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Priya Gour
White किसी भी वत्त-त्यौहार पर अक्सर सजने वाली लड़की को यही तंज कंसा जाता हैं कभी हँसी में छेडा़ जाता हैं की किसके लिए तैयार हुई? जैसे नारी को अपनी खुशी से अपने लिए सजने संवरने का अधिकार ही नहीं है बस सज संवरी हैं तो किसी के लिए श्रृंगार का संपूर्ण अर्थ पुरुष से ही है ? माना किसी भी नारी के श्रृंगार की पूर्णता भी उसके प्रियतम को भाना है परंतु प्रश्न ये है प्रियतम के आगमन से पूर्व श्रृंगार की शुरुआत भी नहीं कर सकती कोई नारी इस प्रश्न के अतिरिक्त एक अन्य आवश्यक प्रश्न उठता है जिनका प्रियतम छोड़ जाये हमेशा के लिए श्रृंगार करने का उनका अधिकार भी नहीं रहता हैं? ©Priya Gour ❤🌸 #25aug 3:51 #श्रृंगार #Tulips
Manish Raaj
श्रृंगार ------ वो जो आइने की नज़र से ख़ुद को इतना निहारती है श्रृंगार से जी नहीं भरता या निहरनेवालों की नज़र रास नहीं आती शायर: मनीष राज ©Manish Raaj #श्रृंगार
अदनासा-
प्रकृति माँ स्वयं के सौंदर्य निर्माण हेतु सुंदर कलाओं का श्रृंगार भी करती है ©अदनासा- #माँ #हिंदी #प्रकृति #सौंदर्य #श्रृंगार #कला #निर्माण #Instagram #Facebook #अदनासा
Poonam
वो हर रोज घंटो समय लगाकर खुद को संवारती है... बड़ी_बड़ी आंखों को गहरे, काले रंग के काजल से भरती है... उसका पहनावा हो या श्रृंगार सबकुछ उसकी कुलीन प्रतिष्ठा का प्रमाण है.... उसकी मुस्कान क्यूं फिकी है.... इसपर कभी किसी की नजर नहीं जाती.... हां....मिला भी तो बहुत कुछ है उसे..... एक व्यक्ति का नाम और उसकी दौलत.... जो होठों पर मुस्कुराहट दे ना दे लेकिन उसकी उदासियों को जरूर ढक देता है.... ©Poonam #श्रृंगार #काजल #Nojoto #nojotohindi
RAVINANDAN Tiwari
नभ नम नयन नद को देखता हूँ रक्तिम अधर शहद को देखता हूँ ! कि बरगद बनने की बारी आई तो सनम... बेदम अपने बौने कद को देखता हूँ!!:) ©RAVINANDAN Tiwari #श्रृंगार_कच्ची_सड़क #श्रृंगार
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read moreAmit Singhal "Aseemit"
तभी संभव है रिश्तों का श्रृंगार, जब हम रखें आपस में सरोकार। स्वभाव रहे हम सबका मिलनसार, सबको रहे एक दूसरे की दरकार। ©Amit Singhal "Aseemit" #रिश्तों #का #श्रृंगार
Rohit Saini
हर "शब्द" का अपना "तापमान" होता है, बस शर्ते शब्द का "श्रृंगार" कैसा है । ©Rohit Saini #श्रृंगार
Death_Lover
कौन है जो तुमको संवारेगा, तुम्हारे हुस्न को छोड़ मन को निहारेगा सिलसिला क्यों रहेगा तुम्हारा भी तन संवारने का जारी, क्या तुम अब भी बन बैठी हो मन से नारी॥ "तुम्हारा मन मुक्तिबोध श्रृंगार में होना चाहिए, न कि दुनियाभर की लिप्तता में" ◆परमात्मने नमः◆ ©Death_Lover #मेरे_राम #बोध #प्रेम #आध्यात्मिक #जागृति #श्रृंगार #हुस्न #स्त्री #महिला #Women_Empowerment