Find the Best लक्षण Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutटीवी के लक्षण क्या है, सत्वगुण का लक्षण क्या है, व्याप्ति का लक्षण है, दिल की कमजोरी के लक्षण, सिगरेट से होने वाले कैंसर के लक्षण,
Kuldeep Shrivastava
#ज्ञान का सही #आंकलन करके अपने #जीवन में #उतारना ही ज्ञानी #मनुष्य के #लक्षण होते हैं🍂🍂 #गुण होते हुए भी #दूसरों की उपेक्षा, #तिरस्कार, ईर्ष्या, द्वेष सब मूर्खों के #आभूषण हैं 🍃🍃 ©Kuldeep Shrivastava #TiTLi शुभ संध्या
#TiTLi शुभ संध्या
read moreअशोक द्विवेदी "दिव्य"
स्वीकार्यता का गुण, आनंद के प्रथम लक्षण हैं। ©अशोक द्विवेदी "दिव्य" #आनंद #गुण #लक्षण #जीवन #स्वीकार्यता
#आनंद #गुण #लक्षण #जीवन #स्वीकार्यता
read moreCalmKrishna
.................... ©CalmKrishna धैर्य। #प्रतिक्रिया #समझ #दुर्बल #मनुष्य #लक्षण
धैर्य। #प्रतिक्रिया #समझ #दुर्बल #मनुष्य #लक्षण
read moreShahab
जिस इंसान के अंदर कोरोना के लक्षण है उनसे 2 गज दूर रहें , और जिसके अंदर जाति और धर्म के नाम पर ज़हर फैलाने के लक्षण है उनसे ज़िन्दगी भर दूर रहें ... ©Shahab #लक्षण
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 4 – कर्म 'कुछ कर्मों के करने से पुण्य होता है, और कुछ के न करने से। कुछ कर्मों के करने से पाप होता है और कुछ के न करने से।' धर्मराज अपने अनुचरों को समझा रहे थे। 'कर्म संस्कार का रूप धारण करके फलोत्पादन करते हैं। संस्कार होता है आसक्ति से और आसक्ति क्रिया एवं क्रियात्याग, दोनों में होती है। यदि आसक्ति न हो तो संस्कार न बनेंगे। अनासक्त भाव से किया हुआ कर्म या कर्मत्याग, न पुण्य का कारण होता है और न पाप का।' बड़ी विकट समस्या थी। कर्म के निर्ण
read moreअद्वैतवेदान्तसमीक्षा
दृष्टांत सहित शास्त्रों के संकेत 1. पुण्य का अवसर खो देना ही पाप है भारतीय षड्दर्शनों के पूर्वमीमांसा दर्शन के अनुसार भी संध्या, नित्यअग्निहोत्र आदि नित्य कर्मों का पूण्य नहीं लगता परंतु संध्याकाल में संध्या आदि नहीं करने (ईश्वर का चिंतन छोड़कर प्रपंच का चिंतन करने)से पाप जरूर लगता है। यहूदी धर्म में तालमुद ग्रंथ अनुसार भी ईश्वर नहीं पूछेगा की पाप क्या क्या किया है अपितु पता करेगा कि पूण्य क्या क्या नहीं किया अर्थात पूण्य के कितने अवसर गवां दिए उनका ही दंड देगा। 2.स्वस्थता का लक्षण ("मैं शरीर हुँ "इस भ्रम की निवृत्ति ) आयुर्वेद के अनुसार भी तनाव रहित शरीर इतना हल्का होता है कि शरीर का पता ही नही चलता ,को ही स्वास्थ्य माना गया है क्योंकि पैर में काटा चुभने पर पैर का एवं शिरदर्द होने पर शिर का पता चलता है। एवं दार्शनिकों के अनुसार तो व्यक्ति को मोक्ष जो व्यक्ति की वास्तविक अवस्था मानी गई है उसमें शरीर के साथ तादात्म्य किसी के भी द्वारा माना ही नही गया है। और तो और चार्वाक् दर्शन में भी शरीर छूटने को ही मोक्ष मानने से उपरोक्त लक्षण उनके सिद्धान्त में भी घटता है । पाप एवं पूण्य की शास्त्रीय परिभाषा
पाप एवं पूण्य की शास्त्रीय परिभाषा
read moreSachin Dwivedi
लोभी और कपटियों का का एकमात्र काम है, काम धाम कुछ नहीं काम बस आराम है, बात करें मीठी-मीठी चाल सीधी साधी सी, जेब में कटार है और मुख पे राम राम है, ✍सचिन #लक्षण
BinTu Galiyon
कबीर परमेश्वर जी ने सच्चे गुरू के चार लक्षण बताए हैं:- 🎈सब वेद तथा शास्त्रों को वह ठीक से जानता है। 🎈उसकी कथनी और करनी में कोई अन्तर नहीं होता। 🎈भेदभाव नहीं रखता। 🎈वह सर्व भक्ति कर्म वेदों के अनुसार करता और कराता है। ये सभी लक्षण संत रामपाल जी महाराज जी में है
AK Singh
शोध जब बहे आग की नदी कहीं हो तेरा केंद्र शांत चित्त लक्षण ये महानता का इसपर गौर कर, ठहर और शोध कर जहाँ हो न एक बून्द कही बने गर तू इंद्र वही तेज जैसे सूर्य का भीतर गैर को लगे ठंडक वही लक्षण ये महानता का इसपर गौर कर, ठहर और शोध कर कोशिशे की कितनो ने पर मंजिल समीप नही हो तेरा ध्यान सफर पर लक्षण ये महानता का इसपर गौर कर, ठहर और शोध कर शोध #शोध
शोध #शोध
read moreshuny manthan
मधुरता और बेहद की वैराग्य वृति को धारण करना है। यह है मधुवन का मुख्य लक्षण ,उसको ही मधुवन वासी कहा जाता है। बाहर रहते भी यह लक्षण है। तो गोया मधुवन निवासी है। #Dream