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Best बैग Shayari, Status, Quotes, Stories

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Mahima Jain

बेवजह ही...तुम! #बेवजह #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #बैग #Hindi #yqbaba #yqquotes

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बेवजह ही खोजती हूं तुम्हें अपनी ज़िंदगी में,
जैसे खोजती है लड़कियां लिपस्टिक अपने बैग में।। बेवजह ही...तुम!
#बेवजह #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi 
#बैग #hindi #yqbaba #yqquotes

Vedant Patil

वैसे तो बचपन से अच्छा कुछ नहीं है, लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा अच्छा लगता है उन यादों को संजो कर फिर से दोहरा लेना। आज एक दोस्त से बात हुयी वो  परेशान थी की  छोटे भाई के लिए कोई  गिफ्ट लेकर नहीं गई तो भाई नाराज़ है।  ये सुन कर वो मोड़ा हुआ डायरी का पन्ना मैंने पढ़ना शुरू किया, तो सोचा की ये पन्ना फिर से लिखा दिया जाये। पापा का बैग

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 वैसे तो बचपन से अच्छा कुछ नहीं है, लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा अच्छा लगता है उन यादों को संजो कर फिर से दोहरा लेना।

आज एक दोस्त से बात हुयी वो  परेशान थी की  छोटे भाई के लिए कोई  गिफ्ट लेकर नहीं गई तो भाई नाराज़ है।  ये सुन कर वो मोड़ा हुआ डायरी का पन्ना मैंने पढ़ना शुरू किया, तो सोचा की ये पन्ना फिर से लिखा दिया जाये।


पापा का बैग

Satya Prakash Upadhyay

#dastaan Pratibha Tiwari(smile)🙂 Arsh

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अजीब दास्तां है ये  एक दिन मेरा 4 साल का भगिना(भांजा) school से लौट कर बताया कि उसने भगवान को बचाया है।
सभी उसकी बात को हल्के में ले रहे थे,वो सब से यही बात दोहराए जा रहा था।
अंत में दीदी ने पूछ हीं लिया ,तुमने भगवान को कैसे बचाया?
बड़ी मासूमियत से उसने स्कूल बैग से कुछ निकालते हुए बताया, एक अंकल ने भगवान की फ़ोटो dutbin में डाल दिया ,मैने तुरंत उसे निकाल कर अपने बैग में रख लिया। #dastaan  Pratibha Tiwari(smile)🙂 Arsh

Saurabh gupta

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घर से दूर नौकरी करने वालों को समर्पित , 
घर जाता है तो मेरा ही बैग मझे चिढ़ाता है ,
मेहमान हूँ अब मन पल पल मुझे सताता है 
 माँ कहती सामान बैग में फौरन डालो , हर बार तुम्हारा कुछ ना कुछ छुट जाता . 
घर पंहुचने से पहले ही लौटने का टिकट , वक्त परिंदे सा उड़ता सा जाता है .
उगलियों पर लेकर जाता गिनती के  दो दिन ,
फसलते हुए जाने के दिन पास है आ जाता है 
अब कब होगा आना सबका पूछना ये उदास सवाल भीतर तक बिखराता है ,
घर से दरवाजे से निकलने तक , बैग मे कुछ ना कुछभरते जाता हूँ .
जिस घर की सीढ़ियां भी मुझे पहचानती थी .
घर के कमरे की चप्पे चप्पे में बसता सा था में 
 लाइट्स फैन के स्विन्च भूल डगमगाता हूँ मै
पास पड़ोस जहाँ बच्चा भी था वाकिफ ,आज बड़े बुर्जुग बोलते बेटा कब आया पूछने चले आते हैं .
 कब तक रहोगे पूछ कर अनजाने में वो घाव को  और गहरा कर जाते हैं 
 ट्रेन में माँ के हाथों की बनी रोटियाँ . रोते हुए आँखों में घुँधला कर जाते है , 
लौटते वक्त वजनी हुआ बैंग सीट के नीचे पड़ा खुद उदास हो जाता है . 
 तू एक मेहमान है अब ये पल मुझे  बताता है 
आज भी मेरा घर मझे वाकई बहुत याद आता है .

                               -S@rg

@AV

#घर_की_याद #Home 🏡 #Family 👪 #zindgi @AV ✔ ♈

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"मेरा घर मुझे वाकई बहुत याद आता है"

 घर जाता हूं तो मेरा ही  बैग मुझे चिढ़ाती है, 
मेहमान हूं अब ये पल-पल मुझे बताता है ||

 मां कहती है सामान बैग में फौरन डालो , हर बार तुम्हारा कुछ न कुछ छूट जाता है ||

घर पहुंचने से पहले लौटने का टिकट ,परिंदे सा उड़ता जाता है||

 उंगलियों पर लेकर जाता हूं गिनती के दिन, फिसलते हुए जाने का दिन पास आ जाता ||

 अब कब होगा आना , सबका पूछना ये उदास सवाल भीतर तक बिखराता है||

 घर के दरवाजे से निकलने तक बैग में कुछ-न-कुछ भरते जाता हूं,  जिस घर की सीढ़ियां भी मुझे पहचानती थी घर के कमरे की चप्पे-चप्पे में बसता था मैं, अब लाइट्स , फैन के स्विच भूल डगमगाता हूं ||

पास पड़ोस जहां था बच्चा भी वाकिफ, बड़े-बुजुर्ग बेटा कब आया पूछने चले आते हैं |

कब तक रहोगे पूछकर अनजाने में वो घाँव एक और गहरा कर जाते हैं||

 ट्रेन/बस में मां के हाथों की बनी रोटियां , रोती हुई आंखों में धुंधला जाता है |

 लौटते वक्त वजनी हुआ बैग , सीट के नीचे पड़ा खुद उदास हो जाता है||

 तू एक मेहमान है, अब ये पल मुझे बताता है||

 मेरा घर मुझे वाकई बहुत याद आता है ||

#AV #घर_की_याद 
#home 🏡 
#Family 👪 
#Zindgi
@AV ✔
♈

Anshu singh

#OpenPoetry बचपन की गलियाँ, वो स्कूल की यादें

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#OpenPoetry       स्कूल की याद आज भी आती है ,
जब बच्चो को स्कूल जाते देख थकान मिट जाती हे।

एक पल को वक़्त के साथ थम सा जाता हूँ, 
बचपन की गलियों में फिर लौट आता हूँ। 

वो गलियाँ पुरानी वो खेल पुराने, 
वो दोस्ती की महफ़िल वो खुफिया ठिकाने। 

स्कूल जाने की जल्दी वो लंच का इंतज़ार, 
वो पहली दोस्ती और फिर पहला प्यार। 

वो गुड मॉर्निंग का गाना और टीचर का मज़ाक उड़ाना, 
फिर क्लास से बहार निकले जाने के बाद दोस्तों के साथ हसना हसाना। 

वो दोस्तों के साथ पिकनिक वो बस का सफर, 
वो यादो की बारिश और मस्ती का घर। 

वो पेनफाइट की गेम वो नोटबुक का बल्ला, 
वो कागज़ की गेंदे और जीत का हल्ला। 

वो वाशरूम के बहाने आधा लेक्चर बहार बिताना और उसी वाशरूम की दीवारों पे अपने प्यार को जाताना, 
वो दिल खोल के दोस्तों का लंच खाना और फ्री पीरियड के नाम पे ख़ुशी से चिलाना। 

वो क्लास बंक का अपना ही मज़ा था, 
वो क्रश का बोलना भैया अपने आप में ही सजा था। 

वो छुट्टी की घण्टी हमारे सोये दिमाग को जागती थी, 
वो बोरिंग से लेक्चर से बचने की ख़ुशी सीधा चेहरो पे छलक जाती थी। 

वो शाम को पार्क में क्रिकेट और फुटबॉल,
हारते हुए गेम में दोस्तों के साथ किए हुए झोल।

टूशन का भी अपना अलग ही स्वैग था ,
ओर क्या बतायें हमसे तो भारी हमारा स्कूल बैग था।

आज उसी बैग का वजन कुछ कम सा लगता है ,
कयूंकि आज वही बच्चा सुबह स्कूल के लिए नही जिम्मेदारियों के लिए जगता है।

आंखे नाम हो जाती है आज भी उन गलियों में जाने के बाद ,
मानो आंसू भी दगा दे जाते है जब करता हूँ बचपन को याद।

सोच कर उन लम्हो को मनो रुह भी सुकून से टकरा जाती है , 
फिर से वही बचपन जीने का मन होता है जब उन गलियों की याद आती है। #OpenPoetry  बचपन की गलियाँ, वो स्कूल की यादें

Abhikrti Sonakiya (Palak

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बचपन और बड़े भैया उनका स्कूल का बैग देखकर मैंने भी बैग थामा था
उनके स्कूल जाने पर मैंने भी स्कूल जाने की जिद करी थीं ्

Priyanshu Agnihotri

कविता

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....यादें बचपन की ....

बहना से लड़े, खूब झगड़े ,
फिर संग विद्यालय जाते थे ।
यदि  पड़े मार विद्यालय में,
तब बहना को खूब बुलाते थे ।
थक जाते थे जब गुरु खूब ,
वह नालायक कहलाते थे ।
तब हम विद्यालय में छोड़ बैग ,
बस तुरत कहीं भाग जाते थे ।
बस अगली बार न मार पड़े 
यह बार बार दोहराते थे ।
पर याद हमें अब तक है ,
हम फिर भी विद्यालय जाते थे ।
जब कभी छोड़ कर बैग ,
भाग जल्दी से घर आ जाते थे ।
मम्मी को कुछ शक जाता था ,
घर भी बेशक पिट जाते थे।
पर याद मुझे अब तक है जब ,
मैं घर के बाहर भग जाता था ,
औऱ राह देख बहना की मैं ,
बहना के संग ही आता था ।।
M₹_@gnihotri कविता

Madanmohan Thakur (मैत्रेय)

पुछिए!क्या पुछना है आपको! मै बस आपसे चंद सवाल करुंगी!जिसके जबाब पुरा देश सुनना चाहता है! ठीक है,आप जो भी सवाल करेंगी,मै समुचीत उत्तर देने का प्रयाश करुंगा!राजीव निर्णायक स्वर मे बोला!                                राजीव का इतना बोलना था कि कैमरे की फोकश उस पर हो गई!आपने कितनी पढाई की है राजीव बाबु! सुचिता का पहला प्रश्न था! बी काँम,मगध युनिवर्सिटी से! आगे भी पढाई जारी है? हां मै पी एच डी के लिए अप्लाई कर चुका हूं! पर सुनने मे आया है कि आपको शीट नही मिली!इस लिए पुरे सिस्टम को हीं सवालो के कटघङे

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पुछिए!क्या पुछना है आपको!
मै बस आपसे चंद सवाल करुंगी!जिसके जबाब पुरा देश सुनना चाहता है!
ठीक है,आप जो भी सवाल करेंगी,मै समुचीत उत्तर देने का प्रयाश करुंगा!राजीव निर्णायक स्वर मे बोला!
                               राजीव का इतना बोलना था कि कैमरे की फोकश उस पर हो गई!आपने कितनी पढाई की है राजीव बाबु! सुचिता का पहला प्रश्न था!
बी काँम,मगध युनिवर्सिटी से!
आगे भी पढाई जारी है?
हां मै पी एच डी के लिए अप्लाई कर चुका हूं!
पर सुनने मे आया है कि आपको शीट नही मिली!इस लिए पुरे सिस्टम को हीं सवालो के कटघङे

गुलरूखी

😳 अत्यंत हरामी बच्चा👶

एक आदमी अपने 13 साल के बेटे का स्कूल बैग देख रहा था
बैग में से एक कंडोम मिला

बाप: मादरचोद इस उम्र में बैग में ये ले के घूमता है

बच्चा: तो क्या करूँ
इस उम्र में बाप बन जाऊँ?

बर्दाश्त तो आपसे वो भी नहीं होगा.
😜😝😝😝 #sayri #bap_beta #sexlife #fun #jokes
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