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Aparna Pathak
vinay jawa
White वृक्ष, नदिया, जल, वायु स ना त न है सत्य सनातन प्रकृति से ही ये सत्य स्वीकारने को त्यार नहीं। जो प्रकृति को छोड़ आगे बड़े, यह सनातन का उद्धार नही।। ©vinay jawa #lonely_quotes #savebirds #Save_water #Save_Earth #save_tree #saveanimal #save_nature
Ramganesh
Look after the land and the land will look after you, destroy the land and it will destroy you ©Sri Ram Industries #WorldEnvironmentDay #save_nature
#WorldEnvironmentDay #save_nature
read moreAdarsh Singh
Nature is mother but by troubling your mother you get a step forward to hell🌦️ ©Adarsh Singh #Aurora #nature #Mother #each #save_life #save_nature
#Aurora #Nature #Mother #each #save_life #save_nature
read moreR.R Sahoo
Take some time Think about future Plz 🙏 save "Nature". #Think_about_it #Save_nature #Natureholic #me#mythoughts #lilywritting #yourqoutes
Soumya Ranjan Mishra
" अहमियत क्या है इंसानियत व इंसाफ़ की? यहां तो परवरिश होती है गुनेहगार की।" ओ मूढ़ जगत के प्राणी! रोज़ क्यों तुम जीना चाहते हो, ख़ुद के जीने के लिए दूसरों का हक़ छीनलेते हो? भगवान् ने बनाया यह संसार, लिया पेड़-पौधे, पशु, पक्षी और इंसानों का भार समझ, गौरव, घमंड, ताकत इंसान को ही सब मंज़ूर-ए-क़ुदरत! फिर क्यों क़त्ल छुपाते हो, दुसरे प्राणी को रुलाते हो? ख़ुद का दर्द जतालेते हो, मगर उन्हें क्यों मिटा देते हो? यह न डर है, न दुआ और न इबादत। यह न प्यार है, न शौक़ीन आदत। मत छेड़ो तुम ईमान-ए-ख़ुदा को, रहमत से उनके सुधारलो जीवन को! अपने लिए तो इंसानियत का वादा करते हो, कभी ग़लती का इंसाफ़ चाहते हो, क्यों अपनी ग़लती को दोहराते हो? " अहमियत क्या है इंसानियत व इंसाफ़ की? यहां तो परवरिश होती है गुनेहगार की।" ओ मूढ़ जगत के प्राणी! रोज़ क्यों तुम जीना चाहते हो, ख़ुद के जीने के लिए दूसरों का हक़ छीनलेते हो? भगवान् ने बनाया यह संसार, लिया पेड़-पौधे, पशु, पक्षी और इंसानों का भार समझ, गौरव, घमंड, ताकत
" अहमियत क्या है इंसानियत व इंसाफ़ की? यहां तो परवरिश होती है गुनेहगार की।" ओ मूढ़ जगत के प्राणी! रोज़ क्यों तुम जीना चाहते हो, ख़ुद के जीने के लिए दूसरों का हक़ छीनलेते हो? भगवान् ने बनाया यह संसार, लिया पेड़-पौधे, पशु, पक्षी और इंसानों का भार समझ, गौरव, घमंड, ताकत
read morearrey.oh.chachu
Hey Listen I Am God I Put You Down For A Reason I Will Lift You Up For A Reason #Nature_beauty_lover #N_A_T_U_R_E_Lover #collab#Nature_lover #save_nature#save_earth#savelife #YourQuoteAndMine Collaborating with Nature Lover
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read morearrey.oh.chachu
The Day The Moment You Give Time To Yourself Then You Are On The Path Of Salvation #Nature_beauty_lover #N_A_T_U_R_E_Lover #collab#Nature_lover #save_nature#save_earth#savelife #YourQuoteAndMine Collaborating with Nature Lover
#Nature_beauty_lover #N_A_T_U_R_E_Lover #Collab#Nature_Lover #save_nature#Save_Earth#savelife #YourQuoteAndMine Collaborating with Nature Lover
read morearrey.oh.chachu
Zindagi Aur Raastey Mein Kachra Karney Kee Aadat Padh Gayee Hai Humey Koi Bag Nahi Koi Yog Hee Issey Teek Kar Saktha Hai #Nature_beauty_lover #N_A_T_U_R_E_Lover #collab#Nature_lover #save_nature#save_earth#savelife #YourQuoteAndMine Collaborating with Nature Lover
#Nature_beauty_lover #N_A_T_U_R_E_Lover #Collab#Nature_Lover #save_nature#Save_Earth#savelife #YourQuoteAndMine Collaborating with Nature Lover
read moreᴀᴍɪᴛ ᴋᴏᴛʜᴀʀɪ
प्लास्टिक हटाओ, हमारे पास प्रकृति से प्रेम करने के लिए हजारों वजह है पर क्या कोई एक वजह है कि प्रकृति हम से प्यार करे ? ©ᗩᗰIT KOTᕼᗩᖇI🙃 प्रकृति ने हमें वो सब कुछ दिया जो हमें चाहिये था, मगर हमने प्रकृति को क्या दिया ? हमने दिया बरसों तक नष्ट ना हो सकने वाले कचरे का ढेर, वायु प्रदूषण से शुद्ध हवा में घुलता ज़हर और नदियों समुद्रों में हमारे द्वारा दूषित जल जो कई प्राणियों की मौत का कारण बन रहा है। हम सब अपने स्वार्थ में इतने अन्धे हो चुके हैं कि हमें प्रकृति की फिक्र ही नहीं है। हम अपना अस्तित्व खुद ही मिटाने पर तुले हुए हैं, और साथ ही तमाम उन निर्दोष प्राणियों का भी जो अन्जान हैं इन सब चीज़ों से। हमने प्रकृति का शोषण किया हर तर
प्रकृति ने हमें वो सब कुछ दिया जो हमें चाहिये था, मगर हमने प्रकृति को क्या दिया ? हमने दिया बरसों तक नष्ट ना हो सकने वाले कचरे का ढेर, वायु प्रदूषण से शुद्ध हवा में घुलता ज़हर और नदियों समुद्रों में हमारे द्वारा दूषित जल जो कई प्राणियों की मौत का कारण बन रहा है। हम सब अपने स्वार्थ में इतने अन्धे हो चुके हैं कि हमें प्रकृति की फिक्र ही नहीं है। हम अपना अस्तित्व खुद ही मिटाने पर तुले हुए हैं, और साथ ही तमाम उन निर्दोष प्राणियों का भी जो अन्जान हैं इन सब चीज़ों से। हमने प्रकृति का शोषण किया हर तर
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