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Amit Singhal "Aseemit"
कभी कभी हमको मिलती है उस क़सूर की सज़ा, जो हमने कभी किया न हो, न रही हो हमारी रज़ा। बेवफ़ा ने दिल हमारा तोड़ा, हमने शिकायत नहीं की, फिर भी उसने हमें क़सूरवार मानकर सज़ा हमें ही दी। ©Amit Singhal "Aseemit" #रज़ा
Simant Sharma
तलाश-ए-जिंदगी में भटकता रहा हूँ ताउम्र मयस्सर मुझे कभी चैन-ओ-सूकून ना हुआ बड़े ही एहतराम से मांगी है रब से इज़ाज़त मगर कबूल ना हुई कभी मांगी थी जो दुआ रब मेरी सुनता नहीं है!! 🙏 #फरियाद #रज़ा #मयस्सर #yqdidi #yqhindi #अनकहेअल्फ़ाज़
Shayar E Badnaam
किया है गुनाह तो सजा भी मंजूर हो, जब रजा ना मिले तो कजा भी मंजूर हो.... #गुनाह #रज़ा #सज़ा #कजा #मंजूर_हो #शायर_ए_बदनाम
तृप्ति
एक हद तक सिखा रखा है मैने ख़ुद को हौंसला रखना अब हर हद ही गुजर जाए तो भला क्या करें... जमीं भी सहती है माना सूरज की गर्मी बारिश न आये और वो फट जाए तो भला क्या करें... उम्र भर हुई है यूँ तो आजमाइशें अपनी कोई इम्तिहान अगर बिगड़ जाए तो भला क्या करें... अपनी कोशिशों में हमने कोई कमी न रखी अब फ़िर भी हार जाए तो भला क्या करें... हर बात में है तेरी ही रज़ा ए ऊपर वाले... ये ही कहे और तो हम भला क्या करें... ©तृप्ति #रज़ा
Hemant Rai
मेरी रज़ा..... #शायरी #रज़ा #Trending #viral #ViralVideo #twoliner #twolineshayari
read moreRana Hijab
न कर इंतज़ार उसका कि उसके जाने में रज़ा रब की भी थी , हां लौट आता वह गर मोहब्बत होती उसे पर ये बता उसे तुझसे मोहब्बत ही कब थी??!! "पर ये बता उसे तुझसे मोहब्बत ही कब थी"??!! #रज़ा #रब #इंतज़ार #मोहब्बत
stranger
ए हुस्न के मालिक बता तेरी रज़ा क्या है हर हाल में कबूल होगी सर झुकाकर बता तो सही तेरे इश्क की सज़ा क्या है #रज़ा #इश्क #सज़ा
Manu
सोमवार की फ़िक्र में रविवार की ना मज़ा मना सकें हम,ना रज़ा मना सकें - मंदाकिनी #सोमवार #की #फ़िक्र #में #रविवार #की #ना #मज़ा #मना #सकें #हम #ना #रज़ा #मना #सकें
रज़ा ख़ान रज़ा
मुझे दूर करने की तु सारी कोशिशें कर गई, तुझे पाने की मेरी ही सारी ख़्वाहिशें मर गई, मोहब्बत जिस्म से करने वाले क्या समझेंगे, वो पाक मासूम रूह थी छूते ही डर गई, बड़ा अजीब रिश्ता रहा मेरा अपनो के साथ, भला बुरा कहते मुझे आखें माँ की भर गई,
मुझे दूर करने की तु सारी कोशिशें कर गई, तुझे पाने की मेरी ही सारी ख़्वाहिशें मर गई, मोहब्बत जिस्म से करने वाले क्या समझेंगे, वो पाक मासूम रूह थी छूते ही डर गई, बड़ा अजीब रिश्ता रहा मेरा अपनो के साथ, भला बुरा कहते मुझे आखें माँ की भर गई,
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