Find the Best धाक Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutlove धाकड़ छोरा, धाकड़ छोरा की फिल्म 2019, धाकड़ छोरा की कॉमेडी, धाकड़ छोरा की फिल्म, धाकड़ छोरा की पिक्चर,
Sachin Ratnaparkhe
धाक उसकी सैकड़ों में थी, गिनती उसकी शहर के बड़े-बड़ों में थी, दफ़न हुआ वो महज़ छः फीट के गड्ढे में, हालांकि ज़मीने उसके नाम कई एकड़ों में थी। :- अज्ञात/Anonymous I have read this shayari from Facebook showing reality of todays life. With due thank to those who written this (I don't know that is why given credit to अज्ञात/anonymous). #धाक
I have read this shayari from Facebook showing reality of todays life. With due thank to those who written this (I don't know that is why given credit to अज्ञात/anonymous). #धाक
read moreDEV FAIZABADI
विधा -हास्य व्यंग्य (अवधी) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~परपंची पत्नी~~~~~~~~~~~~~~ परपंची पत्नी जौ आवति है, तौ लीला अजब रचावति है। चूल्हा फूकै कै बात छोड़ के, पूरे घर का सुलगावति है।। सासु-ससुर का गियर मा लैके, पति का डियर बनावति है। जवन करै का पत्नी का सब, तवन पति का हुकुम लगावति है। जौ अंग्रेजी कै लेक्चर हांकै, तौ धाक पे धाक जमावति है। कंचित जौ ओका बोल दिया, तौ गजबै मुँह लटकावति है। औ होत सवेर कपड़ा सब लैके, राह नैहर कै अपनावति है। पति बेचारा काव करै अब, फिर हाथ जोड़ समझावति है। यहि एतने से राजी नाही, ऊ घर मा फूट करावति है। यही से देव बहुतै डेरात पै, सब कुंवारन का समझावति है करै ना शादी यस पत्नी से, जवन पूरा घर बिलवावति है। -देव फैजाबादी (हृदयेश पत्रिका में प्रकाशित २००७) #NojotoQuote परपंची पत्नी (अवधी) विधा-हास्य व्यंग्य #nojotohindi#nojotoenglish#poem#poetry#hasya
परपंची पत्नी (अवधी) विधा-हास्य व्यंग्य #nojotohindi#nojotoenglish#poem#Poetry#hasya
read moreराजेश गुप्ता'बादल'
मानो भी अखिलेश जी,बुआ बड़ी चालाक। लेना था जो ले लिया,दिखा रही अब धाक।। दिखा रही है धाक, मजबूरी थी आपकी । दोष मढ़ रही आज,यारी क्यूं की सांप की।। कह बादल कवि राय,औकात इनकी जानो। ले जाएगी खीर,फिर रार कुछ तो मानो।। राजेश गुप्ता'बादल'मुरैना मध्यप्रदेश मानो भी अखिलेश जी,बुआ बड़ी चालाक। लेना था जो ले लिया,दिखा रही अब धाक।। दिखा रही है धाक, मजबूरी थी आपकी । दोष मढ़ रही आज,यारी क्यूं की सांप की।। कह बादल कवि राय,औकात इनकी जानो। ले जाएगी खीर,फिर रार कुछ तो मानो।।
मानो भी अखिलेश जी,बुआ बड़ी चालाक। लेना था जो ले लिया,दिखा रही अब धाक।। दिखा रही है धाक, मजबूरी थी आपकी । दोष मढ़ रही आज,यारी क्यूं की सांप की।। कह बादल कवि राय,औकात इनकी जानो। ले जाएगी खीर,फिर रार कुछ तो मानो।।
read moreRajesh Raana
हर शख्स अपनी नाक पर बैठा हुआ हैं , ज्यों उल्लू कोई शाख़ पर बैठा हुआ हैं । (१) बाजार में तगादियों की कमी नही है कोई , धन्ना सेठ भी इसी धाक पर बैठा हुआ है । (२) दिखता ही नही उसके सिवा कोई और मुझे, दिलबर मेरा, मेरी आँख पर बैठा हुआ है। (३) तेरी गली में आऊं और क़त्ल हो जाऊ, रक़ीब मेरा बस इसी ताक पर बैठा हुआ है । (४) इतनी जल्दी से न खुद को कमतरी से देख, कुज़ागर तेरा अभी तो चाक पर बैठा हुआ है । (५) ज़मी का होकर आसमाँ को नापने चला "राणा" आदम तू तो अभी अपनी राख़ पर बैठा हुआ है । (६) हर #शख्स अपनी #नाक पर बैठा हुआ हैं , ज्यों #उल्लू कोई #शाख़ पर बैठा हुआ हैं । (१) #बाजार में #तगादियों की कमी नही है कोई , #धन्ना सेठ भी इसी #धाक पर बैठा हुआ है । (२) #दिखता ही नही उसके #सिवा कोई और मुझे,
Vickram Behera
असुओ से नहला दिया तुने दुख के चादर से धाक दिया तुने असुओ से नहला दिया तुने दुख के चादर से धाक दिया तुने फिरभी खुशी के उपहार पाया मैने
असुओ से नहला दिया तुने दुख के चादर से धाक दिया तुने असुओ से नहला दिया तुने दुख के चादर से धाक दिया तुने फिरभी खुशी के उपहार पाया मैने
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