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आनन्द कुमार
लग जाए कितना भी समय, केस को उसके अंजाम पर पहुंचाते हैं। मगर कभी- कभी हम गर्द उड़ा देते हैं , मजाक मजाक में ही सही, दो पक्षों को लड़ा देते हैं। बात तो कुछ भी नहीं होती है, मगर खींच कर तिल का ताड़ बना देते हैं। जब अपना साया भी साथ छोड़ देते है , तब हम अभियुक्त की परछाईं बन जाते हैं। ----------आनन्द ©आनन्द कुमार #वकील #वकील_साहब #अधिवक्ता #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi
आनन्द कुमार
पहले कलह होती है, फिर कोर्ट में जिरह होती है, कभी हो जाता है फ़ैसला, और कभी सुलह होती है। न्यायालय में तो बस बाक़ी यही काम है, तारीख पर तारीख पड़ना जैसे यहाँ आम है। अंगराज कर्ण के बाद बस वकील ही हैं, जो ग़लत होने पर भी साथ निभाते हैं। चाहे लगी हो कितनी भी दफाऐं, आपको वकील ही आज़ाद करातें हैं। ------------- आनन्द ©आनन्द कुमार #वकील #अधिवक्ता #वकील_साहब #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi
Adv.Shivam Mishra
कर लेते आज इश्क की मुलाकात तुमसे, लेकिन दुश्मन BLO ने हमारे पोलिंग वूथ अलग कर दिये। #वकील_साहब ©Adv.Shivam Mishra कर लेते आज इश्क की मुलाकात तुमसे, लेकिन दुश्मन BLO ने हमारे पोलिंग वूथ अलग कर दिये। #वकील_साहब #ValentineDay
कर लेते आज इश्क की मुलाकात तुमसे, लेकिन दुश्मन BLO ने हमारे पोलिंग वूथ अलग कर दिये। #वकील_साहब #ValentineDay
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कर लेते आज इश्क की मुलाकात तुमसे, लेकिन दुश्मन BLO ने हमारे पोलिंग वूथ ही अलग कर दिये। #वकील_साहब ©Adv.Shivam Mishra #ValentineDay कर लेते आज इश्क की मुलाकात तुमसे, लेकिन दुश्मन BLO ने हमारे पोलिंग वूथ ही अलग कर दिये। #वकील_साहब
#ValentineDay कर लेते आज इश्क की मुलाकात तुमसे, लेकिन दुश्मन BLO ने हमारे पोलिंग वूथ ही अलग कर दिये। #वकील_साहब
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कर लेते आज इश्क की मुलाकात तुमसे, लेकिन दुश्मन BLO ने हमारे पोलिंग वूथ ही अलग कर दिये। #वकील_साहब ©Adv.Shivam Mishra #ValentineDay कर लेते आज इश्क की मुलाकात तुमसे, लेकिन दुश्मन BLO ने हमारे पोलिंग वूथ ही अलग कर दिये। #वकील_साहब
#ValentineDay कर लेते आज इश्क की मुलाकात तुमसे, लेकिन दुश्मन BLO ने हमारे पोलिंग वूथ ही अलग कर दिये। #वकील_साहब
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आचार संहिता लागू है कोई भी प्यार, मोहब्बत, इश्क का प्रचार ना करें। लव हित में जारी😀 #वकील_साहब ©Adv.Shivam Mishra आचार संहिता लागू है कोई भी प्यार, मोहब्बत, इश्क का प्रचार ना करें। लव हित में जारी😀 #वकील_साहब_SM #promiseday
आचार संहिता लागू है कोई भी प्यार, मोहब्बत, इश्क का प्रचार ना करें। लव हित में जारी😀 #वकील_साहब_SM #promiseday
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भरोसा करना तो उसी दिन छोड़ दिया था जिस दिन तुम अपने से पराये हुये थे। #वकील_साहब ©Adv.Shivam Mishra भरोसा करना तो उसी दिन छोड़ दिया था जिस दिन तुम अपने से पराये हुये थे। #Memories
भरोसा करना तो उसी दिन छोड़ दिया था जिस दिन तुम अपने से पराये हुये थे। #Memories
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उसे आते देख के उतर जाया करती थी.... ना चाहते हुऐ भी उसके घर तक जाया करती थी.... समझती थी वो मेरे दिल के हालात को... वो मेरी साईकिल और उसकी चैन थी, जो मेरा साथ निभाया करती थी। #वकील_साहब विश्व साईकिल दिवस की हार्दिक बधाई शुभकामनायें।। ©Adv.Shivam Mishra उसे आते देख के उतर जाया करती थी.... ना चाहते हुऐ भी उसके घर तक जाया करती थी.... समझती थी वो मेरे दिल के हालात को... वो मेरी साईकिल और उसकी चैन थी, जो मेरा साथ निभाया करती थी। #वकील_साहब विश्व साईकिल दिवस की हार्दिक बधाई शुभकामनायें।।
उसे आते देख के उतर जाया करती थी.... ना चाहते हुऐ भी उसके घर तक जाया करती थी.... समझती थी वो मेरे दिल के हालात को... वो मेरी साईकिल और उसकी चैन थी, जो मेरा साथ निभाया करती थी। #वकील_साहब विश्व साईकिल दिवस की हार्दिक बधाई शुभकामनायें।।
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जवानी की ठोकर...वक्त का तमाचा जब तक ना पड़े तब तक कोई भी समझता ही नही है।कि जीवन का असली मकसद क्या है। #वकील_साहब ©Adv.Shivam Mishra जवानी की ठोकर...वक्त का तमाचा जब तक ना पड़े तब तक कोई भी समझता ही नही है।कि जीवन का असली मकसद क्या है। #वकील_साहब #Rose
जवानी की ठोकर...वक्त का तमाचा जब तक ना पड़े तब तक कोई भी समझता ही नही है।कि जीवन का असली मकसद क्या है। #वकील_साहब #Rose
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मेरी लाइफ में दो-चार ही बंदे गद्दार निकले। बाकी सारे इमानदार निकलें। खाया जिस थाली में उसी में छेंद किया। क्या कहूँ उसके बारे में, बददुआ भी बनकर जिसके लिये दुआ निकले। उसकी दोस्ती का कोई हासिल ना था, दुश्मनी में उसके कोई शामिल ना था, पक्की दोस्ती में कृष्ण सुदामा निकलें, पता ना था गद्दारी है उसके खून में, वो तो सकुनी के भी मामा निकले। पता ना था धोका मिलेगा दोस्ती में, वो तो खानदानी ड्रामा निकलें। निकाल फेका हमने भी उनको दिल से ऐसे, जैेसे गौबर में पड़े कीड़े गुबड़ेले जैसे। है दोस्ती मुझे आज भी तुझसे, बोलना उस दिन हमसे, जिस दिन तेरा घमंड तुझसे निकले। तुझे बद्दुआ भी क्या दूँ ऐ दोस्त, बद्दुआ भी बनकर तेरे लिये दुआ निकले। #वकील_साहब ©Adv.Shivam Mishra मेरी लाइफ में दो-चार ही बंदे गद्दार निकले। बाकी सारे इमानदार निकलें। खाया जिस थाली में उसी में छेंद किया। क्या कहूँ उसके बारे में, बददुआ भी बनकर जिसके लिये दुआ निकले। उसकी दोस्ती का कोई हासिल ना था, दुश्मनी में उसके कोई शामिल ना था, पक्की दोस्ती में कृष्ण सुदामा निकलें,
मेरी लाइफ में दो-चार ही बंदे गद्दार निकले। बाकी सारे इमानदार निकलें। खाया जिस थाली में उसी में छेंद किया। क्या कहूँ उसके बारे में, बददुआ भी बनकर जिसके लिये दुआ निकले। उसकी दोस्ती का कोई हासिल ना था, दुश्मनी में उसके कोई शामिल ना था, पक्की दोस्ती में कृष्ण सुदामा निकलें,
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