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#Mr.India
मेरे प्यारे बाबा, मैंने आपकी प्रेरणा से ही सीखा है, जीवन में परिवर्तन अनिवार्य है, उन परिवर्तनों से सीखना, और निरंतर एक प्रवाह में बहते रहना, रुक कर असफल हो जाना जीवन का लक्ष्य नहीं, जीवन तो हर एक हार के बाद, पुनः नई ऊर्जा के साथ, अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर होना है..!! ©#Mr.India मेरे प्यारे बाबा, मैंने आपकी प्रेरणा से ही सीखा है, जीवन में परिवर्तन अनिवार्य है, उन परिवर्तनों से सीखना, और निरंतर एक प्रवाह में बहते रहना, रुक कर असफल हो जाना जीवन का लक्ष्य नहीं, जीवन तो हर एक हार के बाद,
मेरे प्यारे बाबा, मैंने आपकी प्रेरणा से ही सीखा है, जीवन में परिवर्तन अनिवार्य है, उन परिवर्तनों से सीखना, और निरंतर एक प्रवाह में बहते रहना, रुक कर असफल हो जाना जीवन का लक्ष्य नहीं, जीवन तो हर एक हार के बाद,
read moreDaljeet Singh
LiteraryLion
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय।। जय जय श्रीराम।। 🌹😍 🔱जय बजरंगबली🔱
read moreGunjan Agarwal
हे शिव शंकर हे गिरिजापति शंभु प्रजापति दीन दयाला। हे डमरू धर देव शिरोमणि हे कवची शिति कण्ठ निराला। हे शशिशेखर गंग जटाधर लोक त्रिलोकहु फेरत माला। नाथ अनाथन के प्रभु जी तुम हे प्रमथाधिप नाथ विशाला । ©Gunjan Agarwal #महादेव #शिव #शंकर
Shalini Nigam
खुद को जिंदा रखना है तो किस्सा नहीं कहानी बनना, सदियों तक जो याद किया जाए उस कहानी का किरदार बनना! ©Shalini Nigam #शंकर #भोल #Nojoto #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine
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read moreसिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र
दिनेश कुशभुवनपुरी
गीतिका: सावन आया सावन आया झूम-झूमकर, रिमझिम रिमझिम चली फुहार। हरियाली की चादर छायी, मनभावन सी चली बयार॥ बाग बगीचे हरे हो गये, दूर हुआ वसुधा से ताप। रंग विरंगे पुष्पों ने भी, किया चमन का हर श्रृंगार॥ कलरव करते सारे पक्षी, और मयूरा करता नृत्य। कोयल कूँक कूँक कर गाये, झंकृत हुआ सकल संसार॥ भोले शंकर को है प्यारा, मनभावन ये सावन मास। नीर क्षीर जो नित्य चढ़ाये, उनका करते हैं उद्धार॥ सावन आये नाग पंचमी, पूजे जाते विषधर नाग। दूध पिलाया जाता उनको, जो हैं प्रभु शंकर के हार॥ सावन में सखियाँ सब मिलकर, गाएं प्यारे कजरी गीत। झूला झूलें झूम झूमकर, लेकर मन मे खुशी अपार॥ कूढ़ी कुश्ती कला कबड्डी, मिट्टी में खेले सब लोग। सजता दंगल गाँव गाँव में, लगता है प्यारा त्यौहार॥ शुभ शुभ सुंदर सुरभित सावन, मस्त मस्त मोहक मधुमास। हरियाली से हुआ सुशोभित, सकल धरा पर बाँटे प्यार॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी #गीतिका #सावन #रिमझिम #भोले #शंकर