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Mayaank Modi
चलो माना की, ढेरों मज़बूरियां है तुम्हारी । पर मेरी मज़बूरी, तो बस तुम हो ।। #yqbaba #yqhindi #yqdidi #मज़बूरियां #ढेर #तुम #मेरी
@thewriterVDS
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय हे भोल भंडारी, नाथ हमारे नर आधे और नारी, अर्धनारीश्वर प्यारे जगत पालन हारी, तुम्हारी जय हो जग को संकट से उबारो सब की नैया पार उतारो सब के दुखों को बुहरो सुख के ढेर को ढारो हे शंकर अविनाशी, तुम्हारी जय हो ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय। हे अवाघड़ दानी जिसके गले की शोभा रूद्राक्ष और नागों के राजा नागराज कानों में कुण्डल, कैलाश के वाशी जटा में तुमने गंगाधारी गला में तुम्हरे सांप निहारी हे त्रिशूल धारी, डमरू वादी कमंडल धारी, आनंदी सवारी आत्मचिंतन वारी, तुम्हे राख है प्यारी हे त्रिनेत्र भोले शंकर, तुम्हे भांग है अर्पण हे कैलाशपति, तुम्हारी जय हो ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय। तुम हो भोलेे, हे भोले हे भोले शंकर जग भोला तुम बनाओ कपट से दूर भगाओ सबको प्यार ही प्यार सिखाओ जग को न्यारा तुम बनाओ ऐसी शक्ति तुम बरसाओ हे जगतपति, हे त्रयदृष्टि पति जग में कृपा, तुम बरसाओ हे गौरीपति, त्रिशूलधारी, आदिपती जय हो, तुम्हारी जय हो ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय। #ॐ #नमः #शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय हे #भोल #भंडारी, #नाथ हमारे #नर आधे और #नारी, #अर्धनारीश्वर प्यारे #जगत #पालन हारी, तुम्हारी #जय हो #जग को #संकट से उबारो सब की #नैया पार उतारो सब के #दुखों को बुहरो #सुख के #ढेर को ढारो
@thewriterVDS
घूमने था चला मैं, बस में खड़े-खड़े, निकला जल्दी-जल्दी थी गंध सड़ी-सड़ी, गुजरा था ही बस वहाँ से, थी वहाँ कोई रो पड़ी, पीछे मुड़ा मैं, देखा बाएँ-दाएँ सामने से थी आवाज देखा, नन्ही सी एक परी, थी कचरे के ढेर में पड़ी... 😍😍😘😘😘💕💕💕💕 #YQdidi #YQbaba #घूमने था चला मैं, बस में #खड़े-खड़े, निकला #जल्दी-जल्दी थी गंध #सड़ी-सड़ी, #गुजरा था ही बस वहाँ से,
Vivek
हमको जंजीरो में कैद करने का सपना मत देख. क्युंकि हम वो #आदमखोर शेर हैं, जिसका भी #शिकार करतें हैं, उसका जिस्म तो क्या #रूह_भी_दम तोड़ देती हैं। #ROYAL #NAWABI #आदत हमारी #खराब नहीं बस #जिंदगी थोड़ी #रॉयल जीते है.. जिस दिन हमने अपना #रॉयल अंदाज़ दिखाया..उस दिन ये #ATTITUDE वाली #लड़कियांखड़े खड़े #ढेर हो जाएंगी ©Vivek #जिंदगी #रॉयल #WorldPoetryDay
Ansu Mehra
#आदत हमारी #खराब नहीं बस #जिंदगी थोड़ी #रॉयल जीते है... जिस दिन हमने अपना #रॉयल अंदाज़ दिखाया.. उस दिन ये #Attitude वाली #लड़कियां खड़े खड़े #ढेर हो जाएंगी💪👽 #river ##love Eisha mahimastan milli Priya Rajput MONIKA SINGH Khushbu
Mr_Aditya Bhardwaj
सब जग से जीत कर अक्सर वो मुझसे हारा। सच्चाई से दूर रह , झूठ बोलता है बहुत सारा।। तू है इस जग में सबसे सुन्दर सबसे प्यारा।। जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं मेरे यारा। - आदित्य भारद्वाज #जन्मदिन #की #ढेर #सारी #शुभकामनाएं #मेरे #यारा।
मलंग
....... भूख..... बेसुध सी थी वो एक टक जाने क्या देखती कूड़े के ढेर में ढूँढती कुछ तन ढका था फटे कपड़ो से मैले ऐसे जैसे उसका रंग हो चुका था चप्पल पैरों में तो कभी नसीब ना थी पैरों के घाव औऱ फटी एड़ियां ये बयाँ कर रही थी भूख से दुबला तन जाने कब साथ छोड़ दे अपना कोई भी भीड़ में दूर तक ना था तभी एक छुट् भईये नेता की नजर उसपे पड़ी अपनी पार्टी का झंडा उसने उसे भी थमा दिया भीड़ में एक चेहरा उसे भी बना दिया कूदती फुदकती वो भी रैली में गई अब उसे सब अपने से लगने लगे जब नेता जी जिंदाबाद के नारे लगने लगे। बड़े बड़े वादे कर नेता जी जब हवा में ओझल हुए तभी किसी ने एक ब्रेड पकोड़ा उसे भी दे दिया उसने तुरंत पार्टी का झण्डा फेंक उसे लपक लिया क्योंकि अब उसे वो मिल चुका था जिसे वो कूड़े के ढेर में ढूँढ़ रही थी फर्क सिर्फ इतना था कि कूड़े के ढेर से उसे फेंकी बासी रोटी मिलती और शायद आज चुनावी झण्डा उसे ब्रेड पकोड़ा दे गया। Composed by :- B.S.Rautela (B.S.R.) Rudrapur 04/04/2019 8:00 PM
Anjali Vijay Shankar Prasad
पापा की परी "मम्मी की लाडली और पापा की परी....थोड़ी सी चुलबुली और थोड़ी सी शैतान.....मम्मी- पापा के चेहरे की मुसकान... है वो...और हम सबकी जान...है वो........अपने दिल में सबके लिए ढेर सारा प्यार लिए.....हर लम्हों को जिती हुई...............हम सब की छुटकी......तुम्हारे सारे सपने पूरे हो....डॉ. बनकर... सबके जिदंगी में ढेर सारे रंग भरो.......और खुशियाँ फैलाओं............" #happy#birthday#chutki#
`sanju sharan
चन्द लाइने बदलते हुए रिश्तों के नाम आज के परिवर्तनशील युग में समय समय पार रिश्ते बदलते रहते हैं और बदले क्यों नहीं जब प्रकृति ही विभिन्न ऋतुओं के रूप में परिवर्तित होता रहता है ती उसका असर हम पर क्यों नहीं पड़ेगा कब हम छोटे होते थे तो हमारे ओर ढेर सारे प्यारे रिश्ते हुआ करते थे दादा, दादी का प्यार नाना नानी और ढेर सारे भाई बहनों का समूह उस समय चचेरे भाई हो या कोई सब आपस मिलकर रहते थे ओर कमी बेदी को दरकिनार कर एक साथ रहते थे। पर वही रिश्ते बड़े होने पर उस वही बड़े जिनके गोद में हम पले वो दुश्मन क्यों बनते हैं यह जवलंत प्रश्न है। अगर एक परिवार के लोग आप में लड़े तो देश का क्या होगा इसका जवलंत उदाहरण महाभारत का युद्ध है। क्योंकि परिवार से ही समाज बनता है और समाज से देश। बचपन की मीठी यादों को वर्तमान में क्यों नही अपनाता है ताकी जीवन में खुश रह सके। मौसम बदलते हैं धरती और आसमान वही रहते हैं तो क्यों न हम धर्ती और आसमान के तरह देना सीखे।
Aनुभा
मध्यम वर्गीय परिवार दो जून की रोटी मिलती, पर मिलता प्यार ढेर सा।ये गरीबी की रेखा से कुछ ऊपर पर घर पर अधिकार ढेर सा। गरीब...
गरीब...
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