Find the Best विश्वनाथ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutकाशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास, भगवान काशी विश्वनाथ, घनानंद कवित्त विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, काशी विश्वनाथ मंदिर मस्जिद विवाद, काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी,
Amit Kumar
Baat baat pe badal jati ho.... ये प्यार का महिना और Assi की सर्द शाम ये प्यार का महिना और Assi की सर्द शाम ये बनारस की मौसम और वो तेरी अलफ़ाज़........... तुम जैसी हैं बात बात पर बदल जाती हैं... बात बात पर बदल जाती हैं........।। वो काशी विश्वनाथ की इतिहास वो काशी विश्वनाथ की इतिहास और तेरी सुंदरता की राज.......... तुम जैसी है बारीकी से समझो तो सुलझे, बारीकी से समझो तो सुलझे वरना, बात बात पे उलझाती रहती हो बात बात पे उलझाती रहती हो..........।। वो देव दीवाली की अनुपम रात , पूरनमा की चाँद और तेरी फूल सी मासूम चहरे वो देव दीवाली की अनुपम रात , पूरनमा की चाँद और तेरी फूल सी मासूम चहरे......... तुम जैसी आकर्षक हैं बात बात पर मुसकुराती है बात बात पर मुसकुराती है............।। घाट दशाश्वमेध की लहरें , वो हवाअों का झोके घाट दशाश्वमेध की लहरें , वो हवाअों का झोके और तेरी झुल्फे सवारने का अंदाज......... तुम जैसी हैं बात बात पर बदल जाती हैं बात बात पर बदल जाती हैं...........।। #...... ✍@mit.... #baat baat pe badal jati ho...
#Baat baat pe badal jati ho...
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 ||श्री हरिः|| 6 - भगवत्प्राप्ति 'मनुष्य जीवन मिला ही भगवान को पाने के लिए है। संसार भोग तो दूसरी योनियों में भी मिल सकते हैं। मनुष्य में भोगों को भोगने की उतनी शक्ति नहीं, जितनी दूसरे प्राणियों में है।' वक्ता की वाणी में शक्ति थी। उनकी बातें शास्त्रसंगत थी, तर्कसम्मत थी और सबसे बड़ी बात यह थी कि उनका व्यक्तित्व ऐसा था जो उनके प्रत्येक शब्द को सजीव बनाये दे रहा था। 'भगवान को पाना है - इसी जीवन में पाना है।भगवत्प्राप्ति हो गई तो जीवन सफल हुआ और न हुई तो मह
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 1 - बद्ध कौन? 'बद्धो हि को यो विषयानुरागी' अकेला साधु, शरीरपर केवल कौपीन और हाथमें एक तूंबीका जलपात्र। गौर वर्ण, उन्नत भाल, अवस्था तरुणाई को पार करके वार्धक्यकी देहली पर खडी। जटा बढायी नहीं गयी, बनायी नहीं गयी; किन्तु बन गयी है। कुछ श्वेत-कृष्ण-कपिश वर्ण मिले-जुले केश उलझ गये हैं परस्पर।
read moreVikas Rawal
प्यार तो ऐसा ही होता है💛 जिंदगी अनिश्चित है,इसमें कभी भी कुछ भी हो सकता है,मगर प्यार...वो तो इस जिंदगी से भी दो कदम आगे है। ये कब होता है,किससे होता है और क्यों होता है,आज तक समझ में नहीं आया है। जिंदगी और प्यार इन दोनों को ही समझने की पहली कोशिश मैंने बनारस में की है। इस शहर में जन्म-मृत्यु उतनी ही सहज है,जितना कि सुबह में जगना और रात को सो जाना सहज है। यह शहर हर चीज से मुक्त करता है,लेकिन खुद एक बन्धन हो जाता है। एक ऐसा बंधन जिससे मुक्ति संभव नही है। यह बंधन बनारस की हवाओं में बहते संगीत का ह
प्यार तो ऐसा ही होता है💛 जिंदगी अनिश्चित है,इसमें कभी भी कुछ भी हो सकता है,मगर प्यार...वो तो इस जिंदगी से भी दो कदम आगे है। ये कब होता है,किससे होता है और क्यों होता है,आज तक समझ में नहीं आया है। जिंदगी और प्यार इन दोनों को ही समझने की पहली कोशिश मैंने बनारस में की है। इस शहर में जन्म-मृत्यु उतनी ही सहज है,जितना कि सुबह में जगना और रात को सो जाना सहज है। यह शहर हर चीज से मुक्त करता है,लेकिन खुद एक बन्धन हो जाता है। एक ऐसा बंधन जिससे मुक्ति संभव नही है। यह बंधन बनारस की हवाओं में बहते संगीत का ह
read moreAnil Siwach
||श्री हरिः|| 6 - भगवत्प्राप्ति 'मनुष्य जीवन मिला ही भगवान को पाने के लिए है। संसार भोग तो दूसरी योनियों में भी मिल सकते हैं। मनुष्य में भोगों को भोगने की उतनी शक्ति नहीं, जितनी दूसरे प्राणियों में है।' वक्ता की वाणी में शक्ति थी। उनकी बातें शास्त्रसंगत थी, तर्कसम्मत थी और सबसे बड़ी बात यह थी कि उनका व्यक्तित्व ऐसा था जो उनके प्रत्येक शब्द को सजीव बनाये दे रहा था। 'भगवान को पाना है - इसी जीवन में पाना है।भगवत्प्राप्ति हो गई तो जीवन सफल हुआ और न हुई तो महान हानि हुई।' प्रवचन समाप्त हुआ। लोगों
read moreAnil Siwach
1 - बद्ध कौन? 'बद्धो हि को यो विषयानुरागी' अकेला साधु, शरीरपर केवल कौपीन और हाथमें एक तूंबीका जलपात्र। गौर वर्ण, उन्नत भाल, अवस्था तरुणाई को पार करके वार्धक्यकी देहली पर खडी। जटा बढायी नहीं गयी, बनायी नहीं गयी; किन्तु बन गयी है। कुछ श्वेत-कृष्ण-कपिश वर्ण मिले-जुले केश उलझ गये हैं परस्पर। धूलिसे भरे चरण, कहीं दूरसे चलते आनेकी श्रान्ति। मुखकी घनी दाढ़ी पर भी कुछ धूलि के कण हैं। ललाटपर बडी-बडी श्वेदकी बूंदे झलमला आयी हैं। मध्याह्न होने को आया, साधुको अब विश्राम करना चाहिये।
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited