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jai rangmanch
, भाग 8 मैं टेलीफोन बंद कर दूंगी।बड़े शौक से ।आपको मेरी नाराज़गी का कोई ख़्याल नही।मैं सबसे पहले अपने आप को नाराज़ नहीं करना चाहता।। Saadat Hasan Manto story #manto #मंटो #Rameshkhanna #jairangmanch #kkk_Ramesh #Anitabanerji
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Saadat Hasan Manto Story Bādshāhat kā k̲h̲ātimah Part 1 मनमोहन वो किताब बीस मर्तबा पड़ चुका था।वो किताब जिसके आखिरी पन्ने कीड़े खा गए।। दफ़्तर जो विरान था। nojoto #story #मंटो #manto #Rameshkhanna #jairangmanch #kkk_Ramesh
read more_Ankahe_Alfaaz__
एक अनोखे अंदाज में ज़िन्दगी को जीना , सिखाया है मंटो ने ये अफसाना , ये ज़िन्दगी भी है एक तराना , जिसमे हमेशा सच्चाई का है साथ ही निभाना , और अपने साथियों को देना एक नज़राना ।। मंटो की ज़िंदगी ख़ुद एक अफ़साने से कम नहीं थी। एक ऐसा अफ़साना जिसे उस के ज़माने में भी पढ़ा गया, आज भी पढ़ा जा रहा है और आने वाले ज़मानों में भी पढ़ा जाता रहेगा। आज का Collab Challenge महेंद्र कुमार सानी mahen kumar की नज़्म की पहली पंक्ति है जिसे ख़ास तौर पर योरकोट के लिए मशहूर अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने पढ़ा है। आप यह नज़्म उन की दिलकश आवाज़ में YQ Films पर सुन सकते हैं। Collab करें YQ Didi के साथ। #मंटो
मंटो की ज़िंदगी ख़ुद एक अफ़साने से कम नहीं थी। एक ऐसा अफ़साना जिसे उस के ज़माने में भी पढ़ा गया, आज भी पढ़ा जा रहा है और आने वाले ज़मानों में भी पढ़ा जाता रहेगा। आज का Collab Challenge महेंद्र कुमार सानी mahen kumar की नज़्म की पहली पंक्ति है जिसे ख़ास तौर पर योरकोट के लिए मशहूर अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने पढ़ा है। आप यह नज़्म उन की दिलकश आवाज़ में YQ Films पर सुन सकते हैं। Collab करें YQ Didi के साथ। #मंटो
read moreइकराश़
रिवाज़ों की ये दुनिया है बड़ी जालिम, मुझे ना कोई 'मंटों', अब नज़र आया। जो शहादत हसन मंटो को जानते हैं, उन्हें कुछ भी बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कल उन पर बनी फिल्म देख रहा था तो ये ख़्याल आया और उन्हें समर्पित कर दिया। हो सके तो जुड़ के देखिएगा। इकराश़
जो शहादत हसन मंटो को जानते हैं, उन्हें कुछ भी बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कल उन पर बनी फिल्म देख रहा था तो ये ख़्याल आया और उन्हें समर्पित कर दिया। हो सके तो जुड़ के देखिएगा। इकराश़
read moreNeha Pant Nupur
जन्मदिन मुबारक 🍁 ©Neha Pant Nupur #मंटो 🍁मेरे जीवन की सबसे बड़ी घटना थी मेरा जन्म.'' ये लिखने वाले पंजाब में जन्मे मशहूर लेखक मंटो आज ही के दिन दुनिया को नसीब हुए थे.। सहादत हसन मंटो को पढ़ना ही एक क्रांति जैसा है । जिन बातों को लोग कान में कहने में फुसफुसाएं या कहना ही ना चाहे, समाज के ऐसे सच्चे किस्से कहानियों को रूबरू कराने की हिमाकत या कोशिश की जिसने, वो है मंटो 🔥 राजपाल पब्लिशिंग की किताब मंटो, जिसका संपादन किया है प्रकाश पंडित जी ने जिसने समेटी हैं ग्यारह कहानियां जिसके नाम हर किसी की जुबान पर होते हैं जिसने मंटो का नाम स
#मंटो 🍁मेरे जीवन की सबसे बड़ी घटना थी मेरा जन्म.'' ये लिखने वाले पंजाब में जन्मे मशहूर लेखक मंटो आज ही के दिन दुनिया को नसीब हुए थे.। सहादत हसन मंटो को पढ़ना ही एक क्रांति जैसा है । जिन बातों को लोग कान में कहने में फुसफुसाएं या कहना ही ना चाहे, समाज के ऐसे सच्चे किस्से कहानियों को रूबरू कराने की हिमाकत या कोशिश की जिसने, वो है मंटो 🔥 राजपाल पब्लिशिंग की किताब मंटो, जिसका संपादन किया है प्रकाश पंडित जी ने जिसने समेटी हैं ग्यारह कहानियां जिसके नाम हर किसी की जुबान पर होते हैं जिसने मंटो का नाम स
read moreकुछ लम्हें ज़िन्दगी के
अफ़साना लिखने की नीयत नहीं है । ये मत समझना के काबलियत नहीं है ।। खुद को घोल के इतना पी चुका हूँ मैं लहू की मेरे अंदर कोई फ़क़त नहीं है ।। अटकी है ज़िन्दगी बस इत्ती सी बात पे, के मंटो या गुलज़ार जैसी मेरी हरकत नहीं है ।। मुझे दोस्त भी मिले दोस्ती भी राम पर किसी में अपने जैसी सोहबत नहीं है । पीनी शुरू तो करनी है पर कैसै करूँ । मेरे यारों को आज कल फुरसत नहीं है ।। नज़ाक़त ही लहज़ा है शुरू से मेरा किसी बात की मुझमें ख़िलाफ़त नहीं है । बोला था एक बार इक दुश्मन ने मुझसे । सतिन्दर तेरे जैसी कोई शख्सियत नहीं है । । ©️✍️ सतिन्दर अफ़साना लिखने की नीयत नहीं है । ये मत समझना के काबलियत नहीं है ।। खुद को घोल के इतना पी चुका हूँ मैं लहू की मेरे अंदर कोई फ़क़त नहीं है ।। अटकी है ज़िन्दगी बस इत्ती सी बात पे, के मंटो या गुलज़ार जैसी मेरी हरकत नहीं है ।।
अफ़साना लिखने की नीयत नहीं है । ये मत समझना के काबलियत नहीं है ।। खुद को घोल के इतना पी चुका हूँ मैं लहू की मेरे अंदर कोई फ़क़त नहीं है ।। अटकी है ज़िन्दगी बस इत्ती सी बात पे, के मंटो या गुलज़ार जैसी मेरी हरकत नहीं है ।।
read moreaghori
यदी आप मेरी कहानियों को गन्दा पाते है, तो आप जिस समाज में रह रहें हैं वह ही गन्दा है, मेरी कहानियों के साथ मैं केवल सत्य का प्रयास करता हूँ। -मंटो #Hope #मंटो
aghori
हम औरत उसी को समझते हैं जो हमारे घर की हो बाकी हमारे लिये कोई औरत नहीँ होती बस गोश्त की दुकान होती हैं ओर हम इस दुकान के बाहर खड़े कुत्तो की तरह होते है जिनकी हवस जरा नजरे हमेशा गोश्त पर टिकी रहती हैं। -सहादत हसन मंटो #जन्मदिनपर #मंटो#walkingalone