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Hrishabh Trivedi

Dedicating a #testimonial to Anjali Rai किसी के विशेष दिन भर उसे उसकी खूबियों के बारे में बताना एक बेहद प्यारा एहसास होता है, ऐसे हम उस व्यक्ति की खूबियों और उन बातों को दर्शाते हैं जो हमें सबसे ज्यादा पसंद होती है। लेकिन हम कितनी भी कोशिश कर ले गंगा के समस्त गुणों को लिखकर या बोलकर बता पाना मुमकिन नहीं है, हम नहीं बता सकते.... ऐसा ही कुछ आप के साथ भी है। आपकी समस्त खूबियों को बताना एक साथ, एक बार में बता पाना मेरे लिए तो संभव नहीं..... मुझे लगता है कि घाट से ज्यादा शांत और घाट से ज्यादा बेचैन

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❤️💐🎂Happy Birthday Blo🎂💐❤️
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❤️❤️ Dedicating a #testimonial to Anjali Rai

किसी के विशेष दिन भर उसे उसकी खूबियों के बारे में बताना एक बेहद प्यारा एहसास होता है, ऐसे हम उस व्यक्ति की खूबियों और उन बातों को दर्शाते हैं जो हमें सबसे ज्यादा पसंद होती है। लेकिन हम कितनी भी कोशिश कर ले गंगा के समस्त गुणों को लिखकर या बोलकर बता पाना मुमकिन नहीं है, हम नहीं बता सकते.... ऐसा ही कुछ आप के साथ भी है। आपकी समस्त खूबियों को बताना एक साथ, एक बार में बता पाना मेरे लिए तो संभव नहीं.....

मुझे लगता है कि घाट से ज्यादा शांत और घाट से ज्यादा बेचैन

Hrishabh Trivedi

Dedicating a #testimonial to Anjali Rai बूंदे तो बहुत होती हैं, मगर जब कोई बूंद सीपी में गिरकर एक मोती बन जाती है तो उसकी बात कुछ और होती है कांटों की डंडी तो बहुत होती है, मगर जब कोई डंडी गुलाब बन जाती है तो उसकी बात कुछ और होती है सांसें तो बहुत होती हैं, मगर जब वो सांसें आपको मधुर संगीत सुनाएं(ex.बांसुरी) तो उसकी बात कुछ और होती है

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Happy Birthday Bro
🤗🤗💐💐 Dedicating a #testimonial to Anjali Rai

बूंदे तो बहुत होती हैं, मगर जब कोई बूंद सीपी में गिरकर एक मोती बन जाती है तो उसकी बात कुछ और होती है

कांटों की डंडी तो बहुत होती है, मगर जब कोई डंडी गुलाब बन जाती है तो उसकी बात कुछ और होती है

सांसें तो बहुत होती हैं, मगर जब वो सांसें आपको मधुर संगीत सुनाएं(ex.बांसुरी) तो उसकी बात कुछ और होती है

अशेष_शून्य

Dear Me , देखो , सुनो समझो कहो वो जो देखा सुना और कहा नहीं जा सकता।। क्योंकि कितने खाली हैं मन और जीवन एकदम कोरे कागज की तरह जिस पर हम जो चाहे जैसे चाहें उकेर सकते हैं । इस आसमान की तरह जिसका कोई रंग नहीं फिर भी हम अपने मन मुताबिक रंग सकते हैं और रंगते ही हैं।

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खत १

(०३/११/२०२२)

~©Anjali Rai  Dear Me ,

देखो , सुनो समझो कहो
वो जो देखा सुना और कहा नहीं जा सकता।।

क्योंकि कितने खाली हैं मन और जीवन 
एकदम कोरे कागज की तरह जिस पर हम जो चाहे जैसे चाहें उकेर सकते हैं ।
इस आसमान की तरह जिसका कोई रंग नहीं फिर भी हम अपने मन मुताबिक रंग सकते हैं और रंगते ही हैं।

अशेष_शून्य

प्रेम ने हमेशा मुझे प्राथमिकता के क्रम में पहले रखा पर मैंने उसको आखिर में मैं नकारती रही उस पात्र की मिट्टी के अस्तित्व को जिसमें रखकर प्रेम मुझ तक लाया गया

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~©Anjali Rai  प्रेम ने हमेशा मुझे 
प्राथमिकता के क्रम में पहले रखा 
पर मैंने उसको आखिर में 

मैं नकारती रही 
उस पात्र की मिट्टी के अस्तित्व को 
जिसमें रखकर प्रेम मुझ तक 
लाया गया

अशेष_शून्य

ये मशीनी दुनिया है जिसमें हर क्षण मशीन बने रहने की होड़ लगी है सब भाग रहें हैं मैं फिर दोहराऊंगी बिना ये जाने की भागना जरूरी भी है या नहीं

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~©Anjali Rai  ये मशीनी दुनिया है 
जिसमें हर क्षण मशीन बने 
रहने की होड़ लगी है 
सब भाग रहें हैं 
मैं फिर दोहराऊंगी
बिना ये जाने 
की भागना जरूरी भी है 
या नहीं

अशेष_शून्य

हमने जब भी आकाश की तरफ देखा ; नभचर परिंदे बन गए कभी हम हांफते रहे थकते रहे पर उड़ने की चाह न छोड़ पाए हम गिरे फिर उठे फिर गिरे और दौड़ते रहे दौड़ते रहे घोड़ों की तरह।

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आदमी ने  उतार फेंका अपनी देह से 
आत्मा को ।
अब वह पूरी तरह से आदमखोर
 जानवर है ।।

~©अंजली राय  हमने जब भी आकाश की तरफ
देखा ; नभचर परिंदे बन गए 
कभी हम हांफते रहे थकते रहे 
पर उड़ने की चाह न छोड़ पाए

हम गिरे फिर उठे फिर गिरे
और दौड़ते रहे दौड़ते रहे 
घोड़ों की तरह।

अशेष_शून्य

राम समझते हैं प्रेम का अर्थ इसलिए वो राम नहीं हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उन्होंने त्याग के अर्थ को समझा और अपनाया है या तो राम स्वयं ही प्रेम का पर्याय

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कृष्ण समझते हैं शांति का अर्थ
इसलिए वो कृष्ण नहीं हैं 
बल्कि इसलिए हैं
क्योंकि 
उन्होंने कर्म के अर्थ को 
समझा और अपनाया है।

या तो कृष्ण स्वयं ही 
शांति का पर्याय बन गए, 
या कर्म ने उन्हें अपना पर्याय 
बना लिया।

~©Anjali Rai  राम समझते हैं प्रेम का अर्थ
इसलिए वो राम नहीं हैं
बल्कि इसलिए हैं 
क्योंकि
उन्होंने त्याग के अर्थ को
समझा और अपनाया है 

या तो राम स्वयं ही प्रेम का पर्याय

अशेष_शून्य

तुम्हारे मुस्कुराते होठों के प्रतिबिंब को मेरी पुतलियों से टकराकर जब तुम्हारी आंखों में झलकता देखती हूं तो मेरे इस यकीन पर मेरा यकीन और गहरा जाता है कि "ये दुनिया वाकई बेहद खूबसूरत है" एक प्रेमी हृदय इस संसार में

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...... तुम्हारे मुस्कुराते होठों के
प्रतिबिंब को मेरी
पुतलियों से टकराकर जब तुम्हारी आंखों में झलकता देखती हूं 
तो मेरे इस यकीन पर मेरा
 यकीन और गहरा जाता है कि
"ये दुनिया वाकई बेहद खूबसूरत है"

एक प्रेमी हृदय इस संसार में

अशेष_शून्य

जब प्रकृति ने अपनी निश्छलता, कोमलता मातृत्व सहेजने को एक पात्र मांगा होगा तब ईश्वर ने स्त्री के हृदय में एक बहन को गढ़ा होगा। जब प्रकृति ने अपना पवित्र

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जब प्रकृति ने अपना पवित्र 
प्रतिबिंब उकेरने को एक
आईना मांगा होगा तब 
ईश्वर ने पुरुष की पुतलियों में
एक भाई गढ़ा होगा ।।

~© अंजली राय  जब प्रकृति ने 
अपनी निश्छलता, कोमलता
मातृत्व सहेजने को एक 
पात्र मांगा होगा तब 
ईश्वर ने स्त्री के 
हृदय में एक बहन को गढ़ा होगा।

जब प्रकृति ने अपना पवित्र

अशेष_शून्य

प्रेयसी होती होगी रूमानी गुलाबी गुलाब ! जो खुले केशों में बिखरी बिखरी पंखुड़ियों सी खींचना, खीझना रिझना, रिझाना तितलियों सी इठलाना रूठना, मनाना जानती होगी ।

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"प्रेयसी होती होगी
 गुलाबी गुलाब !
पर पत्नी सिंदूरी
गुलमोहर होती है।"

~© अंजली राय

 प्रेयसी होती होगी
रूमानी गुलाबी गुलाब !

जो खुले केशों में बिखरी बिखरी
पंखुड़ियों सी खींचना, खीझना
रिझना, रिझाना
तितलियों सी इठलाना 
रूठना, मनाना जानती होगी ।
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