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Pushpa Sharma "कृtt¥"
White पंछियों की मीठी सी तान लाती है मेरे चेहरे पर सुकून की मुस्कान। ©Pushpa Sharma "कृtt¥" #sad_quotes #पंछियोंकीमीठी #तान #सुकूनकीमुस्कान #नोजोटोहिंदी #नोजोटोराइटर्स
Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
मैं खुशियों वाली एक तान छेड़ना चाहती हूँ, मैं ग़मों वाले हर एक राग छोड़ना चाहती हूँ। चाहती हूँ कि बंद कर दूँ ग़मों के लिए सारे दरवाज़े, बची-कुची ख़ुशियों में ही ताउम्र जीना चाहती हूँ। -Rekha Sharma ; ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #तान #ज़िंदगी #ए_ज़िंदगी #life #Rekhasharma #मंजुलाहृदय
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read moreप्रेरक नीर जैन
छेड़ कोई धुन मेरे हमसफर । मैं सुनता रहूँ युही उसे रात भर ।। करना कोई तू करिश्मा ऐसा । जो बस जाए जहन में कोई तान ऐसा ।। #तान#धुन
BAAZ SAHAB
हिंदी मेरी पहचान है, हिंदी दिवस अजानी भीड़ में भीदूर से पहचान है हिंदी हमारा देस में, परदेस में सम्मान है हिंदी मधुर सी बूंद है या फिर, पियाला कोई अमृत का हमारे सांवरे की बांसुरी की तान है हिंदी असंख्य तितलियों के रंग जैसी बोलियां इसकी धरा पर बेटियों की, फूल सी मुस्कान है हिंदी बदन पे लोच ठुमरी सा, गजल सी खूबसूरत है लता के गीत की मुरकी, रफी की तान है हिंदी अभी भी धड़कनों में हैं, कबीरा, जायसी, खुसरो, हमारी एकता का, विश्व में सहगान है हिंदी
HANAMANT YADAV (कवीराज)
वीर सपूतो कूच करो... वीर सपूतों कूच करो, भारत मां खतरे में है।... सिमापार मची हलचल, भारत मां खतरे में हैं।... अंदर बाहर बिगड़ा मंजर, हर तरफ खौप है। धर्म के नाम अंदर जलता, बाहर दुश्मन की तोफ है। तान लो सीना तान लो मुठ्ठी, काफ़िर निगाहें पहरे में है।... वीर सपूतों कूच करो, भारत मां खतरे में है।... याद करो ओ मंजर भी, जब पुरखो ने गुलामी तोड़ी थी। जाती धर्म सब एक होकर, जंग ए आज़ादी छेड़ी थी। ऐसा ही कुछ मंजर सरपे, संविधान भी अब खतरे में है।... वीर सपूतों कूच करो, भारत मां खतरे में है।... कविराज। 8698845253 एच यादव. वीर सपूतों कूच करो...
वीर सपूतों कूच करो...
read moreAjeet Choudhary
रास्ता ठोकरें खाता हूँ, पर शान से चलता हूँ, मै खुले आसमान के निचे, सीना तान के चलता हूँ… #ठोकरें खाता हूँ, पर #शान से #चलता हूँ, मै खुले #आसमान के निचे, #सीना #तान के चलता हूँ…
Durgesh Bahadur Prajapati
'26 जुलाई 1999' "करगिल विजय दिवस" को आज 20 वर्ष पूरे... उन वीरों उन शहीदों को याद करते हुए, उन्हें सत-सत नमन करते हुए.... भावपूर्ण श्रद्धांजलि व... नही मेरे पास और कुछ तो मेरा सलाम तुमको अर्पित है, प्रेम रूपी कविता का इक तान तुम्हें समर्पित है...इक तान तुम्हें समर्पित है.....
'26 जुलाई 1999' "करगिल विजय दिवस" को आज 20 वर्ष पूरे... उन वीरों उन शहीदों को याद करते हुए, उन्हें सत-सत नमन करते हुए.... भावपूर्ण श्रद्धांजलि व... नही मेरे पास और कुछ तो मेरा सलाम तुमको अर्पित है, प्रेम रूपी कविता का इक तान तुम्हें समर्पित है...इक तान तुम्हें समर्पित है.....
read moreरजनीश "स्वच्छंद"
कुछ तेरा था कुछ मेरा था।। धरती के टुकड़े का ये हिस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। उदय अवसान का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। सुबह की लाली लिए किरण, थी सार छुपाये कण कण में। पत्तों से झांक रही शर्मीली, अवतार छुपाये एक मन मे। एक नया सवेरा आने को, कुछ उत्सुक और बेचैन रहा। कुसुम कली डाली संग झूमे, बीत चला जो उनका रैन रहा। प्रखर भविष्य का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। एक दिव्य स्वप्न जो देखा था, साकार हुआ सा लगता है। ये इंद्रधनुषी ये बहुरंगी, वृत्ताकार हुआ सा लगता है। धरती अम्बर का एक मिलन, देखो अनन्त में दिखता है। टूटे बन्धन करबद्ध वंदन, ये कवि अंत में लिखता है। आदि अंत का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। एक बात कही जो पुरखों ने, हर रात की एक तो सुबह रही। आते जो देखी रश्मि किरण, अंधियारी भी देखो दुबक रही। ललक लिए अपने मन मे, नवजीवन का अवतार हुआ। अग्नि जल वायु धरा गगन, पंचतत्वों का मंत्रोच्चार हुआ। इन तत्वों का एक एक हिस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। अनवरत कठिन तप जो रहा, फलदायी होने वाला है। अनुशरण किया जग का तुमने, अनुयायी होने वाला है। शौर्य चहुंदिश कोटि जन गायें, तान प्रत्यंचा लक्ष्य साध तू। शंख भेरी की मृदुल तान पर, कुंडल कवच वक्ष बांध तू। कवि-वीर का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। ©रजनीश "स्वछंद" कुछ तेरा था कुछ मेरा था।। धरती के टुकड़े का ये हिस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। उदय अवसान का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। सुबह की लाली लिए किरण,
कुछ तेरा था कुछ मेरा था।। धरती के टुकड़े का ये हिस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। उदय अवसान का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। सुबह की लाली लिए किरण,
read moreशेष दर्शन
मिर्जापुरी गर्मी से तपिगा हई अइसन भाय चलते गंगा में दी डुबकी दुई लगाई मुड़े क पसीना गोडे तक आवता मर्दवा इत गर्मी बहुतय सतावता चलते वेले क शर्बत पिया जायें चाप के नेबूवा तीनठे डलवावा जाय बोल के कलुआ के बाप से तनिक ठंडा होई त चल मीस्राम्बु पिया जाय त्रीमोहानी पर तान के दुईठे लिया जाय आज राति के सोवा जाय चद्दर भिगोय तान के नींद छाप के लेवा जाय खटिया पर मसहरि बांध के #NojotoQuote