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Best SaveNature Shayari, Status, Quotes, Stories

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Akanksha Dwivedi

Tilak Gondavi

नदिया अकेले नहीं खत्म होती? #Emotional #river_of_thoughts #river_drouth #Rivernature #saverivers #SaveNature

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Jothi Prabhakaran

aa_butkilover

#SaveNature

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aa_butkilover

Sanjani Personal

#myhappiness#SaveNature#savelife. happy ever after guys

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Sushmitha

Nature #agni #Nature #SaveNature

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Challenging nature will destroy you and your surroundings
untill you realize

©Sushmitha  Nature
#agni #nature #SaveNature

Sonuswrites

#berang

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आज हमे अपने देश पर और अपने वैज्ञानिकों पर पर गर्व हैं, की आज हम चांद पर भी पहुंच गए हैं और यह किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। हमारा देश और ये दुनिया आज बहोत आगे बढ़ रहा है, में भी साइंस से हूं और मुझे भी अपने सौरमंडल और बाहर की दुनिया को देखने जानने और समझने की बहुत उत्सुकता है और इसे कौन चला रहा हैं। हमारे ऊपर कौन हैं। उन सर्वशक्तिमान परमेश्वर को जानने की तीव्र इच्छा है पर शायद हम उन्हें कभी नहीं जान पाएंगे। हमको बनाने वाला कौन हैं कैसा दिखता है कौन हैं जो अंधकार से परे हैं और संपूर्ण ब्राह्मण चला रहा है जिसके बिना एक तिनका भी नही हिल सकता। दुख भी होता है जिसने हम सबको बनाया हम सबको चला रहा है उन्हे हम न जान सकते हैं न कभी देख सकते हैं तो हमारे इस ज़िंदगी क्या क्या मतलब पर शायद इस रहस्य हो हम कभी न जान सकते न देख सकते है। पर कभी कभी मेरे मन में एक सवाल है.... शायद आगे चल कर और ग्रहों को भी खोज कर ले पर क्या मतलब हम वह जा नही सकते अपना जीवन यापन वहा नही कर सकते। पर  इस ग्रह में आकर कही हम एक दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में की कौन पहले चांद पर पहुंचता है क्या इस चक्कर में हम चांद पर पहुंचना चाहते हैं पर क्या हम चांद पर रहने जा सकते हैं ? क्या हम अपनी जिंदगी चांद पर गुजार सकते हैं? या फिर किसी और ग्रह पर जवाब हैं.... नहीं और न भविष्य में। ईश्वर ने मानव को रहने के लिए पृथ्वी मां प्रदान की हैं फिर भी हम अपने ग्रह अपनी माता की कद्र नहीं करते अपनी मां का अपार दोहन कर इसे भी खत्म करने के चक्कर में लगे हैं क्यों क्यों की हमे सर्व सुविधायुक्त जीवन चाहिए खोद डाला इस धरती को हमने इसकी संपदा पाने के लिए कितना प्रदूषण हानिकारक गैस प्रवाहित कर रहे हैं पेड़ पौधे अपनी सुविधा के लिए काट रहे हैं क्या 500 वर्ष पूर्व लोग अपनी ज़िंदगी नही जी रहे थे जी रहे थे और हमसे कई अधिक खुशहाल जीवन यापन कर रहे थे। और आज हम अपनी ज़िंदगी जी नहीं रहे सिर्फ काट रहे सिर्फ आधुनिकता और दिखावे के चक्कर में। भाग रहे समय नहीं हमारे पास अपने लिए परिवार के लिऐ क्यो क्युकी दौर ही ऐसा आ गया है क्यो क्युकी इतनी आधुनिक जिन्दगी और मंहगाई में घर कैसे चलेगा जरुरते कैसे पूरी होगी बस इसलिए और जिन्दगी का कोई भरोसा भी नही कब कहा कैसे चलते दौड़ते फिरते या फिर किसी बीमारी और तनाव की वजह से हमारी मौत हो जाए और कब हम ऊपर चले जाए कोई ठिकाना नहीं और ऊपर कहा जायेंगे ये भी पता नहीं। पर फिर भी आज हम दूसरे ग्रहों की खोज में लगे हैं, और अपना अरबों खरबों रूपए खर्च कर रहें हैं यही यदि हम पहले इस ग्रह  अपनी पृथ्वी मां को संरक्षित कर ले और अपने में समाज में लोगों में सुधार ले आए और अपनी धरती मां को और अपने लोगो का अपने जीवों का जीवन सुरक्षित कर ले यहां रहने वाले मानव, पशु पक्षी और जीवों को संरक्षित और रहने खाने और उनके दुःख दूर करने की तो व्यवस्था बना ले
मेरी उन महान बड़े लोगों से गुजारिश है जो अपना देश अपना राज्य अपनी सरकार अपना घर चला रहें हैं पहले इस ग्रह पर हम अपनी ज़िंदगी ढूंढ तो ले .....फिर दूसरे ग्रहों में अपनी नई ज़िंदगी ढूंढ लेंगे। फिलहाल तो लगता हैं की अब इस गृह में ही अपनी ज़िंदगी नहीं है। 
Please #saveEarth  #saveNature and #saveourlife 🌍❤️🙏💫

©Smiley Chait #berang

Prity Singh

Kirti Pandey

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