Find the Best सीट Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutलोकसभा सीट कितनी है, राज्यसभा सीट कितनी है, महागठबंधन में सीट बंटवारा, सीट का मतलब, जब मैं सीट करा,
puja udeshi
सीट....... मुझमे कई बैठे आराम किए और चलते बने कोई इंतज़ार करता कोई आपस मे गुफ्तगू प्यार करता, मैं रोज उन्हें देखता और पूछता कि मैं सिर्फ आराम का जरिया हूँ कोई मुझे अपने घर नहीं ले जाता, मैं बारिश मे भीगता धूप मे तपता कोई मेरी परवाह ना करता,मैं एक आराम देने वाली सीट बन रह गया, कोई मुझ से ये नहीं कह गया कि शुक्रिया तुम्हारा जो थके क़ो आराम दिया....... ©PФФJД ЦDΞSHI #raindrops #सीट #pujaudeshi Praveen Jain "पल्लव" vineetapanchal Anil Ray Nikhil saini Ranjit Kumar SIDDHARTH.SHENDE.sid वंदना .... Maaahi.. Ritu Tyagi Jyoti Sah
#raindrops #सीट #pujaudeshi Praveen Jain "पल्लव" vineetapanchal Anil Ray Nikhil saini Ranjit Kumar SIDDHARTH.SHENDE.sid वंदना .... Maaahi.. Ritu Tyagi Jyoti Sah
read moreNëélåm Råñï
बचपन में ये कविता किस किस ने सुनी है? तितली उड़ी बस में चढ़ी सीट ना मिलि ड्राइवर ने कहा आजा मेरे पास तितली बोली हट बदमाश comment krke btaye dosto 😉 ©Nëélåm Råñï #TiTLi #बचपन में ये कविता किस किस ने सुनी है? #तितली उड़ी बस में चढ़ी #सीट ना मिलि #ड्राइवर ने कहा आजा मेरे पास तितली बोली हट #बदमाश #comment krke btaye #dosto 😉 #no #nojotolife Ramesh Siju Avinash Tyagi ji AD Grk खामोशी और दस्तक Anshu writer Gurpreet sivia(ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ ਸਿਵੀਆ) gyanendra pandey जनकवि शंकर पाल( बुन्देली) narendra bhakuni Tajinder Singh
#TiTLi #बचपन में ये कविता किस किस ने सुनी है? #तितली उड़ी बस में चढ़ी #सीट ना मिलि #ड्राइवर ने कहा आजा मेरे पास तितली बोली हट #बदमाश #Comment krke btaye #Dosto 😉 #no #nojotolife Ramesh Siju Avinash Tyagi ji AD Grk खामोशी और दस्तक Anshu writer Gurpreet sivia(ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ ਸਿਵੀਆ) gyanendra pandey जनकवि शंकर पाल( बुन्देली) narendra bhakuni Tajinder Singh
read moreRajesh Roy
#सीट की पेटी बांध ले तू अब हो जा उड़ने को तैयार #coachrajeshroy #mindtrainerrajeshroy #motivationalpoem #motivationalquotes #inspirationalshayri nojoto
read moreSrmili💘
❗#मैं____हूँ____वो______लड़का❗ जिसने नहीं #छेड़ा आज तकिसी भी लड़की कोनहीं किया कोई #इज़हार.. घुटनों पर बैठकर कभी भी नही खरीदे फूल गुलाब के ना ही तोड़े, किसी को देने के लिए,ना ही किया पीछा किसी #स्कूटी का बाइक पर बैठ कर। मैं हूँ वो लड़का❗ जो नहीं गया किसी भी किले के अँधेरों में जलाने कोई आगऔर ना ही मिटाई #प्यासजाकर उन छिछले अँधेरों में... मैं हूँ वो लड़का❗ जिसने स्वीकारा प्यार का होना और भरपूर किया भी...बस नहीं किया तो वो शोर जिसके बिना आज के प्यार को प्यार नहीं मानते तुम.. और ना ही गुज़रा उन रास्तों परजहाँ का #टोल कटने के बाद ही,प्यार का होना तय किया है तुमने। मैं हूँ वो लड़का❗ जिसने चाँद की उपमाएं दीं...सावन में भीगी मुलाक़ातें कींनहीं किया तो बस #अफ़सोस...उसे सबके सामने ना चूमने का मुझे नहीं पसंद कुछ लम्हों में...सबका शामिल हो जाना नहीं पसंद प्रेम का #प्रदर्शन...सबके सामने किया जाना❗ मैं हूँ वो लड़का❗ जो छोड़ देता है #सीट,किसी जरूरतमंद की ख़ातिर..और खड़ा रहता हैं कंधों को साधे ,,कि धक्का लगा तो गुनाह होगा जो नहीं भेजता मित्रता प्रस्ताव...किसी को इनबॉक्स के लिए क्योंकि डर है किसी लड़की से....चरित्र प्रमाण पत्र मिलने का। जिसे कह दिया गया "कुत्ता,लफ़ंगा,छिछोरा"मंचो से कई दफ़ा महिलावाद की चुनरी ओढ़े डूबी आवाज कहती है '#आल_मेन_आर_डॉग्स' जो वफ़ादारी की इस उपमा से अलंकृत होने पर समाज का शुक्रिया अदा करता है❗ #थोड़ी_मेरी_और_थोड़ी_अज्ञात_की_पोस्ट 💘 ____yAsh
nishant
तरश मत खाना मोहब्ब्त की है तो बस इश्क़ निभाना मेरी पिछली सीट पे बैठा करती थी ,जो दुपट्टा संभाले बस ये संस्कार यू ही निभाना,आज हो सकता है गाड़ी की अगली सीट में मैं नही होउ,कोई भी हो दूरी उतनी ही बनाना। Read my thoughts on @YourQuoteApp #yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #thoughts #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub
तरश मत खाना मोहब्ब्त की है तो बस इश्क़ निभाना मेरी पिछली सीट पे बैठा करती थी ,जो दुपट्टा संभाले बस ये संस्कार यू ही निभाना,आज हो सकता है गाड़ी की अगली सीट में मैं नही होउ,कोई भी हो दूरी उतनी ही बनाना। Read my thoughts on @YourQuoteApp #yourquote #Quote #Stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #Thoughts #Poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub
read moredayal singh
जब कभी भी हमें अपने बचपन की याद आती है तो कुछ बातों को याद करके हम हर्षित होते हैं, तो कुछ बातों को लेकर अश्रुधारा बहने लगती है। हम यादों के समंदर में डूबकर भावनाओं के अतिरेक में खो जाते हैं। भाव-विभोर व भावुक होने पर कई बार हमारा मन भीग-सा जाता है। हर किसी को अपना बचपन याद आता है। हम सबने अपने बचपन को जीया है। शायद ही कोई होगा, जिसे अपना बचपन याद न आता हो। बचपन की अपनी मधुर यादों में माता-पिता, भाई-बहन, यार-दोस्त, स्कूल के दिन, आम के पेड़ पर चढ़कर 'चोरी से' आम खाना, खेत से गन्ना उखाड़कर चूसना और खेत मालिक के आने पर 'नौ दो ग्यारह' हो जाना हर किसी को याद है। जिसने 'चोरी से' आम नहीं खाए व गन्ना नहीं चूसा, उसने क्या खाक अपने बचपन को 'जीया' है! चोरी और चिरौरी तथा पकड़े जाने पर साफ झूठ बोलना बचपन की यादों में शुमार है। बचपन से पचपन तक यादों का अनोखा संसार है। वो सपने सुहाने ... छुटपन में धूल-गारे में खेलना, मिट्टी मुंह पर लगाना, मिट्टी खाना किसे नहीं याद है? और किसे यह याद नहीं है कि इसके बाद मां की प्यारभरी डांट-फटकार व रुंआसे होने पर मां का प्यारभरा स्पर्श! इन शैतानीभरी बातों से लबरेज है सारा बचपन। तोतली व भोली भाषा बच्चों की तोतली व भोली भाषा सबको लुभाती है। बड़े भी इसकी ही अपेक्षा करते हैं। रेलगाड़ी को 'लेलगाली' व गाड़ी को 'दाड़ी' या 'दाली' सुनकर किसका मन चहक नहीं उठता है? बड़े भी बच्चे के सुर में सुर मिलाकर तोतली भाषा में बात करके अपना मन बहलाते हैं। जो नटखट नहीं किया, वो बचपन क्या जीया? जिस किसी ने भी अपने बचपन में शरारत या नटखट नहीं की, उसने भी अपने बचपन को क्या खाक जीया होगा, क्योंकि 'बचपन का दूसरा नाम' नटखट ही होता है। शोर व उधम मचाते, चिल्लाते बच्चे सबको लुभाते हैं तथा हम सभी को भी अपने बचपन की सहसा याद हो आती है। वो पापा का साइकल पर घुमाना... हम में अधिकतर अपने बचपन में पापा द्वारा साइकल पर घुमाया जाना कभी नहीं भूल सकते। जैसे ही पापा ऑफिस जाने के लिए निकलते हैं, तब हम भी पापा के साथ जाने को मचल उठते हैं, तब पापा भी लाड़ में आकर अपने लाड़ले-लाड़लियों को साइकल पर घुमा देते थे। आज बाइक व कार के जमाने में वो 'साइकल वाली' यादों का झरोखा अब कहां? साइकलिंग थोड़े बड़े होने पर बच्चे साइकल सीखने का प्रयास अपने ही हमउम्र के दोस्तों के साथ करते रहे हैं। कैरियर को 2-3 बच्चे पकड़ते थे व सीट पर बैठा सवार (बच्चा) हैंडिल को अच्छे से पकड़े रहने के साथ साइकल सीखने का प्रयास करता था तथा साथ ही साथ वह कहता जाता था कि कैरियर को छोड़ना नहीं, नहीं तो मैं गिर जाऊंगा/जाऊंगी। लेकिन कैरियर पकड़े रखने वाले साथीगण साइकल की गति थोड़ी ज्यादा होने पर उसे छोड़ देते थे। इस प्रकार किशोरावस्था का लड़का या लड़की थोड़ा गिरते-पड़ते व धूल झाड़कर उठ खड़े होते साइकल चलाना सीख जाते थे। साइकल चलाने से एक्सरसाइज भी होती थी। हाँ, फिर आना तुम मेरे प्रिय बचपन! मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा ताउम्र!! राह तक रहा हूँ मैं!!!जब कभी भी हमें अपने बचपन की याद आती है तो कुछ बातों को याद करके हम हर्षित होते हैं, तो कुछ बातों को लेकर अश्रुधारा बहने लगती है। हम यादों के समंदर में डूबकर भावनाओं के अतिरेक में खो जाते हैं। भाव-विभोर व भावुक होने पर कई बार हमारा मन भीग-सा जाता है। हर किसी को अपना बचपन याद आता है। हम सबने अपने बचपन को जीया है। शायद ही कोई होगा, जिसे अपना बचपन याद न आता हो। बचपन की अपनी मधुर यादों में माता-पिता, भाई-बहन, यार-दोस्त, स्कूल के दिन, आम के पेड़ पर चढ़कर 'चोरी से' आम खाना, खेत से गन्ना उखाड़कर चूसना और खेत मालिक के आने पर 'नौ दो ग्यारह' हो जाना हर किसी को याद है। जिसने 'चोरी से' आम नहीं खाए व गन्ना नहीं चूसा, उसने क्या खाक अपने बचपन को 'जीया' है! चोरी और चिरौरी तथा पकड़े जाने पर साफ झूठ बोलना बचपन की यादों में शुमार है। बचपन से पचपन तक यादों का अनोखा संसार है। वो सपने सुहाने ... छुटपन में धूल-गारे में खेलना, मिट्टी मुंह पर लगाना, मिट्टी खाना किसे नहीं याद है? और किसे यह याद नहीं है कि इसके बाद मां की प्यारभरी डांट-फटकार व रुंआसे होने पर मां का प्यारभरा स्पर्श! इन शैतानीभरी बातों से लबरेज है सारा बचपन। तोतली व भोली भाषा बच्चों की तोतली व भोली भाषा सबको लुभाती है। बड़े भी इसकी ही अपेक्षा करते हैं। रेलगाड़ी को 'लेलगाली' व गाड़ी को 'दाड़ी' या 'दाली' सुनकर किसका मन चहक नहीं उठता है? बड़े भी बच्चे के सुर में सुर मिलाकर तोतली भाषा में बात करके अपना मन बहलाते हैं। जो नटखट नहीं किया, वो बचपन क्या जीया? जिस किसी ने भी अपने बचपन में शरारत या नटखट नहीं की, उसने भी अपने बचपन को क्या खाक जीया होगा, क्योंकि 'बचपन का दूसरा नाम' नटखट ही होता है। शोर व उधम मचाते, चिल्लाते बच्चे सबको लुभाते हैं तथा हम सभी को भी अपने बचपन की सहसा याद हो आती है। वो पापा का साइकल पर घुमाना... हम में अधिकतर अपने बचपन में पापा द्वारा साइकल पर घुमाया जाना कभी नहीं भूल सकते। जैसे ही पापा ऑफिस जाने के लिए निकलते हैं, तब हम भी पापा के साथ जाने को मचल उठते हैं, तब पापा भी लाड़ में आकर अपने लाड़ले-लाड़लियों को साइकल पर घुमा देते थे। आज बाइक व कार के जमाने में वो 'साइकल वाली' यादों का झरोखा अब कहां? साइकलिंग थोड़े बड़े होने पर बच्चे साइकल सीखने का प्रयास अपने ही हमउम्र के दोस्तों के साथ करते रहे हैं। कैरियर को 2-3 बच्चे पकड़ते थे व सीट पर बैठा सवार (बच्चा) हैंडिल को अच्छे से पकड़े रहने के साथ साइकल सीखने का प्रयास करता था तथा साथ ही साथ वह कहता जाता था कि कैरियर को छोड़ना नहीं, नहीं तो मैं गिर जाऊंगा/जाऊंगी। लेकिन कैरियर पकड़े रखने वाले साथीगण साइकल की गति थोड़ी ज्यादा होने पर उसे छोड़ देते थे। इस प्रकार किशोरावस्था का लड़का या लड़की थोड़ा गिरते-पड़ते व धूल झाड़कर उठ खड़े होते साइकल चलाना सीख जाते थे। साइकल चलाने से एक्सरसाइज भी होती थी। हाँ, फिर आना तुम मेरे प्रिय बचपन! मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा ताउम्र!! राह तक रहा हूँ मैं!!! bachpan ke din
bachpan ke din
read moreDhirendra Saxena
एक लाजवाब कहानी💕💕 शिप्रा का रिजर्वेशन जिस बोगी में था, उसमें लगभग सभी लड़के ही थे । टॉयलेट जाने के बहाने शिप्रा पूरी बोगी घूम आई थी, मुश्किल से दो या तीन औरतें होंगी । मन अनजाने भय से काँप सा गया । पहली बार अकेली सफर कर रही थी, इसलिये पहले से ही घबराई हुई थी। अतः खुद को सहज रखने के लिए चुपचाप अपनी सीट पर मैगज़ीन निकाल कर पढ़ने लगी । नवयुवकों का झुंड जो शायद किसी कैम्प जा रहे थे, के हँसी - मजाक , चुटकुले उसके हिम्मत को और भी तोड़ रहे थे । शिप्रा के भय और घबराहट के बीच अनचाही सी रात धीरे - धीरे उ
एक लाजवाब कहानी💕💕 शिप्रा का रिजर्वेशन जिस बोगी में था, उसमें लगभग सभी लड़के ही थे । टॉयलेट जाने के बहाने शिप्रा पूरी बोगी घूम आई थी, मुश्किल से दो या तीन औरतें होंगी । मन अनजाने भय से काँप सा गया । पहली बार अकेली सफर कर रही थी, इसलिये पहले से ही घबराई हुई थी। अतः खुद को सहज रखने के लिए चुपचाप अपनी सीट पर मैगज़ीन निकाल कर पढ़ने लगी । नवयुवकों का झुंड जो शायद किसी कैम्प जा रहे थे, के हँसी - मजाक , चुटकुले उसके हिम्मत को और भी तोड़ रहे थे । शिप्रा के भय और घबराहट के बीच अनचाही सी रात धीरे - धीरे उ
read moreVikramkumar
एक आदमी किसी College के Toilet में गया... अंदर टॉयलेट सीट पर बैठा तो सामने दिवार पर लिखा हुआ देखा... "इतना जोर अगर पढाई में लगाता तो तू आज किसी अच्छी सीट पर बैठा होता" 🙈😂😂😂
Saurav Sachan
"Love cycle प्यारे पापा आपकी बहुत याद आती हैं याहा होस्टल का रूम थोड़ा छोटा हैं मगर खिड़की से हवा खूब आती हैं पापा आज कॉलेज का पहला दिन था !और मैं पहले दिन ही लेट हो गया टीचर जी ने थोड़ी डाट लगाई .फिर अगले ही पल वो पहचान गए की मैं ही फर्सट रैंकर हूं और उन्होने मुझे सीट पर बैठने का इशारा किया ! फिर मैं आगे की दूसरी सीट पर बैठ गया !पहले दिन की वजह से आज केवल टीचर इन्ट्रोडक्सन करा रहे थे छुट्टी होते ही हम सब बाहर निकल रहे थे तभी पीछे से तेज आवाज में मुझे किसी ने बुलाया "निखिल..... निखिल..... मैं चौक गया फिर मुझे लगा किसी और को बुलाया होगा .मगर अगले ही पल फिर आवाज आई "हाय निखिल ...... अब वो मेरे ठीक सामने खड़ी थी! मैं यही सोच रहा था की कही ये किसी और को समझ कर मुझे तो...... मगर तब तक वो फिर से बोली.... "मैं निधी इसी क्लास में पढती हू .क्या आप मुझसे दोस्ती करे गे मैं डरते हुए "नहीं हा, नहीं मतलब कैसे मैं आपको जानता भी..... नहीं उधर से जवाब आयी"अरे जान जाए गे !मैंने कहा ओके ये कह कर हम बाहर निकल आये फिर साइकिल स्टैन्ड से साइकिल उठाई और पैदल ही चल दिया क्योकी सुबह आते समय साईकिल पंक्चर.हो गई थी .......... First part #lOVECYCLE-1.... #sayriwale #hindiwriting #lovestory
First part #LOVECYCLE-1.... #sayriwale #hindiwriting #LoveStory
read more*Gopal Ojha*
हम उस देश के वासी है जहां लाखो रुपये की बस🚎 व करोड़ो रूपये की ट्रेन🚆 की सीट पर.... . . . . 5 रुपये का रुमाल रखकर ये तसल्ली कर लेते है कि ये सीट अब हमारी है...!!! 😝😝😝 funny 😂😂😂👍
funny 😂😂😂👍
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