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somnath gawade
मध्यमवर्गीयांना वस्तू खरेदीबरोबर 'बार्गेनींग' यशस्वी होण्यात जास्त आनंद आहे.😂🤣😁 #५/३६५-बार्गेनींग
#५/३६५-बार्गेनींग
read moresomnath gawade
चार-चौघांकडून आपल्या चांगल्या कामावर 'शिक्का'मोर्तब झाले की, 'ठसा' उमटवायला हरकत नाही.🤣😂 #५/३६५-शिक्कामोर्तब
#५/३६५-शिक्कामोर्तब
read moreyogesh atmaram ambawale
खूप दिवसांनी मनातलं माझ्या तिला सांगावे वाटले, आणि मग सावरत मनाला, पाय माझे आपसूक तिच्याकडे वळले. प्रिय मित्र आणि मैत्रिणींनो आजचा विषय आहे मनातलं माझ्या.. #मनातलंमाझ्या चला तर मग लिहूया. #collab #yqtaai #YourQuoteAndMine
प्रिय मित्र आणि मैत्रिणींनो आजचा विषय आहे मनातलं माझ्या.. #मनातलंमाझ्या चला तर मग लिहूया. #Collab #yqtaai #YourQuoteAndMine
read moreyogesh atmaram ambawale
पाहताच तिला... माझं भान हरपलं. सांगावे,कित्येकदा ठरवलं.. पण ओठांनी अबोला धरलं. शेवटी मनातलं माझ्या... माझ्या मनातच राहिलं. प्रिय मित्र आणि मैत्रिणींनो आजचा विषय आहे मनातलं माझ्या.. #मनातलंमाझ्या चला तर मग लिहूया. #collab #yqtaai #YourQuoteAndMine
प्रिय मित्र आणि मैत्रिणींनो आजचा विषय आहे मनातलं माझ्या.. #मनातलंमाझ्या चला तर मग लिहूया. #Collab #yqtaai #YourQuoteAndMine
read moreDeepali Mestry
जिद्द आज दगडातून रोपं उगवलेली पाहिली कळेचना जीवन जगण्याची ही जिद्द कुठली शब्दवेडी #५/३६५
#५/३६५
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अक्स़र उलझ़न बढा़ देते है इन्सान और किताबें कुछ़ भी राय बनाने से पहले पढ़ना जो पड़ता है शब्दवेडी #५/३६५
#५/३६५
read moreDeepak Malgaonkar
रोते हुअए मेरे पास् आये थे। बोला कि तुम् बदल् गये हो। हम् ने हस् के केह् दिया। हम् बदल् गये थे। जब् तुम् चले गये थे। सिर्फ् तुम् से, ©Deepak Malgaonkar #अलोन् #प्रेम् #मोहब्बत् #५ #४७ #think
veena khandelwal
🥰😀#कहमुकरी🎉😀 #१ मन मेरा है बहका बहका। जिससे तन है महका महका। शीष लगा कर करते वंदन। क्या सखी साजन?न सखी चंदन!! #२ मन मयूर पग पैंजन पहना। आहट सुन झट पहना गहना। अणु अणु प्रेम फुहारित हर्षा। क्या सखी साजन?ना सखी वर्षा !! #३ मैं कुछ लिखी पकड़ के झूमी। फिर कस के पकड़ी मैं चूमी। यह सुखदा अहसास अति नरम। क्या सखी साजन?ना सखी कलम ! #४ सुनो रात जब मैं सो जाती। आता बिना दीया और बाती। लगता फिर वो बहुत ही अपना। क्या सखी साजन?ना सखी सपना !! #५ करि श्रंगार आज मैं नाची। पद थिरकन कुछ बोला सांची। बिन आवाज़ नैन बहा अंजन। का सखी साजन?ना सखी पैजन । #६ छेड़-छाड़ ज़ुल्फों से करता। आंचल खींच बांह में भरता। कभी बंद हो जाते नयन। का सखी साजन !ना सखी पवन।। वीणा खंडेलवाल तुमसर ( महाराष्ट्र) ©veena khandelwal
slni
.. वो समय जिसको कह सकते हैं जिंदगी बदलने वाला क्षण जिसको भगवान ने सालवी के लिए रखा था। पहली क्लास ख़तम हो गई अब बारी आई दूसरी क्लास की। सालवी और पूनम को पता नहीं था कि कौन सी क्लास होगी अब, सुनने मे आया हिंदी, तभी एंट्री होती है एक नौजवान की गठीला बदन, रौबदार मुछें, डार्क कलर की पैंट हलके हरे या जिसको आम बोल चाल की भाषा में सुआपंखि रंग कहते हैं, रंग की शर्ट, हाथ में मोटा कलावा खैर पता चलता है हिन्दी टीचर हैं, अब पूनम और सालवी को शॉक लगना लाजमी था कि अरे ये बन्दा और हिंदी टीचर, लगता ही नहीं क्योंकि हिंदी जैसा विषय ऐसा लगता है कोई उम्र दराज व्यक्ति ही पढ़ाएगा.. क्रमशः #प्रेमांकुर #भाग#५