Find the Best वृद्धाश्रम Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutवृद्धाश्रम क्या है, वृद्धाश्रम की जानकारी, वृद्धाश्रम की आवश्यकता, वृद्धाश्रम की उपयोगिता, वृद्धाश्रम के फायदे,
puja udeshi
White कर्मो का फल...... बुरा लगता है देख कर बूढो क़ो वृद्धआश्रम मे, कभी ये भी थे जवान जब मुक्ररे थे अपनी ही जिम्मेदारियो से, करनी का फल मिलता है कभी खट्टा तो कभी मीठा, पाप का घड़ा भरता है धीरे धीरे पता नहीं चलता कई जन्म बीत जाते है और पृथ्वी पर आना जाना लगा रहता है याद नहीं रहता पर ऐहसास तो है कि क्या अच्छा क्या बुरा, लालच बोध कई पाप हो जाते है मनुष्य माफ़ी भी मांगता है भगवान से ये माफ़ी कब मिलती है ये उसे हर जन्म ऐहसास रहता है और रोता है दुख मे जब भी पड़ता है आंसू से दामन भिगोता है बच्चों से ताने, सुनता है अब बूढ़ा शरीर लाचार हो चुका,कर्म का फल मिल गया क्या अच्छा कि बुरा,,, सोच लो 👆🏻👆🏻👆🏻 ©PФФJД ЦDΞSHI #love_shayari #कर्म #भाग्य #वृद्धाश्रम #वृद्ध #pujaudeshi
#love_shayari #कर्म #भाग्य #वृद्धाश्रम #वृद्ध #pujaudeshi
read moreRakesh Kumar Sah
Gautam_Anand
इस संसार में जीने का भी अद्भुत यह नियम है उम्र के साथ ही बढ़ता जाता सबका जीवन क्रम है जिनकी गोद में पलना सीखा थाम के ऊँगली चलना उनकी नियति अंत समय में जाना वृद्धाश्रम है सबकी गति है इक जैसी ही कोई नहीं अलग है जो समझें अटल है यौवन यह उनका भ्रम है #वृद्धाश्रम #yqbaba #yqdidi
Insprational Qoute
निज तन मन की अभिलाषा,मुख से निकले मात्र मातृभाषा, सुखानुभूति ,आत्मानुभूति, सबसे सर्वश्रेष्ठ है हिंदी राष्ट्रभाषा, बंधुत्व, बंधुता भाईचारे का करे प्रसार इसकी यहीं है प्रशंसा, हृदय की शाश्वत अभिव्यक्ति है,हिंदी ही मेरी गहन भक्ति है, सरल सहज सुगमता से ध्वनित हो इसमे होती रसानुभूति है, यह साम, दाम, दंड, भेद को दे मात असि मम परमशक्ति है, छन्दों, दोहा,रस की अनन्य सु विधा हिंदी की आन बान शान है, हृदयउद्वेलित सार संक्षिप्त प्रकट करे हिंदी ही मेरी पहचान है, सुसृजन,सुवर्णमाला,रचनात्मक अक्षरानोक्ति असि अभिमान है, अपभ्रंश के उर से उर्जित हिंदी से है हम,यही मेरा गौरवगान है। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०७ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।
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नित्य नियमित सदावर्त कर वो पिता भरणपोषण करता था, दुःख,आँसू को पी वह जीवनकालचक्र में स्वतः ही फंसता था, संतान के सुख हेतु वह दिनरात परिश्रम के पथ पर चलता था, वर्तमान सुख को त्यागा था फिर वो पिता दर दर भटकता था जर्जर,क्षीण होती पिता की देह अब न कुछ सह पाती थी, पुत्र के कार्य मे बाधा न आ जाये जिव्हा चुप हो जाती थी, पुत्र को नित रास न आया पिता का झुर्रियों भरा वो चेहरा, तोड़ संस्कारो की बेजोड़ जंजीर पिता को वृदाश्रम धकेला, उस आयु में सहारे की जरूरत थी पिता रह गया अकेला, समयकालचक्र घुमा पुत्र को याद आया बीता समय अलबेला। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०६ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।
📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०६ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।
read moreSunil itawadiya
सोशल मीडिया पर चारों ओर जय माता दी छाई हुई है फिर यह वृद्ध आश्रम में किसकी मां आई हुई है प्यारी मां पर बातें जिसने हजार लिखि है मां उसकी भी वृद्ध आश्रम में बीमार पड़ी है अगर हम सब लोग अपनी मां से प्यार करते हैं तो यह बृद्धाश्रम क्यों खोल रहे हैं OPEN FOR COLLAB✨ ATmothersdaypic • A Challenge by Aesthetic Thoughts! 🌹 🌼 Check out our pinned post! 😁💛 Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: estheticthoughts
अगर हम सब लोग अपनी मां से प्यार करते हैं तो यह बृद्धाश्रम क्यों खोल रहे हैं OPEN FOR COLLAB✨ ATmothersdaypic • A Challenge by Aesthetic Thoughts! 🌹 🌼 Check out our pinned post! 😁💛 Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: estheticthoughts
read moreNeha Pathak
हमारी मातृभाषा हिंदी ही हमारी पहचान है, हर धर्म की ये जान हैं, अपनी बात रखने और दूसरों की समझने का अटूट विश्वास है, मातृभाषा हिंदी से ही भारत की गरिमा भारत की पहचान है, जो मन का सुने मन की कहे ये इकलौती अहम किरदार है, जो छिड़ जाए युद्ध, यह मिटाता झगड़े को कराता सही गलत की पहचान है... हमारी मातृभाषा भारत माँ की तिरंगे की रखता लाज है.. हमारी संस्कृति हमारी उन्नती का ये महत्वपूर्ण भूमिका, हमारी अभिलाषा है... हिंदी मात्र एक भाषा नहीं मन से मकान तक का रास्ता, यहि हमारी खूबसूरत बोलचाल की सुंदर ज़रिया सुंदर आत्मज्ञान है!! 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०७ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।
📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫प्रतिस्पर्धा में भाग लें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०७ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ से १० पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।
read moreDivyanshu Pathak
अपि स्वर्णमयी लंकानमे लक्ष्मण रोचते ! जननी जन्म भूमस्य स्वर्गादपि गरीयसी !! श्रीराम के द्वारा जब रावण को मार दिया गया तो विभीषण ने आग्रह किया कि प्रभु आप ही लंका का राज्य सम्हालिये । राम बोले विभीषण जी अभी मुझे पितृ ऋण चुकाने हेतु अयोध्या जाना होगा कर पाएं तो आप लक्ष्मण से पूछिए । तब विभीषण जी ने लक्ष्मण से पूछा तो उन्होंने जबाब दिया कि------ 💠"आपकी लंका भले ही सौने की है किन्तु सास्त्र कहते हैं कि जन्म देने वाली माता और प्रथम धारण करने वाली भूमि तो स्वर्ग से भी बढ़कर होती है" ।💠 इसलिए मैं भी यह लंका स्वीकार नहीं कर सकता आप की माता और जन्मभूमि यही है इसलिए आप ही यहां पर
श्रीराम के द्वारा जब रावण को मार दिया गया तो विभीषण ने आग्रह किया कि प्रभु आप ही लंका का राज्य सम्हालिये । राम बोले विभीषण जी अभी मुझे पितृ ऋण चुकाने हेतु अयोध्या जाना होगा कर पाएं तो आप लक्ष्मण से पूछिए । तब विभीषण जी ने लक्ष्मण से पूछा तो उन्होंने जबाब दिया कि------ 💠"आपकी लंका भले ही सौने की है किन्तु सास्त्र कहते हैं कि जन्म देने वाली माता और प्रथम धारण करने वाली भूमि तो स्वर्ग से भी बढ़कर होती है" ।💠 इसलिए मैं भी यह लंका स्वीकार नहीं कर सकता आप की माता और जन्मभूमि यही है इसलिए आप ही यहां पर
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