Find the Best मटकी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutजोबट की मटकी, टूट जाएगी मटकी मेरी, रूह मेरी मटकी मटकी, मेरी फूट जावेगी मटकी, या मैंने मटकी फोड़ी,
Ghumnam Gautam
अपने और पराए के जो भेद थे वो खो गए राधिका के यूँ हुए कि कृष्ण सबके हो गए दधि की मटकी फोड़ी और गीता-ज्ञान भी दिया लीलाओं की माला यूँ थे लीलाधर पिरो गए ©Ghumnam Gautam #janmashtami #मटकी #गीता #कृष्ण #राधिका #ghumnamgautam #अपने #पराए
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read moreAnkit Srivastava
वक़्त की पहियों के तले मेरे हर ख़्वाहिशों की मटकी टूट गई। #ankit_srivastava_thoughts #yq_ankit_srivastava #वक़्त #ख़्वाहिशें #मटकी #yqhindi #yqdidi #love
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read morePrachi Gupta
सोंधी सी खुशबू उसकी, वो गीली मिट्टी चाक पर घुमते हुए इतरा रही थी गोल गोल घूमता हुआ चाक ओर उसपे घूमते हुए कुम्हार के हाथ साहब वो अकेली थीu बस उसे थोड़े प्यार की जररूत थी घूमते हुए हाथ, उसे बस सही साथ कि जरूरत थी गोल गोल हाथ घूमे मिट्टी बन मटकी इतराती हुई झूमे फिर कुम्हार ने उस सांचे को आंच पर भी तपाया थोड़ा सा कष्ट हुआ उसे, लेकिन उसी ने उसको मजबूत अंदर से था बनाया कुम्हार ने मटकी को अपने हाथ से था सजाया तब जाकर वो सुंदर रूप उसे था कहि दे पाया गोल गोल घूमता हुआ चाक ओर उसपे घूमते हुए कुम्हार के हाथ उसने रख उसकी असाव तय कराया उसने मिट्टी से मटकी तक पड़ाव इस पड़ाव में उसका बढ़ गया था भाव इस सफर के बाद , शुरू हुई उसकी एक लंबी असफार जोकि लंबी बहुत थी इस असफार मे उसके साहब भी बहुत थे इस सुंदर रूप को चाहने वाले बढ़ गए जो बहुत थे कुम्हार ने कभी इसे दिया तो दिया कभी उसे सुंदर रूप का चक्कर था गुरुर उसका पूरे टक्कर का था इस चक्कर मे गुरुर उसका बढ़ गया था आराइश थी कुम्हार की लेकिन गुरुर में सब वो अपने भूल गया था इधर उधर के चक्कर में अपने ही झूठे सुरूर में गिर कर उसके साथ उसका गुरुर भी टूट गया था इस चक्कर मे वो किसी का ना हो पाया हो चकनाचूर मिटा लिया था उसने अपना ही साया फिर वो बिगड़ा रूप किसी को ना भाया....
ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
भगवान कृष्ण की हर कर्म (लीला)के पीछे,,,,एक महान गुढ रहस्य व मानव जाति के लिये "एक संदेश"होता है,,,,,,,,,,,जिन्हे समझने मे कई साल लग जाते है----------- कृष्ण की मटकी फोड लीला ----महज हमारे लिये एक आनंदोत्सव ही नही बल्कि एक महान शिक्षा है,,,,,कि मंजिल कितनी है दुर व विकट हो """वहाँ निराश हो कर नही बल्कि मिलकर प्रयास करना चाहिये,,,,और प्रयास भी ऐसा जिस मे सार्थकता हो,,,,,, हम देखते है कि"""""मटकी फोड ने लिये एक नही अनेक लोगो की जरुरत होती है,,,,, अनेक लोग भी सभ्य व सफल नही ,सबल नही बल्कि"""मान
भगवान कृष्ण की हर कर्म (लीला)के पीछे,,,,एक महान गुढ रहस्य व मानव जाति के लिये "एक संदेश"होता है,,,,,,,,,,,जिन्हे समझने मे कई साल लग जाते है----------- कृष्ण की मटकी फोड लीला ----महज हमारे लिये एक आनंदोत्सव ही नही बल्कि एक महान शिक्षा है,,,,,कि मंजिल कितनी है दुर व विकट हो """वहाँ निराश हो कर नही बल्कि मिलकर प्रयास करना चाहिये,,,,और प्रयास भी ऐसा जिस मे सार्थकता हो,,,,,, हम देखते है कि"""""मटकी फोड ने लिये एक नही अनेक लोगो की जरुरत होती है,,,,, अनेक लोग भी सभ्य व सफल नही ,सबल नही बल्कि"""मान
read moreIrshad Ali Ishaque
#याराना इतना #बरकरार रखो की #मजहब बीच में न #आये कभी तुम उसके #उर्स में चले जावो कभी वो #तुम्हारी #मटकी में #चले_आये
Anuradha Narendra Chauhan
जनम लियो नंदलाला गोकुल में धूम मची सांवला सलोना गोपाला यशोमती मैया मुख चूम रही नन्हे हाथों में पहन कंगना घनश्याम खेलें नंद के अंगना ढुमक-ढुमक चले पहन पैंजनी रत्न जड़ित बंधी कमर करधनी सांवला सलोना गोपाला यशोमती मैया मुख चूम रही गले पहन माल बैजयंती तोड़न लागे माखन मटकी भोली सूरत कर माखन चोरी कहें मैया से नहीं मटकी फोड़ी सांवला सलोना गोपाला यशोमती मैया मुख चूम रही नटवर नागर कृष्ण कन्हैया नाच नचाएं बंशी बजैया बंशी की धुन पर झूमते-गाते सबके मन को कृष्ण रिझाए सांवला सलोना गोपाला यशोमती मैया मुख चूम रही नीलवर्ण पीताम्बर धारी रास रचाए गोवर्धन धारी झूमे ब्रज झूमे बरसाना बड़ा नटखट नंद का लाला सांवला सलोना गोपाला यशोमती मैया मुख चूम रही ***अनुराधा चौहान***स्वरचित ✍️ #कृष्ण #कन्हैया
Yogesh BASWAL
Happy Janmashtami हे कृष्णा #Happy_Janmasthmi_🙏❣ #सुन_मेरी_राधा 🧝🏻♀ लगा लेना😇 हर #मुस्किले😈 #मेरे🙋🏻♂ ओर #मटकी 🏺के बीच मे😏 इस #कान्हा🧝🏻♂ का #चेलेंज हे ☝ #मटकी ⚱भी तोड़ूँगा🔨 ओर #माखन🍯 भी खा कर😍 रहूँगा😋 Yogesh
Laxman 7877 Swami
अधरों पर मुरली वाले। फोड़ने को मटकी वाले। जनम गए हैं जनम गए हैं । देखो माँ यशोदा के लाले। रास रचाये गोपियाँ के संग। गाय चराये इस वन उस वन। मटकी फोड़े गोपियों के ये। चोर कहाये हैं ये माखन। सर्वनास को कंश के आये। वशुदेव गोकुल पहुंचाए। जन्म लिया मा देवकी को। पर यशोदा के लाल कहाए। अवतार हैं विष्णु का ये।। पैदा हो कर कृष्ण कहाए। बढ़ा पाप था द्वापर में जब। पातकियों का संहार कराए।
शिवम मानव
अधरों पर मुरली वाले। फोड़ने को मटकी वाले। जनम गए हैं जनम गए हैं । देखो माँ यशोदा के लाले। रास रचाये गोपियाँ के संग। गाय चराये इस वन उस वन। मटकी फोड़े गोपियों के ये। चोर कहाये हैं ये माखन। सर्वनास को कंश के आये। वशुदेव गोकुल पहुंचाए। जन्म लिया मा देवकी को। पर यशोदा के लाल कहाए। अवतार हैं विष्णु का ये।। पैदा हो कर कृष्ण कहाए। बढ़ा पाप था द्वापर में जब। पातकियों का संहार कराए।
Akansha Tanwar
"मटकी, ले लो मटकी" कहानी अनुशीर्षक में पढ़े (मटकी means clay pot) #nojoto #short #kahaani #firsttimetry सुबह विदा ले चुकी थी और तपती दोपहरी अपना आक्रोश दिखा रही थी। मन विचलित सा था और दिल हताश। बहुत जगह रिज्यूमे मेल कर चुकी थी, पर कही से कोई पॉजिटिव रिस्पांस आ ही नही रहा था, शायद किसी जॉब के लायक थी ही नहीं मै। कोश रही थी बैठे-बैठे खुद को और ऊपरवाले को। शिकायते कर रही थी भगवान से उनकी ही कि हे भगवान जी शायद कुछ जल्दी जल्दी में बना दिया मुझे..सबको आपने कुछ ना कुछ टैलेंट दिया है लेकिन शायद मुझे कुछ भी देना भूल गए आप। इतने में डोर बैल बजी और कानों में एक आवाज
#Nojoto #short #kahaani #firsttimetry सुबह विदा ले चुकी थी और तपती दोपहरी अपना आक्रोश दिखा रही थी। मन विचलित सा था और दिल हताश। बहुत जगह रिज्यूमे मेल कर चुकी थी, पर कही से कोई पॉजिटिव रिस्पांस आ ही नही रहा था, शायद किसी जॉब के लायक थी ही नहीं मै। कोश रही थी बैठे-बैठे खुद को और ऊपरवाले को। शिकायते कर रही थी भगवान से उनकी ही कि हे भगवान जी शायद कुछ जल्दी जल्दी में बना दिया मुझे..सबको आपने कुछ ना कुछ टैलेंट दिया है लेकिन शायद मुझे कुछ भी देना भूल गए आप। इतने में डोर बैल बजी और कानों में एक आवाज
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