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Poonam Suyal

#कलमकेकलाकार कलम के कलाकार #sadShayari #WorldPostOfficeDay #rzwotm #rzwotm_oct #restzone #ps_dailyquotes Collaborating with कलम के कलाकार

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मेरी खामोशी को गर, 
पढ़ पाओ तुम 
तो जानोगे कि,
क्या छुपा है दिल में मेरे 
कितने तन्हा हैं हम,
बिन तेरे  #कलमकेकलाकार 
कलम के कलाकार 
#sadshayari 
#worldpostofficeday  
#rzwotm #rzwotm_oct
#restzone #ps_dailyquotes
Collaborating with कलम के कलाकार

Sarfaraj idrishi

#WorldPostOfficeDay *मुझे इल्म है ।।* *यह दुनिया एक बहुत बड़ी फिल्म है।।।*😒 *✍️✮͜͡♔ ̶͢ ̶ͨ ̶ͧ ̶ͭ ̶ͤ...Siddiqui❥͜͡✬࿐*Anchal Godiyal (shine writer) Priya Godiyal Anwesha Rath रविन्द्र 'गुल' ek shayar Madhiya Mir

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मुझे इल्म है ।।
यह दुनिया एक बहुत बड़ी फिल्म है।।।
😒

©Sarfaraj idrishi #WorldPostOfficeDay *मुझे इल्म है ।।* 
*यह दुनिया एक बहुत बड़ी फिल्म है।।।*😒


*✍️✮͜͡♔ ̶͢ ̶ͨ ̶ͧ ̶ͭ ̶ͤ...Siddiqui❥͜͡✬࿐*Anchal Godiyal (shine writer) Priya Godiyal  Anwesha Rath रविन्द्र 'गुल' ek shayar Madhiya Mir

Sarfaraj idrishi

#WorldPostOfficeDay *4- मुझे #रास्तों से मत #डराओ#दुनियां वालों*#Sarfaraj #idrishi *मैं जिसकी आस पर हूँ* *वो #रब्बे_करीम है*कृष्णा वाघमारे ,, Kumbhar Pimpalgaon, Jalna, 431211,maharastra GOPAL pagal_balak21 Madhu Chauhan✍️ arvindyadav_1717

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मुझे रास्तों से मत डराओ ऐ दुनियां वालों
मैं जिसकी आस पर हूँ
वो रब्बे करीम है

©Sarfaraj idrishi #WorldPostOfficeDay *4- मुझे #रास्तों से मत #डराओ ऐ #दुनियां वालों*#sarfaraj #idrishi
*मैं जिसकी आस पर हूँ*
*वो #रब्बे_करीम है*कृष्णा वाघमारे ,, Kumbhar Pimpalgaon, Jalna, 431211,maharastra GOPAL pagal_balak21 Madhu Chauhan✍️ arvindyadav_1717

Sarfaraj idrishi

Mohabbat Sikhni hai to Maut Se Sikho Jo Ekbaar Gale Lagale To Fir Kisi ka Hone Nahi Deti #WorldPostOfficeDay udass Afzal Khan Alok jee बाबा ब्राऊनबियर्ड Anand Pandey Internet Jockey

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Mohabbat Sikhni hai to

Maut Se Sikho
 Jo Ekbaar Gale Lagale To
 Fir Kisi ka Hone Nahi Deti

©Sarfaraj idrishi Mohabbat Sikhni hai to

Maut Se Sikho Jo Ekbaar Gale Lagale To Fir Kisi ka Hone Nahi Deti

#WorldPostOfficeDay  udass Afzal Khan Alok jee बाबा ब्राऊनबियर्ड Anand Pandey Internet Jockey

rahul Dubey

#Moon

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चिट्ठियां 

            (1)

चिट्ठियों ने सिखाया हमें 
प्रेम की सबसे पवित्रतम अभिव्यक्ति का कायदा
इन्हीं से जाना हमने 
प्रतीक्षा के फैले रेगिस्तान में छिपे शीतल कूप का ठिकाना
और ये समझे हम कि
सब कुछ नहीं होता महज लिखे में 
बल्कि शब्दों की डोर पकड़ उड़ना होता है 
अनकही भावनाओं के आसमान में 

हमने सीखे चिट्ठियों से ही
उन्हें सहेजने के कई-कई सलीके
कुछ को छोटे-छोटे टुकड़े कर हम उन्हें बिखेर देते थे खेतों में 
उनमें उग आईं फसलों को सहेजते थे
चिट्ठियों में लिखे संदेश की तरह ही
कुछ को उड़ा देते थे हम हवा की दिशा में बिना पता-ठिकाना
छत पर चाँद आता था लेकर जवाबी चिट्ठी
जागती आँखें बांचती थी उसे तकिये पर टिकाये सारी रात
कुछ चिट्ठियां हमने रख ली संदूकों में संभालकर
कुछ मन की परतों में दबाकर
जो निकल आतीं हैं 
हमारे अकेलेपन के अंधेरों में अभी भी 
बनकर के रोशनी

            (2) 

कुछ चिट्ठियां कभी नहीं पहुँची अपने ठिकानों पर
कुछ लग गईं गलत हाथों में 
कुछ के जवाब नहीं आए कभी
कुछ मन पर ही लिखीं गईं उतरी नहीं कागज़ पर
कुछ चिट्ठियों आईं अपने अंतिम होने की घोषणा के साथ 
पर चिट्ठियां जहाँ भी रहीं जिस रूप में रहीं
जिंदगी की चाशनी से लिपटीं रहीं 
चिट्ठियां जिंदगी के प्रेम में थीं 

          (3)

पिता परदेस रहते थे
अनपढ़ माँ गाँव में ही छूटी रही थी बरसों
पर मैंने देखा था कि
चिट्ठी बन कैसे जब-तब
पिता आ जाते थे गाँव 
माँ चली जाती थी शहर

मैं छोटा था 
लिखना-पढ़ना सीखा ही था
माँ मुझसे ही लिखवाती और पढ़वाती थी चिट्ठियां 

बहुत सी बातें नहीं समझता था
पर पहचानता था 
माँ की आँखों में उड़े जुगनुओं को
उनमें लहराती नदी को
चिट्ठी सुनते हुए थोड़ी देर रुक जाने और पंक्तियाँ दुहराने को उसका कहना 
या लिखवाते हुए बोलते-बोलते चुप हो जाना खलता था मुझको

मैं इतना जानता था कि ये जुबान, कान या ध्यान का नहीं 
कुछ और मामला है

आज तक याद है उसकी लिखवाई हर चिट्ठी की अंतिम पंक्ति-
'बाकी आप तो खुद समझदार हैं, थोड़ा लिखना बहुत समझना'
मैंने चिट्ठियों से ही जाना 
कि कितना जरूरी है कुछ अनकहा रह जाना

चिट्ठियां मेरी पहली तालीम थीं 
इस दुनिया और दूसरी दुनिया के बारे में।

           (4)

इच्छाएं भी अजीब हैं 
मोबाइल के इस दौर में भी मैं 
अपने बच्चों को सिखाना चाहता हूँ चिट्ठी लिखना
जिसे लिखना सीखा था मैंने अपनी अनपढ़ माँ से
वो हर महीने लिखवाती थी चिट्ठी 
परदेस गये पिता के लिए

मैं उन्हें बताना चाहता हूँ 
प्रेम में शब्दों की कीमत
रोकना चाहता हूँ उनकी फिज़ूलखर्ची 
और पैदा करना चाहता हूँ 
थोड़े लिखे में ज्यादा समझने का माद्दा

मैं उन्हें देना चाहता हूँ 
प्रेम में दूरी के गणित को सुलझाने का सूत्र 
प्रतीक्षा की बागबानी को हरा रखने का सलीका
शब्दों को देर तक पकाने
उन्हें कागज़ पर परोसने
और दूर देश में अपनी प्रेमिका या प्रेमी तक पहुँचा पाने में लगे समय के कौतूहल को जीने का अवसर
जवाब आने की नाउम्मीदी में भी उम्मीद पालने का हुनर

चिट्ठियों के अलावा 
कौन सिखाएगा उन्हें ये सब
क्या मोबाइल?

            (5)

चिट्ठियां लौटती हैं 'हाँ' बनकर तो
प्रेमी खिल जाते हैं 
प्रेमिका का पसंदीदा फूल बनकर 
और यदि 
वे आतीं हैं 'ना' बनकर
तो प्रेमी खाद बन जाते हैं 
और घुल जाते हैं मिट्टी में 
कि खिल सकें फुलवारियां।

         (6)

सबसे ज़्यादा 
परेशान होता हूँ ये सोचकर
कि चिट्ठियां लिखने और बांचने वाली
अंतिम पीढ़ी के लोग हैं हम

सोचता हूँ 
चिट्ठियों के बिना ये दुनिया 
कैसे रहेगी?
क्या प्रेम करने वाली अंतिम पीढ़ी हैं हम?

- आलोक कुमार मिश्रा 

#WorldPostOfficeDay पर कविता का एक अंश, जिसका पोस्टर बनाया है Ajamil Vyas सर ने।

©rahul Dubey #Moon

satish kumar 49

अगर स्वर्ग में डाकघर होता तो nojoto #WorldPostOfficeDay

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अगर स्वर्ग में  डाकघर होता तो
हम उनको भरोसा दिला पाते
हमारी मोहब्बत का,अगर मर भी 
जाते उनको विश्वास कराते कराते, 
तो कभी-कभी चिट्टी भेजकर उनका
हाल पूछ लिया करते

© satish kumar 49 अगर स्वर्ग में डाकघर होता तो #nojoto #Nojoto 

#WorldPostOfficeDay

नासिर काज़मी

माही 

पोस्ट लाइक करने से भी डरती हो की कही लोग जान न जाए 

के 

तुम ही वो माही हो जिसने मूझे पागल बना के रखा है

©नासिर काज़मी #WorldPostOfficeDay

Aradhana Khare

स्वर्ग में होता डाकघर तो,
बहुत से पत्र पहुँचाती..
सभी के हाल ले करके,
अनूठा प्यार दिखलाती....

©Aradhana Khare #WorldPostOfficeDay

Sagar Anant Jog

apni sari najmein 
mere pyar ko
 khun se likh ke bhej deta

©Sagar Anant Jog #WorldPostOfficeDay

SHIVAJI GADE

स्वर्ग मैं डाक घर होता तो. #WorldPostOfficeDay

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चिडिया बनके मैं उड जाता इंद्र लोक के पास मैं आजाता ....परिओ की दो बाते मैं सूनता.इंद्र दरबार में सबको मैं बताता....स्वर्ग में मेरे पास डाकघर होता.

©SHIVAJI GADE स्वर्ग मैं डाक घर होता तो.
#WorldPostOfficeDay
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