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RAHUL VERMA
----------बातें इतिहास की---------- अकबर के नवरत्ल- सामान्य रूप से रत्न पत्थर का टुकडा होता है, लेकिन अपनी विशिष्ट पहचान के कारण कुछ पत्थरों को रत्न का दर्जा मिलता है। अकबर ने भी ऐसे विशिष्ट गुणों वाले प्रतिभावान एवं बुद्धिजीवी व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें अपने दरबार में नवरत्न की उपाधि दी। मुल्ला दो प्याजा, हकीम हुमाम, अब्दुर्हीम खानखाना, अबुल फज़ल, तानसेन, राजा मानसिंह, राजा टोडरमल, फैजी व राजा बीरबल उसके दरबार के 'नवरत्न' थे। #इतिहास_के_पन्ने #नौरत्न #okaytobeawake
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read moreRicha Mishra
|| उत्तर प्रदेश की गाथा || राम लला की जननी ये हैं कृष्ण कला की धर्मशिला ! नेहरू जी की कर्मभूमि हैं बच्चन जी की अभिनय कला !! हिन्दी भाषा की जन्मभूमि हैं अपभ्रंश , अवहट्ट का आरंभ यहां ! वैदिक संस्कृति की लौकिक गाथा ये आर्य का आरंभ यहां !! चम्पू शैली का प्रकरण हैं मिलता संस्मरण , जीवन साहित्य का साक्ष्य यहां ! हैं विस्तृत प्रदेश यह लगभग 2,50,000 वर्ग किमी में !! || • पढ़े अनुशीर्षक में • || बहती नदियां यहां हैं मिलती गंगा , यमुना , सरस्वती का संगम ! होती हैं उद्भव का प्रारंभ हिमखंडो खाड़ी से ! केन , बेतवा , घाघरा और रामगंगा का मित्र मिलन यहां ! है ऐतिहासिक धरोहर
बहती नदियां यहां हैं मिलती गंगा , यमुना , सरस्वती का संगम ! होती हैं उद्भव का प्रारंभ हिमखंडो खाड़ी से ! केन , बेतवा , घाघरा और रामगंगा का मित्र मिलन यहां ! है ऐतिहासिक धरोहर
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|| उत्तर प्रदेश की गाथा || राम लला की जननी ये हैं कृष्ण कला की धर्मशिला ! नेहरू जी की कर्मभूमि हैं बच्चन जी की अभिनय कला !! हिन्दी भाषा की जन्मभूमि हैं अपभ्रंश , अवहट्ट का आरंभ यहां ! वैदिक संस्कृति की लौकिक गाथा ये आर्य का आरंभ यहां !! चम्पू शैली का प्रकरण हैं मिलता संस्मरण , जीवन साहित्य का साक्ष्य यहां ! हैं विस्तृत प्रदेश यह लगभग 2,50,000 वर्ग किमी में !! || • पढ़े अनुशीर्षक में • || बहती नदियां यहां हैं मिलती गंगा , यमुना , सरस्वती का संगम ! होती हैं उद्भव का प्रारंभ हिमखंडो खाड़ी से ! केन , बेतवा , घाघरा और रामगंगा का मित्र मिलन यहां ! है ऐतिहासिक धरोहर
बहती नदियां यहां हैं मिलती गंगा , यमुना , सरस्वती का संगम ! होती हैं उद्भव का प्रारंभ हिमखंडो खाड़ी से ! केन , बेतवा , घाघरा और रामगंगा का मित्र मिलन यहां ! है ऐतिहासिक धरोहर
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इतिहास पढ़ने के बाद मुझे इतना ही समझ में आया गांधी जी सही थे अंग्रेजों से लड़ाई में.. गोडसे जी सही थे हिंदुत्व की लड़ाई में... दोनों को गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा। तुम्हें बुरा लगे तो गोली मार देना फिर कहना ये राष्ट्र के लिए जरूरी था बस ऐसा ही गोडसे को समझ लेना...🚩 इतिहास पढ़ने के बाद मुझे इतना ही समझ में आया_—_— गांधी जी सही थे अंग्रेजों से लड़ाई में.. गोडसे जी सही थे हिंदुत्व की लड़ाई में... दोनों को गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा।
तुम्हें बुरा लगे तो गोली मार देना फिर कहना ये राष्ट्र के लिए जरूरी था बस ऐसा ही गोडसे को समझ लेना...🚩 इतिहास पढ़ने के बाद मुझे इतना ही समझ में आया_—_— गांधी जी सही थे अंग्रेजों से लड़ाई में.. गोडसे जी सही थे हिंदुत्व की लड़ाई में... दोनों को गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा।
read moreNasamajh
कोई रोको इस वक्त की आंँधी को... यूँ जो खुद में समेटे रहा हैं इतिहास के पन्नों को इतिहास बन कर ।। #इतिहास_के_पन्ने #इतिहास_बनकर #हिंदीशायरियां #हिंदी_कोट्स_शायरी #हिंदी #हिंदीqoutes
kaushik
सरदार हरिसिंह नलवा सरदार हरिसिंह नलवा के बारे में क्या जानते हो? महाराजा रणजीत सिंह के एक बहादुर सेनापति एक दिन शिकार के समय जब महाराजा रणजीत सिंह पर अचानक शेर ने हमला किया, तब हरि सिंह ने उनकी रक्षा की थी। इस पर महाराजा के मुख से अचानक निकला "अरे तुम तो राजा नल जैसे वीर हो।" तभी से नल से हुए "नलवा" के नाम से वे प्रसिद्ध हो गये। Comment में बताइए
सरदार हरिसिंह नलवा के बारे में क्या जानते हो? महाराजा रणजीत सिंह के एक बहादुर सेनापति एक दिन शिकार के समय जब महाराजा रणजीत सिंह पर अचानक शेर ने हमला किया, तब हरि सिंह ने उनकी रक्षा की थी। इस पर महाराजा के मुख से अचानक निकला "अरे तुम तो राजा नल जैसे वीर हो।" तभी से नल से हुए "नलवा" के नाम से वे प्रसिद्ध हो गये। Comment में बताइए
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मानगढ स्मृति स्मारक मानगढ़ के बारे में जानकारी है? मानगढ़ गुजरात के पंचमहाल ( हाल का महिसागर जिला) में संतराम पुर के पास (राजस्थान बांसबाड़ा भी नजदीक है) है। जहां १९१३ में अंग्रेजों ने आदिवासीओ की हत्या की थी। करीबन १५०९ स्त्री पुरुष मारे गये थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड से पहले हुआ था। लेकिन इतिहास में यह हत्याकांड मामला सामने आया नहीं था। #इतिहास_के_पन्ने #मानगढ़_नरसंहार
मानगढ़ के बारे में जानकारी है? मानगढ़ गुजरात के पंचमहाल ( हाल का महिसागर जिला) में संतराम पुर के पास (राजस्थान बांसबाड़ा भी नजदीक है) है। जहां १९१३ में अंग्रेजों ने आदिवासीओ की हत्या की थी। करीबन १५०९ स्त्री पुरुष मारे गये थे। जलियांवाला बाग हत्याकांड से पहले हुआ था। लेकिन इतिहास में यह हत्याकांड मामला सामने आया नहीं था। #इतिहास_के_पन्ने #मानगढ़_नरसंहार
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