Find the Best पर्वत Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutसुमेरु पर्वत कहां पर है, मंदराचल पर्वत कहां पर स्थित है, हो गयी है पीर पर्वत सी, भ्रंशोत्थ पर्वत क्या है, अवरोधी पर्वत क्या है,
Sunil Kumar Maurya Bekhud
पत्थरों का ढेर हु पर्वत है नाम मेरा बिल्कुल हूँ मैं निठल्ला कोई न काम मेरा फिर भी मै बचाता हूँ तुफान से चमन को करता न दूर कोई बेखुद थकान मेरा ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #पर्वत
अदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C16OPfavB92/?igsh=eWVoMjJianNocXc2 #हिंदी #सविताकंसवाल #पर्वतारोहण #पर्वत #न्योछावर #सम्मान #मरणोपरांत #Instagram #Facebook #अदनासा
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Rakesh frnds4ever
दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,, कभी कन्द्राओ से कभी रेगिस्तानों से,, पर्वत पठारों से, घाटी मैदानों से शहर ओर गावों से , सभी जगहों से गुजरती हुई जब सरपट दौड़ती है तो ,, एक मधुर संगीत में कानों को घर के एहसास का सुकून देती जाति है,,..... ©Rakesh frnds4ever #Train #दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है #गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,, कभी #कन्द्राओ से कभी #रेगिस्तानों से,, #पर्वत पठारों से, #घाटी #मैदानों से शहर ओर गावों से , सभी जगहों से गुजरती हुई जब सरपट दौड़ती है तो ,,
Raj Shekhar Kumar
जब भी आवारा बादल को रोक के तू रुलाता हैं पर्वत तू मेरे महबूब के शहर की याद दिलाता हैं #पर्वत#YQdidi
Anekanth B
पर्व अतः पर्वत पर चढ़कर हुए हुतात्मा वीर जवान नगर डगर पर कोलाहल कर व्यर्थ न कर उनका बलिदान #पर्वत #Peace #YQdidi #JaiHind
Anekanth Bahubali
पर्व अतः पर्वत पर चढ़कर हुए हुतात्मा वीर जवान नगर डगर पर कोलाहल कर व्यर्थ न कर उनका बलिदान #पर्वत #Peace #YQdidi #JaiHind
Poonam Suyal
हे श्याम सुन्दर तुम पर मैं बलिहारी.. तुम ही तो हो मेरे कृष्ण मुरारी तुम पर ही मैने अपनी जिम्मेदारी डाली.. मेरे सब कष्ट हरो मेरे बाँके बिहारी गोवर्धन उठा कर जैसे सबकी विपदा हरी सारी.. मेरे अंग संग रहो मेरे कन्हैया मेरे बंसीधारी पर्वत-पहाड़ प्रकृतिप्रदत्त शोभा हैं नष्ट न करो इन्हें यह भूमि आभा है जैसे जैसे पर्वतों को छांटते जाओगे पाताल के गर्त में समाते चले जाओगे #गोवर्धनपूजा #पर्वत
पर्वत-पहाड़ प्रकृतिप्रदत्त शोभा हैं नष्ट न करो इन्हें यह भूमि आभा है जैसे जैसे पर्वतों को छांटते जाओगे पाताल के गर्त में समाते चले जाओगे #गोवर्धनपूजा #पर्वत
read moreAbhay Bhadouriya
पुरुष स्वयं को ढाल लेता है भावनाओं को नियंत्रित करके सबकुछ सहकर भी रहता है अटल सा किसी " पर्वत" की तरह... स्त्री स्वयं को ढाल लेती है स्वयं को स्वयं तक सीमित करके सबकुछ आपने भीतर सहेज कर भी शांत सी किसी "समुद्र" की तरह....... मैंने अक्सर देखा है समुद्र की लहरों को पर्वत से टकराते हुए बदलाव का दौर पुरुष स्वयं को ढाल लेता है भावनाओं को नियंत्रित करके सबकुछ सहकर भी रहता अटल सा किसी " पर्वत" की तरह... स्त्री स्वयं को ढाल लेती है
बदलाव का दौर पुरुष स्वयं को ढाल लेता है भावनाओं को नियंत्रित करके सबकुछ सहकर भी रहता अटल सा किसी " पर्वत" की तरह... स्त्री स्वयं को ढाल लेती है
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