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Navin Kishor Mahto
कविता ऐसे गिरती है आत्मा पर जैसे ओस गिरती है घास पर #storytelling, #quotestoliveby, #quotes
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read moreKhetdan Charan
वर्षाएँ ठहरती हैं फ़िर शुरू होती हैं, ठहरती हैं फ़िर शुरू होती हैं, ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ... घर चला जाता हूँ बालकनी में बैठ जाता हूँ, गिरती बूँदों पर नज़रें रखकर गिनता रहता हूँ, तब तक कि जब तक नहीं रुकती, ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ... आसमान काला हो जाता है, घने पेड़ों की ओट में छाया अँधेरा, पेड़ों की सहमायी और पत्तों से गिरती बूंदों का कारण ढूंढता हूँ, बहती सारी इच्छाएँ, और नहीं रुकती ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ... फ़िर देखता हूँ बहती छोटी छोटी सरिताएँ जो अपनी पगडंडियों को नहलाती हुई आगे दौड़ जाती हैं, तब तक कि जब तक, नहीं रुकती, ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ... अचानक आँख़ें धोखा देकर चली जाती हैं मक़ानों की दीवारों पर, अश्रुओं सा बहता पानी तब तक नहीं रुकता कि जब तक नहीं रुकती, ये वर्षाएँ ये वर्षाएँ। Khetdan charan #shayari #quotes #hindi #love #mansoon #barish #alone
mangla varma
बारिश गिरती हुई बारिशें कभी खट्टा-मिठा सा एहसास दिलाती हैं, भूली बिसरी सारी बातें याद दिलाती हैं, कभी असामनों के छोर से खुलकर आज़ाद हो जाती हैं कभी टिन की छप्पर पर कोई संगीत बजाती हैं ये गिरती हुई बारिशें कभी धरती को छू कर सोंधी सी महक पसराती हैं तो कभी यूँ ही बस आ जाती हैं ये गिरती हुई बारिशें #nojotohindi #hindi #nojoto #poem #kavita #love #life #rain #baarish #yaaden #zindagi #pyar #shayari #2liners Dr Ashish_Vats Soumya Jain Prachi Gupta Priyanka Jain Jaishree Shekhawat
TOLCNR_Keep_Smile
बारिश हे बारिश! तू नील व्योम से गिरती है, मैं तुझे नहीं बचा पाता हूँ, मेरी अपनी गलती से ,कहीं तू बाढ़ का रूप ले लेती, और कहीं पर सूखे मंजर का दृश्य दिखलाती हो । हे बारिश! तुम रिमझिम -रिमझिम गिरती हो, बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सबके मन को हर्षाती हो, फिर भी तेरा कण-कण संचय हम पर्याप्त नहीं कर पाते हैं । 🌨🌦🌧🌦🌨 #बारिश #Rain #WOD #tolcnrkeepsmile 😊 हे बारिश! तू नील व्योम से गिरती है, मैं तुझे नहीं बचा पाता हूँ, मेरी अपनी गलती से ,कहीं तू बाढ़ का रूप ले लेती, और कहीं पर सूखे मंजर का दृश्य दिखलाती हो । हे बारिश!
🌨🌦🌧🌦🌨 #बारिश #rain WOD #tolcnrkeepsmile 😊 हे बारिश! तू नील व्योम से गिरती है, मैं तुझे नहीं बचा पाता हूँ, मेरी अपनी गलती से ,कहीं तू बाढ़ का रूप ले लेती, और कहीं पर सूखे मंजर का दृश्य दिखलाती हो । हे बारिश!
read moreshyam
छम छम करके गिरती बूंदे धरा पर, यह कैसी लाली छाई है, चारों तरफ पानी की चादर, फिर वर्षा ऋतु आई है. वर्षा की बूंदे गिरती मच रहा यह कितना शोर, जंगल में मंगल करते हैं मगन होकर नाचे सारे मोर इंद्रधनुष से लगा सुहावन कितना है बादल, मानो शोभा बढ़ा रही हो अप्सरा के आंखों का काजल. नाले नदियां सब बढ़ गई, पानी की चादर छाई है, चारों तरफ है शोर मच रहा, फिर वर्षा ऋतु आई है. ✍️- श्यामबाबू बर्षा ऋतु आयी है
बर्षा ऋतु आयी है
read moreVj Singh
#मोहब्बत 💑 एक कटी 💖 पतंग 🏮 #है_जनाब👤 #गिरती 👇 वही है जिसकी 😎 छत बड़ी 🏢 #होती_है|| Good Evening Guy's #vj #vj
Harshit Vishwakarma
बारिशें दिल पर तब भी गिरती थीं, बारिशें गिरती आज भी हैं। तब बरफ़ सी ठंडक थी इनमें, आज ये लगती आग सी हैं। #love #pain #rain #seperation #nojotohindi
#Love #Pain #rain #seperation #nojotohindi
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 11 – अभय गंगोत्तरी से गंगाजी नहीं निकली हैं, यह बात वे सब लोग जानते हैं जो वहाँ गये हैं अथवा जानेवालों से मिले हैं, उनके विवरण पढे हैं। गंगाजी गोमुख से प्रकट हुई हैं। वैसे वे निकली तो हैं नारायण के चरणों से - भौतिकरूप में भी उनका हिमस्त्रोत (ग्लेशियर) नारायण पर्वत के चरणों से चलकर शिवलिंगी शिखर के ऊपर होता गोमुख तक आया है। गंगोत्तरी में तो गंगाजी की मूर्ति है। गोमुख गंगोत्तरी से गत वर्ष 18 मील दूर था। कुछ वर्ष पूर्व यह दूरी 12 मील थी। हिम
read moreVandna Sood Topa
गहरे समन्दर के अंदर खामोशियाँ उठती हैं गिरती हैं उफान भरी गूंगी सी लहरें शब्दों को तलाशे फिरती हैं धरा की पुकार पर जब जब सलिल मिलन को तड़पता है चट्टानों से टकराकर उसका दर्द सैलाब में बदलता है आहत हो जाते हैं उस पल रेत पर रेत से बने खरौंदे कई कितने सपने बह जाते हैं गहरे समन्दर के अंदर खामोशियाँ उठती हैं गिरती हैं उफान भरी गूंगी सी लहरें शब्दों को तलाशे फिरती हैं धरा की पुकार पर जब जब सलिल मिलन को तड़पता है चट्टानों से टकराकर उसका दर्द सैलाब में बदलता है आहत हो जाते हैं उस पल रेत पर रेत से बने खरौंदे कई कितने सपने बह जाते हैं उन खरौंदो में सोये... अपनों के संग के साथ संजोये वो इक पल ..वो इक सपना.. पानी में भीगता टूटता बह जाता है बस यूँ ही शोर में वापस आने की चाहत में उन खरौंदो में सोये... अपनों के संग के साथ संजोये वो इक पल ..वो इक सपना.. पानी में भीगता टूटता बह जाता है बस यूँ ही शोर में वापस आने की चाहत में #NojotoQuote
सानू
अवनि पर बन कर फुहार, अम्बर से गिरती अश्रुधार। प्राची के प्रांगण से उदय, मार्तण्ड करता है गुहार, अम्बर से गिरती अश्रुधार। सागर में सब कुछ बह गया, केवल एक घाव रह गया, मुझको भी लेने दे निहार, अम्बर से गिरती अश्रुधार। जीवन प्रसंग विशेष रहा, एक प्रेम स्वप्न अवशेष रहा, जीवन से चली गई बहार , अम्बर से गिरती अश्रुधार। अम्बर से गिरती अश्रुधार
अम्बर से गिरती अश्रुधार
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