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बेजुबान शायर shivkumar
// प्रेम मे वियोग // मै सच्चे दिल से तुझे ही पुकार रहा हूं सात महीने से बस तेरी ही तस्वीर को यु निहार रहा हूं। वो कई रातों तक मेरी यादों में वो सोई नहीं है सच कहूं तो मेरे दिल में तेरे अलावा कोई और नहीं है ।। जिंदगानी के लम्हों में तेरे साथ हंसना और रोना चाहता है मेरी जिंदगी का मकसद सिर्फ तेरा ही होना है ।। मैं भी किया था तुमसे अपने प्यार का जिक्र मां के बराबर करती हो तुम मेरी ही फिक्र ।। क्यों अपनी तन्हाई को तुम मुझसे इस तरह छुपाती हो रात रात भर मेरी यादों में तुम आंसू को क्यों यु बहाती हो ।। रब से हमने भी एक मांगी है तेरी सौगात को मिले हर जन्म में मुझे बस तेरा ही साथ जो ।। तुम्हारी और मेरी दोस्ती दुनिया की सबसे बड़ी हस्ती है सच कहूं तो तेरी धड़कन में मेरी जान ही बसती है ।। मिलने की रब से तुम यु फरियाद करती हो सर्दियों में निकलने वाले सूरज की तरह मुझे तुम याद करती हो ।। अपनों के खातिर हम और तुम भी बहुत मजबूर हैं मगर दिल के सबसे करीब होते हुए भी तुम मुझसे बहुत दूर हैं ।। यह प्यार का बंधन को उम्र भर मै निभाऊंगा एक जन्म तो कम है अगले सात जन्मों तक तेरा हो जाऊंगा ©बेजुबान शायर shivkumar #separation #separationinlove #प्रेम #वियोग // प्रेम मे वियोग // मै सच्चे दिल से तुझे ही पुकार रहा हूं सात महीने से बस तेरी ही तस्वीर को यु निहार रहा हूं।
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read moreअदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://youtube.com/shorts/p5qEXUViiUY?si=v07M6wi3TVpCScb5 #हिंदी #शिवपार्वती #शिवशक्ति #जोड़ #समर्पण #प्रेम #वियोग #Instagram #Facebook #अदनासा
read morerashmi ranjan
नमी भी अवकाश ले कर कहीं तो विचरती ही होगी तभी तो विचारों में पसरा सन्नाटा तुम्हें पाना तो चाहता है पर ढूंढने की कोशिश नहीं करता फिर से भींग जाने की ख़्वाहिश जो नहीं उसकी #रश्मि_रश ©rashmi ranjan #आँसु #वियोग #प्रेम
करन सिंह परिहार
पत्र सारे पढ़ लिए संदूक में जो भी रखे थे, पर विरह के ताप में कोई कमी आई नहीं है। सूखते इन आँसुओं से आर्द्रता की बात करने, नेह नद को भेजने की है विनय तुमसे हमारी। हो सके तो भेज देना रात्रि के अंतिम प्रहर तक, जागते इन चक्षुओं को उम्र भर की नींद प्यारी। हो गया है दीप मद्धिम प्रणय की संवेदना का, पर तपित इस देह में कोई नमी आई नहीं है। पत्र----------------------------------------(१) धैर्य रखने में बचीं थीं अश्रु की जो शेष बूँदें, मैं उन्हें तेरे दृगों को सौंपकर अब जा रहा हूँ। स्वर्ण कलशों में भरे उस मद्य को दो घूँट पीकर, शिष्टता की देहरी को लाँघकर अब जा रहा हूँ। मृत्यु को वरने लगीं इस देह की सब तंत्रिकाएं, पर प्रबल मन कामना में संयमी आई नहीं है। पत्र----------------------------------------(२) चढ गये हैं पुष्प अब तो पार्थिव इस सुर्ख तन पर, बस तुम्हारे आगमन को है प्रतीक्षित भीड़ सारी। कल्पनाओं के भँवर में मिलन की अंतिम घड़ी को, अग्नि देकर आचमन को है प्रतीक्षित भीड़ सारी। प्रज्वलित मेरी चिता पर नम हुए हैं नेत्र सबके, पर तुम्हारे वक्ष में कोई गमी आई नहीं है। पत्र------------------------------------------(३) ©करन सिंह परिहार #वियोग
Anuradha T Gautam 6280
प्रखर नेमा
परत दर परत लोग उतरते रहे मेरे चक्षुओं से, मैं प्रत्येक के साथ किसी साए के साथ रहा दुर्लभ परिस्थितियों के भंवर में जब मैं स्वयं ग्रसित हुआ चक्रव्यूह में मेरे समक्ष केवल शून्यता थी मेरे साथ रहने वाले वो निर्मोही मुझे वर्षों में भी ना जान सके अब काल की गति में वो वेग आ चुका है जब में अन्ततः स्वतः ही भावशून्यता की ओर अग्रसर हूँ............. - प्रखर नेमा ©प्रखर नेमा #भावशून्यता #दुख #वियोग
ramendra dixit
संगीतों में सुख न मिले जो मिलता था मृदु-हास में । कितने दिन तुम और रहोगे मुझसे दूर पृवास में । ©ramendra dixit #sadquote #वियोग
ABHISHEK SWASTIK
जब लिखा हो नसीब में वियोग का संयोग, लाख जतन कर ले चाहे नही बनेगा कोई योग ।। कहते हैं कि जोड़ियां ऊपरवाला बनाता है, पर कृष्ण बनके प्यार करके वो भी पछताता है ।। किस्मत में है जो लिखा वही तुझे मिल जायेगा, पर गीता में है ये लिखा बस कर्म कर,फल पायेगा ।। क्या करूं,जाऊं कहां कहां जाकर सर फोड़ लूं , मिलता नही जब हक़ का कहो किसकी गर्दन मडोड़ लूं ।। चलो मान लिया प्यार-मोहब्बत बस आँखो का छलावा है , पर उसका क्या जिसने उसको पलकों पर बिठाया है ।। छोड़ कर हर दुनियाँ-दारी जिसको अपना मान लिया था, हे! ईश्वर, क्या जलन थी तुझको उससे ही बिछोह लिखा था ।। यकीन है मुझको अब भी तुझ पर तू दुआएं मेरी अपनाएगा, सलामती कर मेहबूब की मेरे फिर मुझको पास बुलाएगा ।। -अभिषेक अस्थाना(स्वास्तिक) जब लिखा हो नसीब में वियोग का संयोग, लाख जतन कर ले चाहे नही बनेगा कोई योग ।। कहते हैं कि जोड़ियां ऊपरवाला बनाता है, पर कृष्ण बनके प्यार करके
जब लिखा हो नसीब में वियोग का संयोग, लाख जतन कर ले चाहे नही बनेगा कोई योग ।। कहते हैं कि जोड़ियां ऊपरवाला बनाता है, पर कृष्ण बनके प्यार करके
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
वह मृग कस्तूरी मैं उसकी क्या कहूँ व्यथा अब विरह की बादल बरसे उष्णता हरते नहीं प्रेम बोल भी अब कर्ण तृप्त करते नहीं विचलित अलसायी जीवन दोपहरी उषा संध्या मन हरते नहीं गहन रात्रि भयभीत करती नेत्र निद्रा बिन अब काजल प्रेम करते नहीं श्वास उच्छवास् आह बन अब प्रिय नाम जप थकते नहीं कैसे कहूँ व्यथा विरह की पलछिन बाट जोहते आँख मूँद तनिक रहते नहीं! 🌹 #mनिर्झरा ©️®️ #वियोग #वियोग_शृंगार_रस #hindipoetry #yqlove #yqdidi #bestyqhindiquotes
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read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
कैसे कह दूँ.. तुमने मुझे तोड़ दिया देकर अप्रतिम विरह मुझी को मुझ से जोड़ दिया...! 🌹 #mनिर्झरा #प्रेम #वियोग #yqhindi #bestyqhindiquotes #क्षणिकाएं #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं