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Best बिमार Shayari, Status, Quotes, Stories

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Diwan G

Rabindra Kumar Ram

" अच्छा खासा सा था मिजाज मेरा , जब से देखा है तुझे बिमार हो गया , ये कसुर नहीं है तेरा इसके लिए , बनाने बाले क्या गम्भीर मेंहनत की है ." --- रबिन्द्र राम #खासा #मिजाज

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" अच्छा खासा सा था मिजाज मेरा ,
जब से देखा है तुझे बिमार हो गया ,
ये कसुर नहीं है तेरा इसके लिए , 
बनाने बाले क्या गम्भीर मेंहनत की है ." 

                               --- रबिन्द्र राम " अच्छा खासा सा था मिजाज मेरा ,
जब से देखा है तुझे बिमार हो गया ,
ये कसुर नहीं है तेरा इसके लिए , 
बनाने बाले क्या गम्भीर मेंहनत की है ." 

                               --- रबिन्द्र राम 

#खासा #मिजाज

Diwan G

Rabindra Kumar Ram

" अच्छा खासा सा था मिजाज मेरा , जब से देखा है तुझे बिमार हो गया , ये कसुर नहीं है तेरा इसके लिए , बनाने बाले क्या गम्भीर मेंहनत की है ." --- रबिन्द्र राम

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" अच्छा खासा सा था मिजाज मेरा ,
जब से देखा है तुझे बिमार हो गया ,
ये कसुर नहीं है तेरा इसके लिए , 
बनाने बाले क्या गम्भीर मेंहनत की है ." 

                               --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " अच्छा खासा सा था मिजाज मेरा ,
जब से देखा है तुझे बिमार हो गया ,
ये कसुर नहीं है तेरा इसके लिए , 
बनाने बाले क्या गम्भीर मेंहनत की है ." 

                               --- रबिन्द्र राम

ASH WRITES (AMIT)

मैं दुर रहता हूँ उससे तो चैन से वो भी कहा रहती है... भुखा मैं रहता हूँ तो नींद उसे भी कहाँ आती है.. ... एक माँ ही तो है जो मेरी हर बात समझ जाती हैं.. वो गुस्से में हो तो दो चाँटे भी लगाती है.. जब प्यार आता है तो अपने हाथो से खाना भी खिलाती है. एक माँ ही तो है जो मेरी हर बात जान जाती है.. मैं स्कुल जाते वक्त रो देता था उसकी साडी पकड कर.. वो भीगी पलको से फ़िर भी स्कुल छोड आती थी..

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कुछ लिखा है माँ ओर बेटे के लिए जो बच्चे अपनी माँ से दुर रहते हैं उनके लिए तो caption पढिए ओर बताए केसी लगी 💖😊 मैं दुर रहता हूँ उससे तो चैन से वो भी कहा रहती है... 
भुखा मैं रहता हूँ तो नींद उसे भी कहाँ आती है.. ... 
एक माँ ही तो है जो मेरी हर बात समझ जाती हैं.. 
वो गुस्से में हो तो दो चाँटे भी लगाती है.. 
जब प्यार आता है तो अपने हाथो से खाना भी खिलाती है. 
एक माँ ही तो है जो मेरी हर बात जान जाती है.. 
मैं स्कुल जाते वक्त रो देता था उसकी साडी पकड कर.. 
वो भीगी पलको से फ़िर भी स्कुल छोड आती थी..

Rocky Pachar

Havaruni Dueby Meenu Rohilla Shivangi Vyas Nilambar Faguni Verma

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जहां भी जाओ इश्क के बिमार बैठे है 

कहांं से खोजू आज मेरा भाई को 
 
वो तो पहले से बिमार पडा़ है चारपाही पर

चलो अच्छा है अपना अपना आशियाना है

वर्ना हजारो की बोली लग जाती

 आज मेरे भाई पर Havaruni Dueby Meenu Rohilla Shivangi Vyas Nilambar Faguni Verma

Guglu Choudhary

Manisha roy SWASTIK SAHU Soniya Kumari Priyanka Kavita Rani

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अगर किसी kitchen में खिचड़ी पक रही हो,तो बिमार इन्सान भी ठीक हो जाता है,
ओर अगर किसी इन्सान के मन में खिचड़ी पक रही हो तो वो अच्छा खाशा इन्सान भी बिमार हो जाता है। #NojotoQuote Manisha roy SWASTIK SAHU  Soniya Kumari Priyanka Kavita Rani

शुभेन्द्र सिंह

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हाँ तेरा ही तलबगार हूँ मैं, 
जाने कितने दिनों से बिमार हूँ मैं

यकायक से याद आता है तो चौक सा जाता हूँ
बिखरी पड़ी थी जिस सहारे से तुम कभी, 
हां वही दिवार हूँ मैं


आहिस्ता क़दमों से सुनसान गली में आधी रात में चलता हुआ,
तुम समझती रही चोर
मगर
पहरेदार हूँ मैं

वो अच्छा नही किया यूँ तुने जाते जाते छेड़ना मुझे
तेज आंधी और साथ झमाझम बारिश इक चलता फिरता तूफ़ान हूँ मैं

इक और भरोसा चाहिए था अभी तुमसे, 
थोड़ी जल्दबाज़ी कर दी तुमने
खैर, अब संभल के चलना अगली दफा
जो चुभा था टुकड़ा कांच का पैरो में तुम्हारे
वो हिस्सा था मेरा, वही टुटा हुआ जार हूँ मैं


हाँ तेरा ही तलबगार हूँ मैं, 
जाने कितने दिनों से बिमार हूँ मैं
 #NojotoQuote

Sagar B Bhandare

निले गगनसे सुरज कि रोशनी जैसे छिन सी गयी है, जब से माँ बिमार रेहने लगी है ; पूनम कि रात भी अमावस बन गयी है, जब से माँ बिमार रेहने लगी है ; इस मासुम दिल कि धडकने भी अब तेज होने लगी है, जब से माँ बिमार रेहने लगी है ; इस खिलखीलते आंगण कि हंसी कही गुम हो गयी है, जब से माँ बिमार रेहने लगी है ;

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माँ

(read in caption) निले गगनसे सुरज कि रोशनी जैसे छिन सी गयी है,
जब से माँ बिमार रेहने लगी है ;
पूनम कि रात भी अमावस बन गयी है,
जब से माँ बिमार रेहने लगी है ;
इस मासुम दिल कि धडकने भी अब तेज होने लगी है,
जब से माँ बिमार रेहने लगी है ;
इस खिलखीलते आंगण कि हंसी कही गुम हो गयी है,
जब से माँ बिमार रेहने लगी है ;

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