला के लिए घर छोड़ गया तो मंगतराम ने भी उससे अपने पुत्र होने का हक छीन लिया। उन्होंने बेटे को घर से बेदखल कर दिया और अपनी सारी संपत्ति अपनी पुत्रवधू व अपनी दो पोतियों के नाम कर दी। इतना ही नहीं उन्होंने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अपने निधन के बाद मुखाग्नि का अधिकार भी अपनी पुत्रवधू को ही दिया, जिसे नीतू ने पूरा किया। 80 वर्षीय बुजुर्ग ससुर मंगतराम का गत दिवस लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। अर्थी उठाते समय नीतू खुद आगे आई और ससुर की अर्थी को कंधा दिया। पिता तुल्य ससुर के चले जाने से वह गमजदा थीं। आंखों में आंसू थे, लेकिन वह पूरी मजबूती से अर्थी को लेकर श्मशान घाट पहुंची। उन्हें मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार की हर परंपरा निभाई।करनाल की यह घटना देश की पहली घटना होगी कि पुत्रवधू ने ससुर की अर्थी को कंधा दिया, मुखाग्नि दी। अब अस्थियों के विर्सजन और रस्म पगड़ी की तैयारी कर रही है।ऐसे प्रेरणादायक किस्से हमें बताते हैं कि रिश्ते किसी नाम या खून के मोहताज नही होते बस दिलों में अपनेपन का भाव होना चाहिए। मरौना