Find the Best सैन्य Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutसैन्य विज्ञान की किताब, इजरायल की सैन्य शक्ति, सैन्य मनोविज्ञान की परिभाषा, अराति सैन्य सिंधु में, सैन्य विज्ञान का अर्थ,
एक इबादत
ऊंचे पर्वतों की चोटी से लेकर गहरे सागर की तलहटी तक पचपन ,साठ की गर्मी में जलकर माइनस में जो हांड कंप-कपवाते है, अदम्य साहस,शौर्य से हर अपने जो हर रोज अध्याय नया लिख जाते है भारती माता के वीर सपूत वो जो सरहद को अपने लहु से नहलाते है कम ना भारती माँ की मुस्कान कभी धूमिल ना हो चमकते तिरंगे की शान कभी रक्षा ,सुरक्षा और भारत स्वाभिमान खातिर जो अपनी आंखो की नींद बेच जाते बंदन करता है आज "स्वीकार" उनका प्रातः महादेव से पहले समक्ष शीश उनके झुकाता है..! -kv स्वीकार✍️ झुक जाते समक्ष जिसके आकाश सदैव पर्वत भी राह स्वयं उनके लिए बनाते है, नित कल -कल कर नदियां हिमालय की जिसके गुणगान सदैव गाते है क्या सियाचिन की वह बर्फ़ की चादरे क्या बाड़मेर ,जैसलमेर की वो भीषण तपन
झुक जाते समक्ष जिसके आकाश सदैव पर्वत भी राह स्वयं उनके लिए बनाते है, नित कल -कल कर नदियां हिमालय की जिसके गुणगान सदैव गाते है क्या सियाचिन की वह बर्फ़ की चादरे क्या बाड़मेर ,जैसलमेर की वो भीषण तपन
read moreEk villain
अग्निवीर योजना के बाद इसके सफल और त्रिभुज के रेवंत पर विशेष ध्यान देने को बहुत आवश्यकता है हाल ही में रूस यूक्रेन के बीच लंबे युद्ध ने भारत के लिए बहु आयामी चुनौतियों को समझने का अवसर दिया है हमारे दो शत्रु चीन और पाकिस्तान 1947 के बाद से कभी भी विश्वसनीय नहीं रहे और भारत की शांति की पहल और प्रयासों का उन्होंने हमारी कमजोरी के रूप में आकलन किया और अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए उपयोगी किया चीन और पाकिस्तान की सैन्य शक्ति का सामना करने के लिए थल वायु और नौसेना का समय यह बहुत आवश्यक है पाकिस्तान युद्ध में अकेला नहीं है अमेरिका पाकिस्तान दोनों पर गंभीर चुनौती है और साहित्य की ओर से रूस और फ्रांस हमारे आधुनिक वायुसेना के लड़ाकू विमान और सप्लाई चीन के पहले कभी नहीं कहीं और भारतीय से टकराते हैं उन पर अधिक विश्वास और निर्भरता उचित नहीं है नए सीडीएस निश्चित रूप से तीनों सेनाओं का आधुनिकीकरण और सशक्तिकरण के लिए समर्थक समूह के रूप में अपने कार्यकाल में बहुत सफलतापूर्वक पूर्ण करेंगे ©Ek villain #सैन्य शक्ति का हो आधुनिकीकरण #we
Rupam Rajbhar
😍झांसी वाली रानी रानी थी😍 झाँसी की रानी (Jhansi Ki Rani) - सुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan) सिंहासन हिल उठे राजवंषों ने भृकुटी तनी थी, बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सब ने मन में ठनी थी. चमक उठी सन सत्तावन में, यह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. कानपुर के नाना की मुह बोली बहन छब्बिली थी, लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वो संतान अकेली थी, नाना के सॅंग पढ़ती थी वो नाना के सॅंग खेली थी बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी, उसकी यही सहेली थी. वीर शिवाजी की गाथाएँ उसकी याद ज़बानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वो स्वयं वीरता की अवतार, देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार, नकली युध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार, सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना यह थे उसके प्रिय खिलवाड़. महाराष्ट्रा-कुल-देवी उसकी भी आराध्या भवानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में, ब्याह हुआ बन आई रानी लक्ष्मी बाई झाँसी में, राजमहल में बाजी बधाई खुशियाँ छायी झाँसी में, सुघत बुंडेलों की विरूदावली-सी वो आई झाँसी में. चित्रा ने अर्जुन को पाया, शिव से मिली भवानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. उदित हुआ सौभाग्या, मुदित महलों में उजियली च्छाई, किंतु कालगती चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई, तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई, रानी विधवा हुई है, विधि को भी नहीं दया आई. निसंतान मारे राजाजी, रानी शोक-सामानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. बुझा दीप झाँसी का तब डॅल्लूसियी मान में हरसाया, ऱाज्य हड़प करने का यह उसने अच्छा अवसर पाया, फ़ौरन फौज भेज दुर्ग पर अपना झंडा फेहराया, लावारिस का वारिस बनकर ब्रिटिश राज झाँसी आया. अश्रुपुर्णा रानी ने देखा झाँसी हुई वीरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. अनुनय विनय नहीं सुनती है, विकट शासकों की मॅयैया, व्यापारी बन दया चाहता था जब वा भारत आया, डल्हौसि ने पैर पसारे, अब तो पलट गयी काया राजाओं नव्वाबों को भी उसने पैरों ठुकराया. रानी दासी बनी, बनी यह दासी अब महारानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. छीनी राजधानी दिल्ली की, लखनऊ छीना बातों-बात, क़ैद पेशवा था बिठुर में, हुआ नागपुर का भी घाट, ऊदैपुर, तंजोर, सतारा, कर्नाटक की कौन बिसात? जबकि सिंध, पंजाब ब्रह्म पर अभी हुआ था वज्र-निपात. बंगाले, मद्रास आदि की भी तो वही कहानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. रानी रोई रनवासों में, बेगम गुम सी थी बेज़ार, उनके गहने कपड़े बिकते थे कलकत्ते के बाज़ार, सरे आम नीलाम छपते थे अँग्रेज़ों के अख़बार, "नागपुर के ज़ेवर ले लो, लखनऊ के लो नौलख हार". यों पर्दे की इज़्ज़त परदेसी के हाथ बीकानी थी बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. कुटियों में भी विषम वेदना, महलों में आहत अपमान, वीर सैनिकों के मान में था अपने पुरखों का अभिमान, नाना धूंधूपंत पेशवा जूटा रहा था सब सामान, बहिन छबीली ने रण-चंडी का कर दिया प्रकट आहवान. हुआ यज्ञा प्रारंभ उन्हे तो सोई ज्योति जगानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. महलों ने दी आग, झोंपड़ी ने ज्वाला सुलगाई थी, यह स्वतंत्रता की चिंगारी अंतरतम से आई थी, झाँसी चेती, दिल्ली चेती, लखनऊ लपटें छाई थी, मेरठ, कानपुर, पटना ने भारी धूम मचाई थी, जबलपुर, कोल्हापुर, में भी कुछ हलचल उकसानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. इस स्वतंत्रता महायज्ञ में काई वीरवर आए काम, नाना धूंधूपंत, तांतिया, चतुर अज़ीमुल्ला सरनाम, अहमदशाह मौलवी, ठाकुर कुंवर सिंह, सैनिक अभिराम, भारत के इतिहास गगन में अमर रहेंगे जिनके नाम. लेकिन आज जुर्म कहलाती उनकी जो क़ुर्बानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. इनकी गाथा छोड़, चले हम झाँसी के मैदानों में, जहाँ खड़ी है लक्ष्मीबाई मर्द बनी मर्दनों में, लेफ्टिनेंट वॉकर आ पहुँचा, आगे बड़ा जवानों में, रानी ने तलवार खींच ली, हुआ द्वंद्ध आसमानों में. ज़ख़्मी होकर वॉकर भागा, उसे अजब हैरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. रानी बढ़ी कालपी आई, कर सौ मील निरंतर पार, घोड़ा थक कर गिरा भूमि पर, गया स्वर्ग तत्काल सिधार, यमुना तट पर अँग्रेज़ों ने फिर खाई रानी से हार, विजयी रानी आगे चल दी, किया ग्वालियर पर अधिकार. अँग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. विजय मिली, पर अँग्रेज़ों की फिर सेना घिर आई थी, अबके जनरल स्मिथ सम्मुख था, उसने मुंहकी खाई थी, काना और मंदरा सखियाँ रानी के संग आई थी, यूद्ध क्षेत्र में ऊन दोनो ने भारी मार मचाई थी. पर पीछे ह्यूरोज़ आ गया, हाय! घिरी अब रानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार, किंतु सामने नाला आया, था वो संकट विषम अपार, घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये अवार, रानी एक, शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार-पर-वार. घायल होकर गिरी सिंहनी, उसे वीर गति पानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. रानी गयी सिधार चिता अब उसकी दिव्य सवारी थी, मिला तेज से तेज, तेज की वो सच्ची अधिकारी थी, अभी उम्र कुल तेईस की थी, मनुज नहीं अवतारी थी, हमको जीवित करने आई बन स्वतंत्रता-नारी थी, दिखा गयी पथ, सीखा गयी हमको जो सीख सिखानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी, यह तेरा बलिदान जागावेगा स्वतंत्रता अविनासी, होवे चुप इतिहास, लगे सच्चाई को चाहे फाँसी, हो मदमाती विजय, मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी. तेरा स्मारक तू ही होगी, तू खुद अमिट निशानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी. झांसी वाली रानी रानी थी😍 #poatry #story#nojotohindi
झांसी वाली रानी रानी थी😍 #poatry #story#nojotohindi
read moreKunwar Nadaan
आँखों देखी (भारत पाक युद्ध 1971 ) ( एहसास उनके अल्फ़ाज मेरे- अविस्मरणीय संस्मरण) (पूरा संस्मरण केप्शन में पढ़ें) हमे आपके शौर्य और जज्बे पर गर्व है "बड़े पापा" लव यू........ जय हिंद। ©कुँवर की कलम से.....✍ ✒उपरोक्त संस्मरण मेरे बड़े पापा के बताये गई घटना का वास्तविक अंश है। #NojotoQuote संस्मरण-भारत पाक युद्ध 1971 आँखों देखी (भारत पाक युद्ध 1971 ) ( एहसास उनके अल्फ़ाज मेरे- अविस्मरणीय संस्मरण) तारीख 21 अक्टूबर 1971 समय- शाम 7:30 बजे स्थान- बेस कैंप - 19 राजपूताना राइफल्स, नागालैंड अचानक इमरजेंसी विसल्ल बजी और हमें ग्राउंड पर इकट्ठा होने के निर्देश मिले। हम सब ग्राउंड पर इकट्ठा हो गये। यँहा हमारे कमांडिंग ऑफिसर ने हमारी बटालियन को धर्मानगर (अगरतला) जाने के निर्देश दिए। हमारी कानवाई तुरंत धर्मानगर के लिए निकल चुकी थी।लगभग डेढ़ महीने तक हम यहीं पर रहे। खुफिया विभाग से सूचना थी क
संस्मरण-भारत पाक युद्ध 1971 आँखों देखी (भारत पाक युद्ध 1971 ) ( एहसास उनके अल्फ़ाज मेरे- अविस्मरणीय संस्मरण) तारीख 21 अक्टूबर 1971 समय- शाम 7:30 बजे स्थान- बेस कैंप - 19 राजपूताना राइफल्स, नागालैंड अचानक इमरजेंसी विसल्ल बजी और हमें ग्राउंड पर इकट्ठा होने के निर्देश मिले। हम सब ग्राउंड पर इकट्ठा हो गये। यँहा हमारे कमांडिंग ऑफिसर ने हमारी बटालियन को धर्मानगर (अगरतला) जाने के निर्देश दिए। हमारी कानवाई तुरंत धर्मानगर के लिए निकल चुकी थी।लगभग डेढ़ महीने तक हम यहीं पर रहे। खुफिया विभाग से सूचना थी क
read moreJangid Damodar
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन् सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।। कानपूर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी, लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी, नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी, बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी। वीर शिवाजी की गाथायें उसको याद ज़बानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।। #NojotoQuote झांसी की रानी -सुभद्रा कुमारी चौहान सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन् सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
झांसी की रानी -सुभद्रा कुमारी चौहान सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन् सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
read moreSharvari Pawar
जे दुसऱ्यांसाठी आयुष्य पणाला लावतात त्यांना भारतीय सैन्य म्हणतात जे स्वताचं प्रेम सोडून देतात त्यांना भारतीय सैन्य म्हणतात जे अतिशय जीवलग मित्र सोडून देतात त्यांना भारतीय सैन्य म्हणतात जे आई सोडून येतात त्यांना भारतीय सैन्य म्हणतात ज्यांच्यामुळे आपण सुखात आहोत त्यांना भारतीय सैन्य म्हणतात👨🏻✈♥🙏🏻
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited