Find the Best चाट Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutठंडी चाट बनाने की विधि, चाट की, सिंधी केट का चाट, सटका का मटका चाट, शेयर चाट बेवफा शायरी,
нαямαиρяєєт. sι∂нυ
ਪਿਆਰ ਓਹੀ ਜੋ ਘਰ ਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਵਿਚ ਰੂਹਾਂ ਦੇ ਤਰਦਾ ਹੈ। ਸਾਹਾਂ ਵਿਚ ਜੋ ਘੁਲਿਆ ਹੁੰਦਾਂ, ਉਹ ਨਾ ਕਦੇ ਵੀ ਮਰਦਾ ਹੈ। ਹਰਮਨਾ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਰਹਿੰਦਾ ਦੂਰ ਹਮੇਸ਼ਾ, ਜਾ ਗੈਰਾਂ ਦੇ ਘਰ ਵ੍ਹਰਦਾ ਹੈ। ਸਾਹਾਂ ਵਿਚ ਜੋ ਘੁਲਿਆ ਹੁੰਦਾਂ, ਉਹ ਨਾ ਕਦੇ ਵੀ ਮਰਦਾ ਹੈ। ਐੱਚ. ਐੱਸ. ਸਿੱਧੂ। ©нαямαиρяєєт. sι∂нυ #BahuBali #यकीन #लव आज कल #याद #चाट
Dr. Vishal Singh Vatslya
पानीपूरी वाले भैया आज जी भर के खिला दे तेज तीखी खिलाना, फिर एक मीठी लगा दे... कुछ इतराती, कुछ इठलाती पानीपूरी है तुम्हारी दस की चार बताकर, भैया पांच खिला दे.... पानीपूरी खाने को भैया मन बहुत तरसा है बड़ा जालिम ये कोरोना, हुआ बड़ा अरसा है.... भैया सुन, हरी चटनी जरा ज्यादा लगाना अच्छे से खिला, मन कहीं और ना लगाना.... भैया सुन, अब थोड़ी दही, थोड़ी सोंठ लगा दे पानीपूरी खिलाकर जी भर पानी भी पिला दे.... भैया सुन, कल फिर जल्दी से आ जाना पानीपूरी वाला कहकर आवाज लगा जाना.... - डॉ. विशाल सिंह 'वात्सल्य' #पानीपूरी #भैया #चाट #खाना #panipuri #yourquotedidi #yourquotebaba
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read moreMamta Singh
सुनाे सहेलियाें आज थाेड़ा मुस्कुराते है हर समस्या काे मार गाेली चल मिल के ठहाके लगाते है बचपन की यादें हाे,या क्लास रूम की बातें हाे वाे पलकाें काे झुका के मुस्कुराना,या किसी शरारत पे दांत दिखाना चल एक बार फिर से वही सब दुहराते है वाे गर्मा-गर्म चाट हाे दाेस्ताें का साथ हाे थाेड़ी तिखी थाेड़ी मीठी उपर से कटा प्याज भी डलवाते है सुनाे सहेलियाें आज थाेड़ा मुस्कुराते है आज की काेई बात ना करे हर परेशानी काे ताक पे धरे आज ताे बस कैंन्टिन वाले विश्वनाथ काे बुलाते है वाे बनाए गाेलगप्पे हम यादाें के सागर में डूबकी लगाते है सभी मित्राे काे मित्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹☕☕☕☕☕☕☕☕☕🍬🍬🍬🍬🍬🍬🍬🍬🍬🍬🍬🍬🍬 Friendship day #चाट #गाेलगप्पा#मस्ती#yqbaba#yqdada#yqdidi#yqlove
Poonam Suyal
ऐसा कह के तुमने ये इच्छा मन में जगाई है चटपटी चाट खाने की अब हो गई तैयारी है कोई ये न कहे की उसकी भी जीभ लटपटाई है और सोचकर उसके मुंह से लार टपक आई है #समोसा #चाट #samosa #kitchen #yqdidi
purvi Shah
कुछ बड़ी बाते करनेवाले लोग। #चाट #yqdidi #yqhindi #YourQuoteAndMine Collaborating with Dhaval Bhatt Collaborating with Aruna Collaborating with Patel Chandrakant
#चाट #yqdidi #yqhindi #YourQuoteAndMine Collaborating with Dhaval Bhatt Collaborating with Aruna Collaborating with Patel Chandrakant
read morePress
#दिमाग एक ऐसा #अंग हैं.. जिसको #गरम कर सकते हैं #ठंडा भी कर सकते हैं #खा भी सकते हैं, #चाट भी सकते है और... #दहीं भी बना सकते हैं! 😜😂🙊🙈🍬😂😜😜
Vishavjeet Singh
बचपन मेरा था महान.. परेशान था मेरा पूरा खानदान.. वो मेरी शरारतें.. जो सबको हिला डालते.. वो मम्मी की फटकार.. जिसमें छिपा था बहुत सारा प्यार.. वो पापा की चॉकलेट.. जो खाते थे हम चाट चाट.. बचपन मेरा था महान.. परेशान था मेरा पूरा खानदान.. बचपन.. Part 1..😁
बचपन.. Part 1..😁
read moreGirish Mishra Syahee
भूल के सारी बंदिश को , आज दिल की बाते सुनते है, कुछ कच्चे-पक्के धागो से, बिखरी यादो को बुनते है || हम नायक भी खलनायक भी, इस खुद की लिखी कहानी के , उन् हसीं पलो को फिर जीने को, चल ना यार फिर मिलते है | उन् हसीं पलो को फिर जीने को, चल ना यार फिर मिलते है || चाय की उस उजरि टपरी पर फिर घूम के आते है, सूना है लोग अब भी वंहा चाय संग मट्ठी ही खाते है | क्या टॉयलेट के बहार, अब भी कतारे लगती होंगी , क्या सरोजनी की लड़किया, अब भी वहां सजती होंगी | क्या कोई फिर से प्लेट में , खाना छोड़ कर जाता होगा | क्या पनिशमेंट में अब भी, खेम चंद पगलाता होगा || याद करो क्या दिन थे वो भी , जब रिंकू मेश चलाता था , सरा गला खाना खा कर भी, तब अपना दिन कट जाता था | बिस्तर पर सोते ही अपने, सरप्राइज वेल बज जाते थे | बिना सेविंग पकडे गए तो , होज कंधे पर सज जाते थे | उस्तादों की उस्तादी भी तब, कहाँ समझ में आती थी , उन् सब को मिल कर बस, अपनी ही मारनी होती थी | किसी के घर से आया खाना, हम खूब लूट कर खाते थे | कभी कभी छोटी बातो पर, तब काजू भी बन जाते थे | कुछ की बनी कहानी थी, कुछ अब तक वंहा बेचारा था , थे हम कवारे बहुत ही तनहा, बस हाथो का बचा सहारा था | कुछ रंग थे जो अपने दामन में, वो चुरा गया बंजारा था , खुला खुला शौचालय भी, तब कितना हमको प्यारा था || स्कोप मीनार से किस वर्कर ने,किसको आँखे मारी थी | इतना खाना क्यों बचा थाल में, किसकी ये अय्यारी थी , वक़्त ने साधा एक नज़र से , एक जंग की तब तैयारी थी वो बड़े जोड़ की लात पेट में, किसने चार्ली को मारी थी || रिंगटोन में किसकी फ़ोन पर, कौन घास घास चिल्लाता था, वो कौन था जो जरा जरा कर के, पूरा खाना खा जाता था , किसने अपनी ड्राइविंग में, गाडी दिवार पर चढ़ाई थी, रेस्क्यू करके खोखहर ने, तब किसकी जान बचाई थी || आयोडेक्स की मालिश थी , कोई घुटनो पर तेल लगता था , उस्तादों की चाट चाट कर , पांडे अच्छे नंबर पाता था | राका का वो सावधान , तब सबका दिल दहलाता था , बेरोजगारी के उस दौर में , भाई साब 17 माल घुमाता था | दिल्ली की सब लड़की राका पर अपनी जान लुटाती थी | मधुवन में सब मिलकर उसे, चिन्गोटी कटा करती थी | हर शनि और रविवार को , जब सब गायब हो जाते थे | तब हम चारो ही बैठ अकेले, मकरा मारा करते थे || उन् सारी यादो को फिर से, दुहराने को दिल करता है, आये बुढ़ापा उससे पहले , जी लेने को दिल करता है | फास्मा की दीवारों पर हमने, मिलकर लिखी कहानी थी , नौ महीने की थी वो ट्रेनिंग, बस उतनी ही मेरी जवानी थी || कैद हुए क्यों हम दीवारों में, चल ना यार निकलते है , उन् हसीं पलो को फिर जीने को, चल ना यार फिर मिलते है || उन् हसीं पलो को फिर जीने को, चल ना यार फिर मिलते है || Chal Na Yaar Fir Milte hai
Chal Na Yaar Fir Milte hai
read moreDivya Tripathi
शहर वाराणसी. बनारस की बात ही अलग है। यहां के तीर्थ स्थल, अल्हड़ सी अदा, मंदिरों और घाटों के नजारे मन मोह लेते हैं। इसक अलावा बनारस अपने खान-पान के लिए भी जाना जाता है। बनारस के खाने के आइटम्स पूरे दुनियां में मशहूर हैं। तो अगर आप बनारस आयें तो इन लजीज व्यंजनों का स्वाद जरूर चखें। कुल्हड़ वाली चाय चाय एक ऐसा चीज है जो पूरे दुनिया के लोग पीते हैं, तो अगर आप चाय के शौकीन है तो बनारसी की कुल्हड़ वाली चाय का मजा जरूर लें। यहां मिट्टी की सोंधी-सोंधी खुशबू वाले कुल्हड़ में चाय पीने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। वैसे तो चाय पीने के लिए दुकानों पर हमेशा ही भीड़ लगी रहती है, लेकिन सर्दियों में इसका अपवा मजा है। बनारस का पान बनारस के पान के क्या कहने, खयीके पान बनारस वाला गाना तो अपने भी सुना होगा, ये गाना ऐसा ही नहीं बना। सच में बनारस का पान इतना रसीला, स्वादिष्ट है जैसे ये गाना। विदेशी टूरिस्ट भी एक बार इसका स्वाद जरूर चखते हैं। ह्यगुलकंद वाला पानह्ण हर किसी की पहली पसंद है। बनारसी मिठाइयां की अलग है मिठास बनारस के खान पान की बात हो और मिठाइयों बात ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता। बनारस की मिठआई अपने आप में अलग महत्व रखती है। यहां के रसगुल्ले, गुलाबजामुन, मलाई-गिलौरी, लौंगलता, बेसन के लड्डू, खीर- कदम और न जाने कितनी ही मिठाइयां हैं, जिसका स्वाद आपका मन मोह सकता है। ओस की बूंदों से बनृता है ये मलइयो दूध से बनने वाला मलइयो काशी की खास पहचान है। गंगा घाट, चौक और गदौलिया में मिलने वाला मलइयो लोगों को अपनी तरफ खींच ही लेता है। इसे बनाने की विधि भी बेहद खास है। दूध को चीनी के साथ उबालकर आसमान के नीचे ओस में रख दिया जाता है। रात भर ओस में रखने के बाद इसमें दूध मिलाया जाता है। इसके बाद किसी बर्तन में दूध को काफी देर तक फेंटा जाता है। इससे झाग तैयार होता है, जिसे लाजवाब मलइयो कहते हैं। बनारस की खास लस्सी बनारसी लस्सी भी यहां की पहचान है। इंडिया घूमने आए विदेशी इसका स्वाद जरूर चखते हैं। चौक इलाके की कचौड़ी गली में ब्लू लस्सी के नाम से एक दुकान है। यहां आपको सेब, केला, अनार, आम और रबड़ी समेत हर फ्लेवर की लस्सी मिल जाएगी। बनारस की सुबह और पूड़ी-सब्जी, जलेबी और वो कचौड़ी गली कद्दू की सब्जी-पूड़ी और साथ में गरमागरम जलेबी बनारस की पहचान है। लंका पर स्थित ह्यचाची की दुकानह्ण पूड़ी-सब्जी के लिए मशहूर है। इसका स्वाद चखने के लिए लोग सुबह से ही दुकान पर जमा हो जाते हैं। वहीं, चौक की कचौड़ी गली इसी के लिए ही फेमस है। अगर आप काशी आएं तो इसका स्वाद एक बार जरूर चखें। बनारसी टमाटर चाट काशी में आए और टमाटर चाट का स्वाद नहीं चखा, इसका मतलब आप बनारसीपन के एक हिस्से को नहीं जान सके। जी हां, टमाटर चाट बनारस का फेमस स्ट्रीट फूड है। इसे बनारसी चाट भी कहा जाता है। इसका स्वाद बेहद अलग और स्वादिष्ट होता है। लौंग लता इसे ह्यलवंग लतिकाह्ण भी कहते हैं। ये बंगाली समाज के त्योहारों पर बनने वाली पारंपरिक मिठाई है। बनारस की हर दुकान पर ये करीने से सजी हुई रखी रहती है। जो काशी आता है, वो एक बार इसका स्वाद जरूर चखता है। चूड़ा-मटर बनारस का चूड़ा मटर जिसका स्वाद ही अलग है, इसे सर्दियों में चाय के साथ खाने का लुफ्त आप उठा सकते हैं। काशी में सर्दियों में हर घर में चूड़ा-मटर बनता है। यही नहीं, ये आपको दुकानों पर भी गरमागरम मिल जाएगा। यहां के लोग अक्सर बतकही लगाते और साथ में चूड़ा-मटर खाते दिख जाएंगे। रबड़ी वाला दूध वैसे तो आप घर में ही दूध गर्म करके पी लेते होंगे, लेकिन बनारस में बड़ी सी हांडी में घंटों तक दूध पकाया जाता है। इससे दूध का स्वाद बढ़ जाता है। इसके बाद दूध में रबड़ी भी मिलाई जाती है, जो इसके टेस्ट को और भी बढ़ा देती है। बनारसी चाट बनारस की चाट काफी मशहूर है। देश-विदेश से लोग आलू-टिक्की चखने के लिए काशी आते हैं। अलग-अलग मसालों से बनी आलू-टिक्की का अलग ही स्वाद होता है। आप जब भी काशी आएं तो ये डिश भी है खास सेवपुरी आलू, टमाटर, प्याज, अलग-अलग मसाले और सेव से बनी सेवपुरी अपने स्वाद के लिए काफी मशहूर है। अगर आप बनारस आने का प्लान बना रहे हैं तो इसे भी एक बार जरूर चखें। Apna banars
Apna banars
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