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दूध नाथ वरुण
White मेरे नज़र से ज़रा तू नज़र मिला के तो देख, तू ही आंखों में छपी है मुस्कुराके तो देख। मेरे ये दिल से ज़रा सनम तू दिल लगा के तो देख, तू मेरे दिल में बसी है करीब आके तो देख।। ©दूध नाथ वरुण #करीब #आके #तो #देख
Tension ko do Pension
चर्चे बहुत हैं तुम्हारे, उस शहर में | जरा हम भी तो आके देखें ,तुम्हारे शहर में|| होंगे सैकड़ों हबीब तेरे, मानते हैं| लेकिन अपने भी कम नहीं, मेरे शहर में|| -- by Manas Priya [ हबीब- Lover ] #चर्चे #बहुत हैं #तुम्हारे, उस #शहर में | जरा हम भी तो #आके #देखें ,#तुम्हारे #शहर में|| होंगे #सैकड़ों #हबीब तेरे, मानते हैं| #लेकिन #अपने भी कम नहीं, मेरे शहर में||
Saif Raza Khan
तुझे जब कभी मैं देखूं मचलता है दिल प्यार तुझे करने को ये कहता है दिल| तू जब भी आती है और आके तू जाती है होके बेक़रार फिर ये तड़पता है दिल| ग़ैरों से जब-जब तू बात हंसके करती है तुझसे गुफ़्तगू को फिर ये तरसता है दिल|
तुझे जब कभी मैं देखूं मचलता है दिल प्यार तुझे करने को ये कहता है दिल| तू जब भी आती है और आके तू जाती है होके बेक़रार फिर ये तड़पता है दिल| ग़ैरों से जब-जब तू बात हंसके करती है तुझसे गुफ़्तगू को फिर ये तरसता है दिल|
read moreAnas Khan
किस-किस अदा से तूने जलवा दिखा के मारा आज़ाद हो चुके थे, बन्दा बना के मारा अव्वल बना के पुतला, पुतले में जान डाली फिर उसको ख़ुद क़ज़ा की सूरत में आके मारा आँखों में तेरी ज़ालिम छुरियाँ छुपी हुई हैं देखा जिधर को तूने पलकें उठाके मारा ग़ुंचों में आके महका, बुलबुल में जाके चहका इसको हँसा के मारा, उसको रुला के मारा सोसन की तरह 'अनस', ख़ामोश हैं यहाँ पर नरगिस में इसने छिप कर आँखें लड़ा के मारा ❤
❤
read moreMukesh Choudhary
नमन मित्रो दिल में यादो का अरमान मचल जाता है दरिया में तूफान आके जैसे सम्भल जाता है टूटते रहते है किनारे हर पल - पल पल जब कोई साहिल आके किनारो से टकरा जाता है चलता रहता है तेरी यादो में मिलो मील जब कोई दूर आशियाना नजर आता है ढूंढता रहता हूँ जर्रे दीवारो में जिसे ओ अक्सर मेरी झरोखो में नजर आता है।। मुकेश चौधरी, दीप 08/11/2010 #world Satyam Gupta Ritesh Sheoran sidd kumar111 Kajal Singh Sarda Singh
#world Satyam Gupta Ritesh Sheoran sidd kumar111 Kajal Singh Sarda Singh
read moreSuman singh
तेरे ही गलियों में आज शाम है मेरी, आके एक बार मिल मुझसे, मेरी जिंदगी की डोर अब मेरे हाथों में नहीं,एक बार थाम ले इसे, थामले इन हाथों को किसी और का ना होने दें, वादा है नजरे ना मिला आएंगी आंखें, बस एक बार देख ले इसे, निगाहें भर देख बेबसी को दूर कर जा मेरे, ओंठ दबे हुए हैं अब मेरे ,आके अल्फाजों को बयां कर दे, दिल पर एक बोझ है मेरे आके उतार दे इसे, मेरी चाहते तो कब की चल बसी,अब रूह को भी दफनाकर मुझे सुकून अदा कर दे, टूटा तो दिल तेरा भी है फिर भी इसे मेरा ही रहने दे , तेरे ही गलियों में आज शाम है मेरी,आके एक बार मिल मुझसे... तेरे ही गलियों में आज शाम है मेरी
तेरे ही गलियों में आज शाम है मेरी
read moreHari Shankar Dubey
Happy Janmashtami हे कृष्णा आज जन्म तो जनाब शायर का हुआ. मगर आके एक हवा मेरी तीन मोमबत्तियां बुझा गयी. कोई बात बहुत बड़ी नहीं थी जिंदगी कम हो रही थी मेरी . शायद आके मेरी औकात याद दिला गयी ।। #birthday
Santosh Sagar
अपनी बांसुरी के धुन फिर सुनाओ न, आके बृन्दावन में शोर फिर मचाओ न ! गोपियां नाराज है आज कल तुमसे, आके उनके मन को रिझाओ न,!! ओ कान्हा फिर से इस कलयुग में आओ न.... यशोदा मईया तेरे इंतजार में कब से सोयी नहीं है, लल्ला के इंतजार में मीठी सपनों में खोई नहीं है ! वो पचपन की शरारतें को याद कर रोती है मईया, आके उनको फिर से चैन से सुलाओ न !! ओ कान्हा फिर से इस कलयुग में आओ न.... वो यमुना भी कब से सुखी पड़ी है, सावन भी पता न क्यूं रूठी पड़ी है ! न ही ठीक से बरसती है बादलें अब, आके सभी को फिर से बुलाओ न !! ओ कान्हा फिर से इस कलयुग में आओ न.... वो पांडव भी अब कहां ठीक से रहते हैं, वो द्रौपदियों को हर रोज पीटते हैं, ऐसे तो मिट जाएगी सारी धरती, उनको भी कुछ आके बतलाओ न !! ओ कान्हा फिर से इस कलयुग में आओ न.... अब वो सुदामा वाली दोस्ती नहीं मिलती , वो सतुआ और भुंजे वाली गठरी नहीं मिलती ! भूल गए हैं सब तेरे वो पुरानी दोस्ती को ओ कान्हा, एक बार आ के फिर से वो प्यारी युग लाओ न !! ओ कान्हा फिर से इस कलयुग में आओ न.... वो मीरा भी अब तेरे इंतजार में न रहती है, न ही तेरे परछाई को देख सवरती है ! हो गए है सब पश्चिमी सभ्यता के दीवानें, उन्हें अपनी सभ्यता के पाठ पढ़ाओ न !! ओ कान्हा फिर से इस कलयुग में आओ न.... :- संतोष 'सागर' ओ कान्हा फिर से इस कलयुग में आओ न.... #जन्माष्टमी #कृष्णा #शयामा __मुकेश-- Kђusђi SiŇgђ😟 Pratibha Tiwari(smile)🙂 Sandhya 💞 #suman#
ओ कान्हा फिर से इस कलयुग में आओ न.... #जन्माष्टमी #कृष्णा #शयामा __मुकेश-- Kђusђi SiŇgђ😟 Pratibha Tiwari(smile)🙂 Sandhya 💞 #SUMAN#
read moreMeraj Abbasi
चाँद हो तुम मे चाँद देख रहा था की तुम याद आ गये उस याद के तुफेल तुम्हे ईद मुबारक खुशियों को मशररत भरी तम्हीद मुबारक ऐ जाने सुख़न हो तुम्हे ये ईद मुबारक ये वक़्त मुबारक हे मिलो आके गले तुम फिर हमसे ज़रा हस के कहो ईद मुबारक हम ईद भी कर लेंगे ख़ुशियाँ भी मना लेंगे तुम आके ये कह्दोगे की ईद मुबारक Meraj mahi ईद के दिन कुछ ना कुछ तोहफा देना था तुमको ग्रीटिंग महंगे हो गये तो दिल रवाना कर दिया ईद मुबारक मेरे सभी देश वासियों को
ईद के दिन कुछ ना कुछ तोहफा देना था तुमको ग्रीटिंग महंगे हो गये तो दिल रवाना कर दिया ईद मुबारक मेरे सभी देश वासियों को
read moreVirendra Singh Sisodiya
#OpenPoetry चाँद की गोदी मैली है । तारे देख मुझे करते ठिठोली है । डाँट दे ना इनको आके तू माँ क्यों इतनी भोली है । सारा जहान आँख दिखाता है । सिसक मेरा सारा बदन जाता है । डाँट दे ना इनको आके । तुझसे कैसे माँ देखा जाता है । कांटो की ऊँगली थामी है । ऐसी क्या मुझमें ख़ामी है । डाँट दे ना इनको आके । क्यों माँ ना भरती तू हामी है । ख़ुशी चिढ़ा चिढ़ा के खाते है । नींदे उड़ा उड़ा कर जाते है । डाँट दे ना इनको आके । क्यों माँ बस लम्हे ही वापस आते है । दर्द की बातें बस तर्ज़ हुई है । जीने में ज़िन्दगी क्यों क़र्ज़ हुई है । डाँट दे ना इनको आके । क्यों माँ ना फिक्रें अब मर्ज़ हुई है । ये आँखों में भरते तीखा उजाला है । मन इनका घनघोर काला है । डाँट दे ना इनको आके । क्यों माँ इतने नाज़ों से पाला है । #OpenPoetry #माँ #world