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Md Adnan Rabbani
एक राह मिली थी जिंदगी की तेरे मिल जाने से। सब कुछ बदल गया है जान तेरे बदल जाने से।। Adnan Rabbani's Shayari • #एक #राह मिली थी #जिंदगी की तेरे #मिल जाने से। #सब कुछ #बदल गया है #जान तेरे बदल #जाने से।। #sad_shayari #breakup_shayari #mdadnanrabbani contact - mdadnanrabbani@gmail.com
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दिल को तेरे बाद करार नहीं आता| काश दरमियान - ए - दो दिल दरार नहीं आता|| Dil Ko Tere Bad Karar Nhi Aata Kash Darmiyan - e - Do Dil Darar Nhi Aata Adnan Rabbani's Shayari • दिल को तेरे बाद करार नहीं आता| काश दरमियान - ए - दो दिल दरार नहीं आता|| contact - mdadnanrabbani@gmail.com #love #brokenheart #breakup #truelove #mdadnanrabbani
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अश्क़ की आदत हुई इश्क़ के अन्जाम में| गम - ए - सहर भूल जाता हूँ शाम में|| भुला देता है गम पीना, ग़ालिब तेरा| शिफा मर्ज का मेरे कहाँ रखा है जाम में|| Ashq Ki Aadat Hui Ishq Ke Anjam Me Gum - e - Sahar Bhool Jata Hun Sham Me Bhula Deta Hai Gum Pina, Galib Tera Shifa Marj Ka Mere Kahan Rakha Hai Jam Me اشق کی عادت ہوئی عشق کے انجام مے گمے سحر بھول جاتا ہوں شام میں بھلا دیتا ہے گم پینا گالب تیرا شفاء مرض کا میرے کہاں رکھا ہے جام میں Adnan Rabbani's Shayari • अश्क़ की आदत हुई इश्क़ के अन्जाम में| गम - ए - सहर भूल जाता हूँ शाम में|| भुला देता है गम पीना, ग़ालिब तेरा| शिफा मर्ज का मेरे कहाँ रखा है जाम में|| Ashq Ki Aadat Hui Ishq Ke Anjam Me Gum - e - Sahar Bhool Jata Hun Sham Me
Adnan Rabbani's Shayari • अश्क़ की आदत हुई इश्क़ के अन्जाम में| गम - ए - सहर भूल जाता हूँ शाम में|| भुला देता है गम पीना, ग़ालिब तेरा| शिफा मर्ज का मेरे कहाँ रखा है जाम में|| Ashq Ki Aadat Hui Ishq Ke Anjam Me Gum - e - Sahar Bhool Jata Hun Sham Me
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तेरे दिल से मैं निकल गया, तेरी खता क्या है| मेरी हकिकत तेरी नज़रों में अब बता क्या है|| एक गुल से था गुलजार चमन मेरा| वीरान दिल की बस्ति है और कुछ बचा क्या है || Tere Dil Se Main Nikal Gya, Teri Khata Kya Hai Meri Haquikat Teri Najron Me Ab Bata Kya hai Ak Gul Se Tha Guljar Chaman Mera Wiran Dil Ki Basti Hai Or Kuch Bacha kya Hai तेरे दिल से मैं निकल गया तेरी खता क्या है| मेरी हकिकत तेरी नज़रों में अब बता क्या है|| एक गुल से था गुलजार चमन मेरा| वीरान दिल की बस्ति है और कुछ बचा क्या है || #breakupshayari #hindishayari #urdushayari #love #mdadnanrabbani
तेरे दिल से मैं निकल गया तेरी खता क्या है| मेरी हकिकत तेरी नज़रों में अब बता क्या है|| एक गुल से था गुलजार चमन मेरा| वीरान दिल की बस्ति है और कुछ बचा क्या है || #breakupshayari #hindishayari #urdushayari #Love #MdAdnanRabbani
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ये जमाना अब यूँ है के इसको टोको मत| येजो करते हैं सो बेहतर है इनको रोको मत|| हम दुश्मन हुए उनकी निगाहों में रोक टोक कर| वकत काफी है सिखा देने को जिंदगी के पेंचोखम, उनको ठोको मत|| Ye jaman Ab Youn Hain Ke Isko Toko Mut Ye Jo Krte Hain So Behtar Hai Inko Roko Mut Hum Dushman Hue Unki Nigahon Me Rok Tok Kar Waquat Kafi Hai Sikha Dene Ko Jindagi Ke Pench - o - Khum, Unko Thoko Mut Adnan Rabbani's Shayari • ये जमाना अब यूँ है के इसको टोको मत| येजो करते हैं सो बेहतर है इनको रोको मत|| हम दुश्मन हुए उनकी निगाहों में रोक टोक कर| वकत काफी है सिखा देने को जिंदगी के पेंचोखम, उनको ठोको मत||
Adnan Rabbani's Shayari • ये जमाना अब यूँ है के इसको टोको मत| येजो करते हैं सो बेहतर है इनको रोको मत|| हम दुश्मन हुए उनकी निगाहों में रोक टोक कर| वकत काफी है सिखा देने को जिंदगी के पेंचोखम, उनको ठोको मत||
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The story is, भूल चुकी है उम्मत नबी के अर्कान सरे| यूंही नहीं हुए हैं ये बदनाम सारे|| दीवाना दफ्तर दफ्तर दौरे कामयाबी की चाह में| क्या कान बंद कर के सुनते हैं ये अजान सरे || Bhool Chuki Hai Ummat Nabi Ke Arkan Sare Younhi Nhi Huye Hain Ye Badnam Sare Diwana Daftar Daftar Daure Kamyabi Ki Chah Me Kya Kan Band Kr Ke Sunte Hain Ye Ajan Sare भूल चुकी है उम्मत नबी के अर्कान सरे| यूंही नहीं हुए हैं ये बदनाम सारे|| दीवाना दफ्तर दफ्तर दौरे कामयाबी की चाह में| क्या कान बंद कर के सुनते हैं ये अजान सरे || Bhool Chuki Hai Ummat Nabi Ke Arkan Sare Younhi Nhi Huye Hain Ye Badnam Sare
भूल चुकी है उम्मत नबी के अर्कान सरे| यूंही नहीं हुए हैं ये बदनाम सारे|| दीवाना दफ्तर दफ्तर दौरे कामयाबी की चाह में| क्या कान बंद कर के सुनते हैं ये अजान सरे || Bhool Chuki Hai Ummat Nabi Ke Arkan Sare Younhi Nhi Huye Hain Ye Badnam Sare
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जलील क्यों न होते हम इस ज़माने में| कितने नजर आते हैं इबादत खाने में|| सनम की याद से फुरसत कहाँ, चमन के मशरूफियत से फुर्सत कहाँ| खुदा तो याद आते हैं रणजोमहन के ज़माने में|| Jalil Q Na Hote Hum Is Jamane Me Kitne Najar Aate Hain Ibadat Khane Me Sanam Ki Yad Se Fursat Kahan, Chaman Ke Mashrufiyat Se Fursat Kahan Khuda To Yad Aate Hain Ranj - o -Mahan ke Jamane me Adnan Rabbani's Shayari • जलील क्यों न होते हम इस ज़माने में| कितने नजर आते हैं इबादत खाने में|| सनम की याद से फुरसत कहाँ, चमन के मशरूफियत से फुर्सत कहाँ| खुदा तो याद आते हैं रणजोमहन के ज़माने में||
Adnan Rabbani's Shayari • जलील क्यों न होते हम इस ज़माने में| कितने नजर आते हैं इबादत खाने में|| सनम की याद से फुरसत कहाँ, चमन के मशरूफियत से फुर्सत कहाँ| खुदा तो याद आते हैं रणजोमहन के ज़माने में||
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हमको जो समझते हैं आप हम वह थोड़ी हैं| हमभी अकबरे आज़म के गुल सलीम से कम थोड़ी हैं|| Hmko Jo Samajhte Hai Aap Hum Wah Thori Hain Humbhi Akbar - e - Azam Ke Gul Salim Se Kam Thori Hain Adnan Rabbani's Shayari • हमको जो समझते हैं आप हम वह थोड़ी हैं| हमभी अकबरे आज़म के गुल सलीम से कम थोड़ी हैं|| #attitude #love #mdadnanrabbani
Adnan Rabbani's Shayari • हमको जो समझते हैं आप हम वह थोड़ी हैं| हमभी अकबरे आज़म के गुल सलीम से कम थोड़ी हैं|| #Attitude #Love #MdAdnanRabbani
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अच्छा न रखो मुझसे मतलब कोई| काश इस दिल को भी न होता तुझसे उल्फ़त कोई || Achcha Na Rakho Mujhse Matlb Koi Kash Is Dil Ko Bhi Na Hota Tujhse Ulfat Koi Adnan Rabbani's Shayari • अच्छा न रखो मुझसे मतलब कोई| काश इस दिल को भी न होता तुझसे उल्फ़त कोई || #mdadnanrabbani #hindi #urdu #love #breakup #sad #alone
Md Adnan Rabbani
हम वहां नहीं रहे तुम जहाँ नही रहे| तुम जहाँ नही रहे गम वहीँ कही रहे|| Hum Wahan Nhi Rahe Tum Jahan Nhi Rahe Tum Jahan Nhi Rahe Gum Wahin Kahin Rahe Adnan Rabbani's Shayari • हम वहां नहीं रहे तुम जहाँ नही रहे| तुम जहाँ नही रहे गम वहीँ कही रहे|| #hindi #urdu #mdadnanrabbani #love #romance
Adnan Rabbani's Shayari • हम वहां नहीं रहे तुम जहाँ नही रहे| तुम जहाँ नही रहे गम वहीँ कही रहे|| #Hindi #urdu #MdAdnanRabbani #Love #romance
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