Find the Best खोले Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutशायरी वीडियो को खोले, सबी में अकाउंट कैसे खोले, 5 मार्च को खोले, ख्वाबों को खोले, rangeela को खोले,
कवी सु-निल पवार
#OpenPoetry खोले पोल खोले घोटाला,नही पहने नोटो की माला. जाये नही कभी मधूशाला,क्रांती की जो जलाये ज्वाला. शब्द उसके हथियार...है वही तो सच्चा पत्रकार है... नेता की चापलूसी करे,तोडी-पाणी से घर भरे कलम को गुलाम करे...वो पत्रकार नही हो सकता... हुवा कही भी अन्याय यहा,कलम तलवार सी चलती है. उसके शब्दो के वार से,नेता की खुर्सी हिलती है. जिसके हर शब्द को धार...है वही तो सच्चा पत्रकार है... जो बिक जाये किस्सो मे,डाकू-चोरो के हिस्सो मे कलम का जो सौदा करे...वो पत्रकार नही हो सकता... देश पर जिकसो नाज है,दिलो पर जिसका राज है शब्दो वह का सरताज है,भ्रष्ट दुष्ट का यमराज है जो शब्दो का अधिकार है...वही तो सच्चा पत्रकार है... कवी,पत्रकार तथा शिवशाहीर सुनिल पवार,नवापूर, MO - 87932485555/जि.नंदुरबार(महाराष्ट्र)
Mo k sh K an
साज सहर के सरगम हैं, कोयल ताने हूक बैठ क्षितज़ के कोने पर, दिन खोले संदूक नए नए है रंग छुपे, दिन की गूढ़ पिटारी में ना जाने क्या रंग रंगेगा , लगता है तैयारी में कुछ बदरा, कुछ बरखा रंग दे, जला रही है धूप बैठ क्षितज़ के कोने पर, दिन खोले संदूक दुआ #kavishala #hindinama #tassavuf #skand #subah_ka_khyal #subah_ki_dhoop
दुआ #kavishala #hindinama #tassavuf #skand #subah_ka_khyal #subah_ki_dhoop
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 5 - भक्ति-मूल-विश्वास 'पानी!' कुल दस गज दूर था पानी उनके यहाँ से; किंतु दुरी तो शरीर की शक्ति, पहुँचने के साधनपर निर्भर है। दस कोस भी दस पद जैसे होते हैं स्वस्थ सबल व्यक्ति को और आज के सुगम वायुयान के लिये तो दस योजन भी दस पद ही हैं; किंतु रुग्ण, असमर्थ के लिए दस पद भी दस योजन बन जाते हैं - 'यह तो सबका प्रतिदिन का अनुभव है। 'पानी!' तीव्र ज्वराक्रान्त वह तपस्वी - क्या हुआ जो उससे दस गज दूर ही पर्वतीय जल-स्त्रोत है। वह तो आज अपने आसन से उठन
read moreStoryteller Kumar Shantnu
चाँद की कटोरी इस रात मैं फिर तनहा कटोरी से अधूरे चाँद में अधूरे से अपने सपनो को छोटे छोटे जगमगाते तारों के नीचे अपनी आँखों को खोले देख रहा हूँ उस आधे कटोरी से चाँद से अँधेरे की तरह बिखर रहे अपने सपनो को समेट रहा हूँ कुछ हाथ लगे अधूरे से अँधेरे से सपनो में जो तारो से जगमगाते, वो तुम थे जिसे मैं अपनी बार बार झपकती आँखों से देख रहा हूँ हाँ मैं अपने अधूरे से अंधेरो में सिमटे सपनो को समेट रहा हूँ पर अब फिर सुबह होने को है जगमगा रहे थे जो सपने अब सोने को है हाँ , मैं तुम्हे अपनी आँखों में जलते धुआं बनके उड़ते देख रहा हूँ अब हर रात मैं उन अधूरे सपनो को अधूरे अँधेरे में समेट रहा हूँ जो आधी सी जगमग करती रौशनी है मेरे आसमां में , वो तेरी है मैं ये भी देख रहा हूँ , लगता है , मैं तुझ में सिमट के खुद को समेट रहा हूँ। इस रात मैं फिर तनहा कटोरी से अधूरे चाँद में अधूरे से अपने सपनो को छोटे छोटे जगमगाते तारों के नीचे अपनी आँखों को खोले देख रहा | © Storyteller Kumar Shantnu #chand #storytellerkumarshantnu #poetry #nojoto
#Chand #storytellerkumarshantnu #Poetry #Nojoto
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited