Find the Best लोकेंद्र Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutलोकेंद्र की राशि, लोकेंद्र सारे छठ के, लोकेंद्र के रसिया, लोकेंद्र सिंह चौहान, लोकेंद्र सिंह,
Lokendra Roy
ये अल्फाज हम कही से उधार नहीं लेते है। वो तुम्हें देख कर दिल बगावत कर बैठता है। ©Lokendra Roy #smog #लोकेंद्र #new_post #Imagination #alfaaz
#smog #लोकेंद्र #new_post #Imagination #alfaaz
read moreLokendra Thakur
समय का फेरा रे,,, ये कहाँ ठहरा रे समय का फेरा रे,,, ये कहाँ ठहरा रे ==================== भौर भये और फिर दुपहरी तपती धूप बने फिर सुनहरी। अधूरी रही जो बाते सूरज की सांझ का दीपक करे हैं पूरी । सांझ ढले और बस रात का डेरा रे समय का फेरा रे, ये कहाँ ठहरा रे ।। ===================== ओ मुसाफिर कौन साथ है तेरे सब कुछ तो कयास हैं तेरे अपनी दिशा को तू साध ले जो बीत गया,अब नहीं हाथ तेरे पीछे तो हैं बस, अंधियार घनेरा रे समय का फेरा रे, ये कहाँ ठहरा रे ।। लोकेंद्र की कलम से ✍️ #लोकेंद्र की कलम से
#लोकेंद्र की कलम से
read moreLokendra Thakur
दिन से तुम्हारा रिश्ता हैं और रात मेरी लगती हैं जहां मिलते थे हम,वो शाम न जाने किसकी थी। दिन डूब जाता हैं रोज, और रात गहरी लगती हैं गुजरी हैं नाम किसी के,शाम न जाने किसकी थी। दिन तन्हा रहता है जब रात भी अकेली लगती हैं अब भी ख्वाबो में आती हैं,शाम न जाने किसकी थी। लोकेंद्र की कलम से ✍️ #लोकेंद्र की कलम से
#लोकेंद्र की कलम से
read moreLokendra Thakur
संवेदना के आंगन में जब क्रूरता घर कर जाती हैं मर जाती हैं शुचिता और कर्मण्यता मर जाती हैं करूणा,वेदना, हो गये मनुज स्वभाव के विलोम मनुष्य के इन कृत्यो से तो पशुता भी ड़र जाती हैं।। लोकेंद्र की कलम से ✍️😔 #RIPHUMANITY#लोकेंद्र
Lokendra Thakur
आसमां बादलों की गिरफ्त में है हवाये भी कहाँ अपनी हद में है । नयी तदबीरो से जीना सीख लो शहर अपना तूफां की जद में है । कयामत नयी ढूंढ कर ला रहा है यह नया साल बड़ी फुरसत में है । जिंदगी को मोहब्बत से ताबिश कर सुकूं क्या रोज तुझे इस नफरत में हैं। ख्वाहिशें कितनी छोटी हो गई हैं अब जीना ही सबकी हसरत में है । कितने सबक याद रखेगा ये जहां भूलना आदमी की फ़ितरत में है । (तदबीर-युक्ति,ताबिश-जगमग) लोकेंद्र की कलम से ✍🏻 #लोकेंद्र की कलम से
#लोकेंद्र की कलम से
read moreLokendra Thakur
आसमां पर रंगत फिर से आसमानी आयी हैं हवा बोली शजर पर फिर से जवानी आयी हैं । खुद समंदर भी छोड़ सकता है खारे मिजाज को ठहरी नदियों में भी फिर से रवानी आयी हैं । दश़्तो के बाशिंदे निकल कर आये हैं शहर में शायद उन्हें भी तो याद मिट्टी पुरानी आयी हैं । बस मसीहा बन,ये खुदा बनने की हैं तलब क्यों कुदरत यही तो बताने मुँह जबानी आयी हैं । मुझे असीरी में देख कर तरस आ गया उसको बतियाने चिलमन पर चिड़िया सयानी आयी हैं । बड़ी मुद्दतो के बाद लौट कर आया है बचपन बुजूर्गों की जुबां पर फिर से कहानी आयी है । शहर में बैठ कर अंदाजा नही लगा सकता हूँ गाँव तक जाने में उसे क्या परेशानी आयी हैं । आसमां से उतर कर, घरौंदो में ही ठहर जाते मर्ज लेकर कुछ परिंदो की नादानी आयी हैं। (दश्त-जंगल, असीरी-कैद) लोकेंद्र की कलम से ✍️ #लोकेंद्र की कलम से
#लोकेंद्र की कलम से
read moreLokendra Thakur
इश्क़ लिखता हूँ ✍️ताकी उनसे नज़दीकीयां बढ़े 💕 कम्बखत सुर्खियां कोरोना की फासले बढ़ा देती हैं 😷 लोकेंद्र की कलम से ✍️ #Fire#लोकेंद्र की कलम से
Lokendra Thakur
अंधेरा उन्माद में हो कितना भी, भौर के होने में भी, नहीं संशय हैं अस्त होकर, पुनः होना हैं उदित स्वयं सूर्य का भी यही निश्चय हैं (corona से डरो ना) लोकेंद्र की कलम से ✍️ #Morning#लोकेंद्र की कलम से
Lokendra Thakur
आस लगाये बैठे हैं अकिंचन आन पड़ी है ये, विपदा भारी रघुवीर की पीर हरे हो आप आप ही विपदा हरो हमारी । रोग शोक सब घेरे खड़े है, इस बिगड़ी को आप संवारो बेगि हरो कष्ट हनुमान महाप्रभु, संजीवनी लेकर पधारो करो कृपा मनु जन पर अब, हरो सब पाप संकट हमारो सब ही जानत हैं जग में प्रभु,संकट मोचन नाम तिहारो । सियावर राम चंद्र जी की जय, रामभक्त हनुमान जी की जय लोकेंद्र की कलम से ✍️ #लोकेंद्र की कलम से
#लोकेंद्र की कलम से
read moreLokendra Thakur
क्षण क्षण अग्रसर तम वर्चस्व स्थापित करने को दीप भी तत्पर हैं युद्ध में सर्वस्व ज्ञापित करने को । भले ही हो सभी दिशायें तम के वशीभूत में, दीप भी नहीं मौन, खड़ा हैं शक्ति रूप में । तमस तो घोर हैं, घोर और कुद्ध होगा आशवस्त हैं हम,साहसी दीप न अवरूद्ध होगा गाथा दीप के विजय की युगों तक विदित होगी तम की होगी पराजय और नवीन उदित भौर होगी। (लोकेंद्र की कलम से ✍️) #लोकेंद्र की कलम से
#लोकेंद्र की कलम से
read more