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Sachin Ratnaparkhe

कोई ये #गलतफ़हमी में न रहे कि में #फ़क़त #नुम़ाइशी के लिए ही शेर-ओ-शायरियां लिखता हूं, यह तो #कोशिश है मेरी #आवाज़_ए_जुबां को अपने अंदाज से #सम्पूर्ण #ब्रह्माण्ड को #अवगत कराने की। राही

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कोई ये गलतफ़हमी में न रहे कि में फ़क़त नुम़ाइशी के लिए ही शेर-ओ-शायरियां लिखता हूं,
यह तो कोशिश है मेरी आवाज़-ए-जुबां को अपने अंदाज़ से सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को अवगत कराने की। कोई ये #गलतफ़हमी में न रहे कि में #फ़क़त #नुम़ाइशी के लिए ही शेर-ओ-शायरियां लिखता हूं,
यह तो #कोशिश है मेरी #आवाज़_ए_जुबां को अपने अंदाज से #सम्पूर्ण #ब्रह्माण्ड को #अवगत कराने की।

राही

Sushma Sonu Thakur

जाने किन किन दिनों से अवगत
करवाता है ये वक़्त का आलम
*******
आज मैं किसी के दास्तां-ए-तलब में हूँ
तो किसी की हर्फ़ -ए-दुआ में हूँ
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किसी की याद-ए-रफ्तगां में हूँ
तो किसी के लिए इबादत-ए-इश्क हूँ #nojotohindi #nojotoquotes #nojotoshayri #nojotolines
#sushmathakur #ज़िन्दगी
#वक़्त #अवगत #इश्क #ऊर्दू

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 11 - महत्संग की साधना 'मेरी साधना विफल हुई।' गुर्जर राजकुमार ने एक लम्बी श्वास ली। वे अपने विश्राम-कक्ष में एक चन्दन की चौकी पर धवल डाले विराजमान थे। ग्रन्थ-पाठ समाप्त हो गया था और जप भी पूर्ण कर लिया था उन्होंने। ध्यान की चेष्टा व्यर्थ रही और वे पूजा के स्थान से उठ आये। राजकुमार ने स्वर्णाभरण तो बहुत दिन हुए छोड़ रखे हैं। शयनगृह से हस्ति-दन्त के पलंग एवं कोमल आस्तरण भी दूर हो चुके हैं। उनकी भ्रमरकृष्ण घुंघराली अलकें सुगन्धित तेल का सिञ्च

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
11 - महत्संग की साधना

'मेरी साधना विफल हुई।' गुर्जर राजकुमार ने एक लम्बी श्वास ली। वे अपने विश्राम-कक्ष में एक चन्दन की चौकी पर धवल डाले विराजमान थे। ग्रन्थ-पाठ समाप्त हो गया था और जप भी पूर्ण कर लिया था उन्होंने। ध्यान की चेष्टा व्यर्थ रही और वे पूजा के स्थान से उठ आये।

राजकुमार ने स्वर्णाभरण तो बहुत दिन हुए छोड़ रखे हैं। शयनगृह से हस्ति-दन्त के पलंग एवं कोमल आस्तरण भी दूर हो चुके हैं। उनकी भ्रमरकृष्ण घुंघराली अलकें सुगन्धित तेल का सिञ्च

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