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Azaad Pooran Singh Rajawat
White "फलों का राजा हूं सबके मन को भाता हूं जब मैं कच्चा रहता हूं खट्टा रहता हूं छाछ बनाकर मेरी जो पीले हैजे और लूं को हर लेता हूं जब मैं परिपक्व हो जाता हूं मीठा हो जाता हूं सबके मन को भाता हूं रसपान जो मेरा करते स्वस्थ उन्हें मैं रखता हूं फलों का राजा हूं।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #mango_tree #फलों का राजा हूं#
#mango_tree #फलों का राजा हूं#
read moreAnamika love Veenu
कभी-कभी मुस्कुरा...>>> लिया करते हैं ......~~~~~ उन पलों को याद करके.....~~~~ जिन पलों में हम भी खुश......°°°°° रिया करते थे....~~~~>>> ©Anamika love Veenu #उन #फलों को #याद #करके
💖 #ShivaniHiya 💖
ईश्वर से ऊंचा इनका दर्जा हैं, अपना जीवन बच्चों के पीछेे करते ये खर्चा है। ऐसे टीचर्स के लिए आज हो रही यहां चर्चा हैं।। खुद रहे गहराइयों में, हमे आकाश दिखाया है । कुछ नहीं थे हम इनके बिना, इन्होंने हर पल साथ निभाया है। माता पिता के बाद इन्होंने, माता-पिता का स्थान पाया है। ईश्वर से ऊंचा पद है, इनका नाम गुरु कहलाया है । इन वृक्षों की छांव में , लाखों फल पक जाते हैं । ये जड़े जमीन में डाले रहते फलों को मंजिल तक पहुंचाते हैं । फलों को मंजिल तक पहुंचाते हैं । 💝Happy teacher's day💝 #LessonByईश्वर से ऊंचा इनका दर्जा हैं, अपना जीवन बच्चों के पीछेे करते ये खर्चा है। ऐसे टीचर्स के लिए आज हो रही यहां चर्चा हैं।। खुद रहे गहराइयों में, हमे आकाश दिखाया है । कुछ नहीं थे हम इनके बिना, इन्होंने हर पल साथ निभाया है।
#LessonByईश्वर से ऊंचा इनका दर्जा हैं, अपना जीवन बच्चों के पीछेे करते ये खर्चा है। ऐसे टीचर्स के लिए आज हो रही यहां चर्चा हैं।। खुद रहे गहराइयों में, हमे आकाश दिखाया है । कुछ नहीं थे हम इनके बिना, इन्होंने हर पल साथ निभाया है।
read morePravesh Khare Akash
फादर्स डे (लघुकथा) 💐💐💐💐पी.एस.खरे "आकाश" आज सुबह से ही शर्मा जी तैयार होकर बैठे हुए थे।बार-बार दरवाजे की तरफ देखते कभी दीवार घड़ी की तरफ बेचैनी से देखते,चश्मा साफ करके चेहरे पर हाथ फेरते..ऐसा करते काफी देर हो गई तो रामजी ने पूछा.."अरे शर्मा जी क्या बात है, आज बड़ी बेचैनी दिख रही है चेहरे पे..किसका इंतजार है?" शर्मा जी ने हल्के से मुस्कुरा कर कहा.."आज बेटा आने वाला है न..वही तो अकेला सहारा है मेरा..आज के दिन जरूर आता है मुझसे मिलने..."। रामजी ने आश्चर्य से कहा..."आज उसका जन्मदिन है क्या या आपका?" "नहीं.. नहीं, जन्मदिन नहीं.. आज फादर्स डे है न तो विश करने हर साल आता है और देखना" ...बात हलक में रह गयी और शर्मा जी तेजी से आगे बढ़े। मेन गेट पर एक बड़ी सी कार रूकी और एक युवा के साथ फलों की टोकरी लिए हुए दो लोग उतरे।शर्मा जी ने युवक का कंधा थपथपाया और आँखें साफ करके कुशल क्षेम पूछी। फलों की टोकरी प्रबंधक को देकर युवक बोला..."मैनेजर साहब, कई सोशल एक्टिविटी में बिजी रहने के कारण आज के दिन यहाँ आ पाना काफी मुश्किल हो जाता है,इसलिए पिताजी को इंटरनेट कनेक्शन के साथ ये लैपटॉप दे जा रहा हूँ जिससे आगे से वीडियो चैट के थ्रू बात करता रहूँगा और इस वृद्धाश्रम के लिए दान सामग्री मेरे सहयोगी दे जाया करेंगे।" मैनेजर के कमरे से बाहर निकल कर वह शर्मा जी के पास गया,गले मिला और हैप्पी फादर्स डे पापा बोलकर गाड़ी से धूल उड़ाता चला गया। फादर्स डे
फादर्स डे
read morePunit Raja "बेबाक"
छठ क्यों जरूरी है??? छठ पूजा:- जी हाँ 4 दिन तक चलने वाले इस पावन और महान पर्व की अनेको विशेषताएँ है जो की इस पर्व को बाकी पर्वो से अलग बनाता है। बिहार, उत्तरप्रदेश और दिल्ली तक मनाये जाने वाला यह खूबसूरत त्योहार अपने पवित्रता और असीम श्रद्धा के लिए तो जाना ही जाता है, इसके अलावा भी आज के इस दौर में इन्सानियत, मानवता, प्यार, शालीनता, संस्कृति और सामाजिक समानता को बनाये रखने के लिए भी यह त्योहार बहुत जरुरी है। आज के युवा पीढ़ी के बीच परिवार, सूर्य, नदी, पैसे और जाती से परे एक समानता के महत्व को
read moreAnil Siwach
।।श्री हरिः।। 45 - खायेगा? 'खायेगा!' कन्हाई के हाथ में मोदक है। केशर-पीत, खूब बड़ा-सा मोदक! बूंदी का बना ऐसा मोदक जिसे देखकर ही क्षुधा जाग जाय और फिर श्याम के हाथ का मोदक प्राप्त करने को तो स्वर्ग के देवता भी क्षुधातुर हो जायेंगे। मधुमंगल का तो सबसे प्रिय आहार है मोदक। सखाओं ने भरपूर शृंगार किया है ब्रजराज-कुमार का। अलकों से लेकर चरणों तक पुष्प-गुच्छ, गुञ्जा, किसलय, पिच्छ आदि से इसे सजाया है। इसके सम्पूर्ण शरीर को गैरिक, रामरज, खड़िया आदि से ऐसा चित्रित किया है कि यह चित्र-मन्दिर ही बन गया है।
read moreAnil Siwach
।।श्री हरिः।। 39 - आम चूसते आज कोई छीका नहीं लाया है। कल ही बालकों ने निश्चय कर लिया था कि वे प्रात: आम ही चूसेंगे।किसी ने भी बालकों के इस निर्णय का विरोध नहीं किया। बालक यदि हरिवासर के दिन अन्न नहीं लेते तो उत्तम ही है। वैसे भी इस पावस के प्रारम्भ में वन सूपक्व आम्रफलों से परिपूर्ण है। आम्र पोषक हैं और सुस्वादु तो हैं ही। वन में आकर आज बालकों ने शृंगार करने की चिन्ता ही नहीं की। किसी ने भी गुञ्जा, किसलय, पुष्प एकत्र करने की ओर ध्यान नहीं दिया। सब आम्रफल एकत्र करने में लग गये। रात्रि में वृक्
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || 27 - उपहार 'मेरी मुट्ठी में क्या है?' कन्हाई बहुत प्रसन्न है। दौड़ा-दौड़ा आया है और दाहिने हाथ की मुट्ठी बन्द किये भद्र के सम्मुख मटकता पूछ रहा है। 'हाऊ!' मधुमंगल ने समीप आकर कह दिया। 'उसे तू खा लेना।' श्यामसुन्दर हंसकर बोला। जब यह खुलकर हंसता है, कपोलो में नन्हे गड्ढे पड जाते हैं। कुन्दकली के समान उज्जवल, सटी पतले दातों की पंक्तियां चमक उठती हैं और पतले-कोमल अरुण अधर मानो दूध क धार से स्निग्ध हो जाते हैं।
read moreSagar Kumar
एक दुर्लभ कथा लक्ष्मण जी की लक्ष्मण जी के त्याग की अदभुत कथा । एक अनजाने सत्य से परिचय--- -हनुमानजी की रामभक्ति की गाथा संसार में भर में गाई जाती है।
read moreSacred Heart
प्रतीक्षा के वृक्ष पर उम्मीद के फूल खिलते हैं जो सम्भवता किसी दिन जन्म देंगे प्रेम के फलों को और फिर उन फलों से झरेंगे नए बीज़ प्रतीक्षा के प्रतीक्षा आदि से अंत तक रहेगी विभिन्न विभिन्न रूपों और रंगों में
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