Find the Best मेल Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutlove मेल id सॉन्ग, मुश्किल है अपना मेल प्रिये कविता, ई-मेल क्या गुजरती है, ई-मेल है क्या, मुश्किल है अपना मेल प्रिये,
Raja Kiran
Woह Diन Bही Kyया Diन थेThee बीत जाते हैं वे लम्हें जिसमें अपनों के दिन थे। सच में.. याद आते हैं वे लम्हें जिसमें अपनें बचपन के दिन थे। वो दिन भी क्या दिन थे जब हम मोबाइल के बिन थे। •.• वो गलियों का खेल वो रास्तों का मेल जिसके हम भी कभी शौकीन थे। ... नाजुक कंधों पर हम भी लादते थे कभी बस्ते खुश हो जाते थे देख खिलौने सस्ते-मस्ते उस समय हम भी अपनी खुशियों में ही लीन थे। •.• वो दिन भी क्या दिन थे♪ जब हम मोबाइल के बिन थे..✍🏻राजा किरण🗣️ ©Raja Kiran Woह Diन Bही Kyया Diन थेThee जब हम मोबाइल के बिन थे..✍️राजा किरण🗣️ #मेरी_कलम_से #दिन#जीवन#बस्ते#बचपन#खेल#मेल#लम्हें#रास्ते#मोबाइल
Ankit
हम हुस्न के कद्रदान है ; आवारा आशिक़ नहीं ! तू खोजता रह जाएगा: तेरा मेरा कोई मेल नहीं । हम खुद पे नाज़ रखते है, निराशा से कोई मेल नहीं । तू क्या जीतेगी हमसे यहां: मेरा अलगाव से लेन नहीं । #मेल #लेन #yqdidi #yqbaba
दीक्षा
अच्छा हुआ जो ये मेल हमारा चला नहीं तुम्हारे ख्यालों में होते तो इतनी उम्मीदें कैसे बाँटते हम #मेल #तुम #उम्मीद #ख्याल #हिंदी #hindi #yqbaba #diaryofdiksha
Ritik sheoran
मैं कहां काबिल हूं तुम्हारे तुम बेवफा मैं सच्चा आशिक कहां हमारा मेल है यह मजाक थोड़ी ना चल रहा है तुम्हारी नजर में तो हर कोई खेल है #खेल #मेल #मजाक #काबिल #तुमहारी #ishq #pyar #today
रिपुदमन झा 'पिनाकी'
मुझको मुझसे ही मिला दे मेरे मालिक अब तो, एक मुद्दत से मैं ख़ुद से नहीं मिल पाया हूं। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #मेल
Listener's Hut
कि किसी अपने ने कहा था😊, मेल खुशी और आंसुओं का बड़ा ही सम्मोहनम 🙂है। ये बात सीधे दिल ❤️पर इस कदर लगी कि अब नकली हंसी में , आंसुओं की झलक 🥲दिख ही जाती है। और लोग कहते है इसे , ये तो खुशी के आंसू है...😏😏 ©Listener's hut #सम्मोहनम #खुशी #आंसू #मेल #दिल #paper
Hiren. B. Brahmbhatt
खेल सकते हो तो जरूर खेलों, इस माटी के संसार से, मेल सबसे करना तो पड़ेगा ही कयोंकि, सब ब़ाजी तो रब के हाथ में है... #खेल #संसार #मेल #रब #alone
वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। यदर्चिमद्यदणुभ्योऽणु च यस्मिंल्लोका निहिता लोकिनश्च। तदेतदक्षरं ब्रह्म स प्राणस्तदु वाङ् मनः तदेतत् सत्यं तदमृतं तद् वेद्धव्यं सोम्य विद्धि ॥ यह जो 'ज्योतिर्मान्' है, जो अणुओं से भी सूक्ष्मतर है, जिसके अन्दर समस्त लोक-लोकान्तर एवं उनके लोकवासी सन्निहित हैं, 'वही' है 'यह'-यह अक्षर 'ब्रह्म' प्राणतत्त्व 'वही' है, 'वही' वाणी तथा मन है। 'वही' है 'यह' 'परम सत्य' तथा 'सत्तत्त्व', 'वही' है अमृत तत्त्व तुम्हारे द्वारा 'वही' है वेधनीय, है सौम्य! 'उसी' का वेधन करो (उसमें प्रवेश करो)। That which is the Luminous, that which is smaller than the atoms, that in which are set the worlds and their peoples, That is This,-it is Brahman immutable: life is That, it is speech and mind. That is This, the True and Real, it is That which is immortal: it is into That that thou must pierce, O fair son, into That penetrate. ( मुंडकोपनिषद २.२.२ ) #मुण्डकोपनिषद #उपनिषद #वह #सत्य #ब्रह्म #मेल
Miheer Gautam
#तसव्वुर #ख्याल #बात #मेल #रिस्ता #नाता #हवा #mohabbatein #nojato #PoetryOnline
read more