Find the Best पड़ेगी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutदोस्ती की है तो निभानी पड़ेगी फिल्म, दोस्ती की है तो निभानी पड़ेगी, हबीबे खुदा की जरूरत पड़ेगी, बार-बार रोशनी बनानी पड़ेगी, दिल्लगी तुम्हें भूल जानी पड़ेगी,
kumaarkikalamse
आराम की मुझे फुर्सत नहीं, बहुत काम अभी बाकी है, ख़ुद की परवाह गर तो माँ के त्याग की कहानी खो पड़ेगी! @slycollab #collaboration Siddharth Dadhich के latest she'r को आगे बढ़ाने की एक अदना सी कोशिश. #माँ #खो #पड़ेगी
@slycollab #Collaboration Siddharth Dadhich के latest she'r को आगे बढ़ाने की एक अदना सी कोशिश. #माँ #खो #पड़ेगी
read moreAkshit Ojha
यो जो तुम रख रहे हो, एक ही मयान के दो तलवार से यारी, यकीनन महंगी पड़ेगी तुमको, तुम्हारी यही समझदारी ।। #महँगी #पड़ेगी #aaiyari #yourquote #inspired #thoughts #halfmine 😉
Pankaj Sharma
अभिमान नहीं होना चाहिए कि मुझे किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी और यह वहम भी नहीं होना चाहिए कि सब को मेरी जरूरत पड़ेगी... ✍Pankaj Sharma
kumar vishesh
एक कुत्ते ने कुटिया से कहा मत कर मुझसे बेवफाई 1 दिन महंगी पड़ेगी माना कि मेरी मोहब्बत सस्ती है कल इसी मोहब्बत की तुझे जरूरत पड़ेगी कुत्तिया मुस्कुरा कर बोली जो गुजर गए वो जमाने नहीं आते आते हैं नए dog पुराने नहीं आते शीशों के मकानों में लावारिस कुत्तों को नहीं रखा जाता दिल में लगी आग पड़ोस के कुत्ते बुझाने नहीं आते एक कुत्ते की मोहब्बत
एक कुत्ते की मोहब्बत
read morejyot kamal
अभिमान नहीं होना चाहिए कि मुझे किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी और यह वहम भी नहीं होना चाहिए सब को मेरी जरूरत पड़ेगी दर्द
दर्द
read morejyot kamal
अभिमान नहीं होना चाहिए कि मुझे किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी और यह वहम भी नहीं होना चाहिए सब को मेरी जरूरत पड़ेगी दर्द
दर्द
read morevivek kumar krishn
तुझे किनारे की जरूरत नहीं,किनारो को तेरी जरूरत पड़ेगी। आज तूफान उठ रहा है कल शैलाब उमड़ पड़ेगी।। #nojoto#जरूरत_नही
nojoto#जरूरत_नही
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 14 - सात्विकी श्रद्धा 'मैं एक प्रार्थना करने आया हूँ।' जिन्हें लोग 'सरकार' 'अन्नदाता' कहते थकते नहीं थे, वे नरेश स्वयं आये थे एक कंगाल ब्राह्मण की झोंपड़ी पर। उन्हें भी - जिनकी आज्ञा ही उनके राज्य में कानून थी और जिनकी इच्छा किसी को भी उजाड़-बसा सकती थी, उन्हें उस मुट्ठीभर हड्डी के दुर्बल ब्राह्मण से अपनी बात कहने में भय लगता था। 'क्या कहना है तुम्हें?' न सरकार, न अन्नदाता - वह ब्राह्मण इस प्रकार बोल रहा था जैसे नरेश वह है और जो नरेश उस
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