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Rupesh
White परिवार से ही हमारा अस्तित्व है बिन परिवार कुछ भी नही ©Rupesh #परिवार_का_प्यार
Shishpal Chauhan
सबसे प्यारा मेरा परिवार, उससे करते हैं बहुत प्यार। पापा-दादा है बहुत प्यारे बच्चे हैं सब उनके दुलारे। मम्मी-दादी बहुत प्यारी, सबकी करती वे रखवारी। कहानी सुनाएं प्यारी-प्यारी, उनकी बातें हैं बहुत ही न्यारी। बच्चों से घर की खिल जाती फुलवारी, सबसे अच्छी बात हमारी। जानवरों से भी करते प्यार , समझते उनको हम अपना यार। एक-दूजे से प्यार करते ढेर सारा, सबसे बढ़िया परिवार हमारा। ©Shishpal Chauhan #परिवार_का_प्यार
Vivek Pandey 321
या खुदा अपनी अदालत में मेरी भी खफा रखना मैं रहूं या ना रहूं मेरे परिवार को सलामत रखना,,,,,,,,🙏 ।।परिवार।। ©Vivek Pandey 321 #परिवार_का_प्यार
अनजान मुसाफ़िर
कैसे कैसे खुदको बदला हूं मैं बस उनसे पूछो, जिन्हें दिल ने गैर समझ लिया है ©Sujeet Sharma #परिवार_का_प्यार
अनजान मुसाफ़िर
उन्हें ख़बर थी! कि मैंने घोंसला तिनकों से बनाया है *होकर बेखबर मेरी हकीकत से* सुना है... वो अंगारे लेकर हाथों में, मेरा आंगन रौशन करने आएंगे* ©Sujeet Sharma #रिश्ता💑 #परिवार_का_प्यार gudiya Suman Zaniyan Sakshi Gupta my world my story
रिश्ता💑 #परिवार_का_प्यार gudiya Suman Zaniyan Sakshi Gupta my world my story
read moreअनजान मुसाफ़िर
खुदको ढूंढता रहा, *कभी यहां तो कभी वहां* कोई मिला नहीं, *ना जाने कितने बुरे थे हम*❣️ ©Sujeet Sharma #परिवार_का_प्यार #रिश्ते_आजकल #बटवारा gudiya Sakshi Gupta Suman Zaniyan Zarna dayma Author shivam kumar mishra
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read moreअनजान मुसाफ़िर
लिखता हूं, मिटाता हूं *हजारों दफा* लेकिन दिल के तड़प को *अब लिख नहीं पाते*❣️ ©Sujeet Sharma #ख़ामोशी #परिवार_का_प्यार #बचपन_की_यादें gudiya Suman Zaniyan Sakshi Gupta Author shivam kumar mishra Zarna dayma
#ख़ामोशी #परिवार_का_प्यार #बचपन_की_यादें gudiya Suman Zaniyan Sakshi Gupta Author shivam kumar mishra Zarna dayma
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काश... "वो थाम लेते, आकर हांथ मेरा न जाने, कब से लड़खड़ा रहा हूं" ©Sujeet Sharma #परिवार_का_प्यार #साथ #एहसासदिलोंके gudiya Suman Zaniyan Sakshi Gupta Author shivam kumar mishra Zarna dayma
#परिवार_का_प्यार #साथ #एहसासदिलोंके gudiya Suman Zaniyan Sakshi Gupta Author shivam kumar mishra Zarna dayma
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अब दर्द कितना है? *मुझसे पूछो* अपना दर्द कहां याद होगा *मतलब के दरिंदों को* अपने ही जख्मों को *खुद से दिखाकर* मैं भला कब तक बांधता, *उड़ते परिंदों को* ©Sujeet Sharma #मतलबी_दुनिया #मतलबी_लोग #झूठा_रिश्ता #परिवार_का_प्यार gudiya Sakshi Gupta Author shivam kumar mishra Zarna dayma my world my story
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