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Manju Sharma

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वो बंजारन दिखने वाली #स्त्री नाचने
 और गायन माहिर थी 

 #ढोलक पर #थाप पड़ते गाने लगी 
#आवाज में अथाह दर्द था

पड़ोस के किसी समारोह मे जब देखा, 
उसमे एक सुखद आकर्षण था 

सितारों और शीशे से जड़ित 
उसका लहंगा खूबसूरत बहुत था 

कैसे!!? अपने संगठन से दूर 
अपनी कला का प्रदर्शन कर रही थी 

 पूछने पर पता चला कि किसी अंजान से
 प्यार करने की ये मिली  सजा 

अपने ही बंजारा समाज़ ने 
उसे निकाल बाहर किया 

 #बेकारी और #भूख से #व्याकुल 
होकर उसने अपना हुनर बेच दिया

सोचती हूँ!! कितना कठोर होता है प्रेम... 

स्त्री होती है बरबाद अक्सर प्रेम में
और पुरुष फैसला लेने से भी घबराता है

पुरुष प्रेम तलाशता है, पूरा नहीं अधूरा जीता है
स्त्री प्रेम तराशती है, अपनी कर्मठता के गुणों से

©Manju Sharma

Chetan malviya

तुम्हारी शिनाख्त ही झूठी है.., नहीं नहीं मेरी किस्मत है की तबियत से रूठी है.... अच्छा जो मैं कहूंगा बन जाएगा.., बाबू हम तो जोगी है जिसमें कहेगा उसमें रम जाएगा...., सुनो काम इतना भी आसान नहीं.., आदमी खरा हूं बिना जामन पड़े दही-मठे सा जम जाएगा...।। अरे बेवकूफ Legal-illegal का तो सोच कर कह.., बेकारी से इतना frustrated हूं की अब मुझको कुछ भी चल जाएगा..!!

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तुम्हारी शिनाख्त ही झूठी है..,
नहीं नहीं मेरी किस्मत है की तबियत से रूठी है....
अच्छा जो मैं कहूंगा बन जाएगा..,
बाबू हम तो जोगी है जिसमें कहेगा उसमें रम जाएगा....,
सुनो काम इतना भी आसान नहीं..,
आदमी खरा हूं बिना जामन पड़े दही-मठे सा जम जाएगा...।।
अरे बेवकूफ Legal-illegal का तो सोच कर कह..,
बेकारी से इतना frustrated हूं की अब मुझको कुछ भी चल जाएगा..!!
 तुम्हारी शिनाख्त ही झूठी है..,
नहीं नहीं मेरी किस्मत है की तबियत से रूठी है....
अच्छा जो मैं कहूंगा बन जाएगा..,
बाबू हम तो जोगी है जिसमें कहेगा उसमें रम जाएगा....,
सुनो काम इतना भी आसान नहीं..,
आदमी खरा हूं बिना जामन पड़े दही-मठे सा जम जाएगा...।।
अरे बेवकूफ Legal-illegal का तो सोच कर कह.., 
बेकारी से इतना frustrated हूं की अब मुझको कुछ भी चल जाएगा..!!

Madhav Jha

ये महफ़िल के मेहमान्नवाज़ों के लिए जिन्हें कहानी समझ नहीं आती और उपमा में शेर हैं। तंज़ तो ग़ालिबन अखबारों के घिसे पिटे कहने को ग़ालिब बैठे हैं भर भी यहाँ भी । मगर ऐ मेरे अल्लाह जाने अक़्ल का ताला खुलता नहीं और ये बातों के इलावा उन सबको आखिर कुछ और लिखने को मिलता नहीं । चलो याद रहेगा कि मेरी किरदारी कुछ काम तो आयी। अजी साफ़गोई मैन छोड़िये बेअकलों को भी तो हँसी आयी । देख ले रीत और प्रीत यहाँ की ऐ दोस्त तेरे सिवा ये बात किसी के भेजे में न आई । जो कर चुके है तालाब-ए-ज़मज़म को काला इस जगह पे शायद इसलिए ही इस

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अपने पर जरा ग़ौर हो तो काम अच्छा है,
दिल के तंज़ के सिवा कहीं अपने पे हो ज़ोर तो अच्छा है ।
 चंद मिसरे है शान में नाकाम-ए-गुस्ताख़ी की,
चर्चा हो कुछ और तो अच्छा है ।


जल भी चुके परवाने हो भी चुकी रुसवाई,
अब ख़ाक उड़ाने को बैठे हैं तमाशाही,
तारों की ज़िया दिल में इक आग लगाती है
आराम से रातों को सोते नहीं सौदाई 
अब ख़ाक उड़ाने को....X 2
बैठे है तमाशाही ।
जल भी चुके परवाने, हो भी चुकी रुसवाई ।
रातों की उदासी में ख़ामोश है दिल मेरा,
बेहिस्स हैं तमन्नाएं नींद आये के मौत आये 
(सबकी तरफ से मेरे लिए और मेरी तरफ से सबके लिए ये)
अब दिल को किसी करवट आराम नहीं मिलता
इक उम्र का रोना है दो दिन की शनासाई ।
 ये महफ़िल के मेहमान्नवाज़ों के लिए जिन्हें कहानी समझ नहीं आती और उपमा में शेर हैं। तंज़ तो ग़ालिबन अखबारों के घिसे पिटे कहने को ग़ालिब बैठे हैं भर भी यहाँ भी । मगर ऐ मेरे अल्लाह जाने अक़्ल का ताला खुलता नहीं और ये बातों के इलावा उन सबको आखिर कुछ और लिखने को मिलता नहीं । चलो याद रहेगा कि मेरी किरदारी कुछ काम तो आयी। अजी साफ़गोई मैन छोड़िये बेअकलों को भी तो हँसी आयी ।

देख ले रीत और प्रीत यहाँ की ऐ दोस्त तेरे सिवा ये बात किसी के भेजे में न आई । जो कर चुके है तालाब-ए-ज़मज़म को काला इस जगह पे शायद इसलिए ही इस

Prem Pushp Prajapati

शब्दार्थ सरफ़रोश = जान की बाज़ी लगा देने वाला, जाँनिसार अहबाब = 'हबीब' का बहु., मित्र लोग, दोस्त, प्रियजन अक्स = प्रतिबिम्ब, साया, परछाईं आबले = छाला, फफोला शिकन = झुर्रियां, बल #OpenPoetry #prempushp #Try #something #different #उजड़ा_हुआ_आशियाँ #शायरी #बेकारी #मुहोब्बत #मुहफेरों_से_बच_के_रहना

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#OpenPoetry सरफ़रोश-ए-अहबाब क्यूँ ज़ीस्त तबाह 
की अक्स पे तूने ओ "प्रेम"।
जो आबले देखता हूँ शिकन के, 
तबाह-ए-अहबाब का ख़्याल आता है।। शब्दार्थ 

सरफ़रोश = जान की बाज़ी लगा देने वाला, जाँनिसार
अहबाब = 'हबीब' का बहु., मित्र लोग, दोस्त, प्रियजन
अक्स = प्रतिबिम्ब, साया, परछाईं
आबले = छाला, फफोला
शिकन = झुर्रियां, बल
#OpenPoetry #prempushp #try #something #different #उजड़ा_हुआ_आशियाँ #शायरी #बेकारी #मुहोब्बत   #मुहफेरों_से_बच_के_रहना

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