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Best औरतें Shayari, Status, Quotes, Stories

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Ghumnam Gautam

ज़िन्दगी! तेरी आमद से डरता हूँ मैं
मुझपे आती है  तू हादसों की तरह

लोग ,ढूँढो अगर तो, मिलेंगे बहुत
टूटे हैं जो  कभी गुम्बदों  की तरह

आदमी आदमी-सा जब रहता नहीं
औरतें क्यों रहें औरतों की तरह

©Ghumnam Gautam #GuzartiZindagi #ghumnamgautam #हादसे 
#आदमी ,#औरतें

Nilam Agarwalla

Nishtha Rishi

"Women🌻 not Women☕" #yqdidi #yqbaba #yqhindi #Women #औरतें #कविता #किताब #nishtharishi PIC: Pinterest Best YQ Hindi Quotes

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एक बड़ी आश्चर्य सी बात पता चली
कवियों ने औरतों को समाज से बचा कर 
किताबों में छिपा रखा था
औरतो को घर की जगह, 
कविताओं में बसा रखा था
समाज को हथियार की जगह 
शब्दों से भेद रखा था। "Women🌻 not Women☕"
#yqdidi #yqbaba #yqhindi #women #औरतें #कविता #किताब 
#nishtharishi 

PIC: Pinterest

Best YQ Hindi Quotes

Vidhi


चल राख, तू उड़ और डाह कर जलती हुई लकड़ियों से। लकड़ियां डाह करें सूखी टहनियों से। टहनियों को हरी भरी लकड़ियों से ईर्ष्या है और पेड़ को लगता है कि वो सबसे कोने कितना अकेला है। इस आग में कितना सौंदर्य बसा है! उसकी लपटें थिरकती हुई जान पड़ती हैं! जल तू भी जल! जल न पाने का दुःख लेकर जल! जल बस जल! #स्त्रीवाद #औरतें #जलन #पितृसत्ता #आग
#सौंदर्य #राख

Vidhi

#भारत #औरतें #समाज #yqbaba #yqdidi "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः"

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महिलाओं से जुड़ी बस इतनी ही खबरें 
हैं:

-दीपिका के कपड़ों के दाम सुन कर आप दंग रह जाएंगे VS डेढ़ साल की बच्ची का बलात्कार एक आदमी ने अपने बच्चों के सामने किया।

-महिला वैज्ञानिकों और खिलाड़ियों का कमाल VS सौ साल की वृद्धा के साथ बलात्कार।

-औरतों ने सामूहिक रूप से करवाचौथ/छठ का पर्व मनाया VS पति ने अपनी बीवी का चेहरा तेजाब से जलाया। #भारत #औरतें #समाज #YQbaba #YQdidi

"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः"

Vidhi

कैसे खिलते हैं लहलहाते फूल उदासियों के मौसम में,
ये पूछो तो सही
शायद एक जवाब तुम्हारे घर के भीतर से भी आये,
फिलिस्तीनी हवा क्या पता तुम्हारे घर की खिड़कियों के आर पार भी जाती हो.... #जिंदगी #रिफ्यूजी #औरतें #बच्चे #फिलिस्तीन #हवा #उदासियाँ #फूल #Patriarchy #Ignorance #YQbaba #YQdidi

sunita acharya

चुप रहतीं है तो अच्छी लगती है ,बोलती औरतें किसी को पसंद नहीं आती,

सहारा ढूंढती हुई लंगड़ाती हैं वो ठीक है, कंधे से कंधा मिला कर भागती औरतें किसी को पसंद नहीं आती,

मुस्कुराहटों पर उसकी सब रीझ जाते हैं ,लेकिन खिलखिलाती हुई औरतें किसी को पसंद नहीं आती ,
 
अपनी मर्जियां सब थोप देते हैं,
अपनी मन की बताती हुई औरतें किसी को पसंद नहीं आती ।

सबका ख्याल रखना उसका फर्ज है ,
खुद तरफ ध्यान देने वाली औरतें किसी को पसंद नहीं आतीं।

और नियमों का नाम लेकर सीमाएं बांध दी जाती हैं,
दायरों को तोड़ उड़ान भरती औरतें किसी को पसंद नहीं आती ।

©sunita acharya #औरतें #Pain #Life #Quote 
#delusion

Hemant Rai

#Woman #औरतें nojoto2022 #Quotes #womensday follow for more at instagram @nazariyaaa_

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अगर यह समाज औरतों को प्रताड़ित 
और उकसाने के लिए न करें विवश।
तो यक़ीन मानिए,
नहीं है उन्हें आवश्यकता कोई
और ना ही कोई गरज
पाने की कोई औपचारिक तिथि 
या कोई महिला दिवस!

©Hemant Rai #Woman #औरतें #Nojoto #nojoto2022 #Quotes 

#womensday 

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Ajamil vyas

#औरतें जहां भी हैं/ अजामिल

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J S T C

वो कैसी औरतें थी,,,, follow me..... Affan Waheed zindgibindaas LoVe YoU # Ayaan dehlvi ( A D ) mudassir__ Yusuf

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#वो #कैसी #औरतें #थीं...

जो गीली लकड़ियों को फूंक कर चूल्हा जलाती थीं
जो सिल पर सुर्ख़ मिर्चें पीस कर सालन पकाती थीं,

सुबह से शाम तक मसरूफ़, लेकिन मुस्कुराती थीं
भरी दोपहर में सर अपना ढक कर मिलने आती थीं,

जो दरवाज़े पे रुक कर देर तक रस्में निभाती थीं
पलंगों पर नफासत से दरी चादर बिछाती थीं,

बसद इसरार मेहमानों को सिरहाने बिठाती थीं 
अगर गर्मी ज़्यादा हो तो रुहआफ्ज़ा  पिलाती थीं,

जो अपनी बेटियों को स्वेटर बुनना सिखाती थीं 
जो "क़लमे" काढ़ कर लकड़ी के फ्रेमों में सजाती थीं,

दुआयें फूंक कर बच्चो को बिस्तर पर सुलाती थीं
अपनी जा-नमाज़ें मोड़ कर तकिया लगाती थीं,

कोई साईल जो दस्तक दे, उसे खाना खिलाती थीं
पड़ोसन मांग ले कुछ तो बा-ख़ुशी देती दिलाती थीं,

जो रिश्तों को बरतने के कई गुर सिखाती थीं
मुहल्ले में कोई मर जाए तो आँसू बहाती थीं, 

कोई बीमार पड़ जाए तो उसके पास जाती थीं 
कोई त्योहार पड़ जाए तो खूब मिलजुल कर मनाती थीं,

वह क्या दिन थे किसी भी दोस्त के हम घर जो जाते थे
तो उसकी माँ उसे जो देतीं वह हमको खिलाती थीं,

मुहल्ले में किसी के घर अगर शादी की महफ़िल हो
तो उसके घर के मेहमानों को अपने घर सुलाती थीं, 

मैं जब गांव अपने जाता हूँ तो फुर्सत के ज़मानों में 
उन्हें ही ढूंढता फिरता हूं, गलियों और मकानों में,

मगर अपना ज़माना साथ लेकर खो गईं हैं वो 
किसी एक क़ब्र में सारी की सारी सो गईं हैं वो..

©J S T C वो कैसी औरतें थी,,,, 
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